रविवार, 5 अप्रैल 2020

अब जम्मू-कश्मीर में डेढ़ दशक से रहने वाले होंगे राज्य के निवासी!


केंद्र सरकार ने संशोधित 138 कानूनों को तत्काल प्रभाव से किया लागू
केंद्रीय कानूनों को लागू करने के लिए गृहमंत्रालय ने जारी की अधिसूचना
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में अन्य राज्यों की तर्ज पर सभी केंद्रीय कानूनों को लागू करने आदेश जारी कर दिये हैं, जिसमें राज्य के विशिष्ट राज्य कानूनों के अनुकूल और उनमें संशोधन के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के जरिए संशोधित 138 अधिनियमों को लागू कर दिया गया है। अधिसूचना में 15 सालों के लिए जम्मू-कश्मीर में रहने वाला कोई भी व्यक्ति और न्यूनतम 10 वर्षों के लिए केंद्रशासित प्रदेश में में काम करने वाले अधिकारियों के बच्चे और उल्लिखितनए कानून के तहत प्रवासी स्थायी निवास के लिए हकदार होंगे और वे सरकारी नौकरी भी हासिल कर सकेंगे।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खत्म करने के बाद मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी की है, जिसमें राज्य विधियों के अनुकूल जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन आदेश-2020 तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस अधिसूचना के जरिए राज्य के आर्थिक विकास, कृषि, भूमि, शिक्षा, विधि, औद्योगिक, धार्मिक, पर्यटन जैसे मूलभूत सुविधाओं संबन्धी कानूनों के साथ जम्मू-कश्मीर राज्य के विशिष्ट राज्य कानूनों के अनुकूल और संशोधन के लिए आदेश को लागू किया गया है, ताकि केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय कानूनों को सुविधाजनक तरीके से लागू किया जा सके।
अधिसूचना में शामिल 138 कानूनों में जम्मू और कश्मीर सिविल सेवा (विकेंद्रीकरण और भर्ती) अधिनियम-2010 में संशोधन करते हुए अधिसूचना में जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (राज्य कानूनों का अनुकूलन) आदेश-2020 की धारा 3A जम्मू और कश्मीर में 15 साल तक रहने वाले किसी भी व्यक्ति को स्थायी निवासी का अधिकार मिलेगा। मसलन इस आदेश के अनुसार हर उस व्यक्ति को राज्य का स्थायी निवासी करार दिया जा सकता है, जो कि केंद्रशासित प्रदेश में पिछले 15 सालों से रह रहा हो या फिर सात साल उसने वहां रहकर पढ़ाई की हो और जम्मू कश्मीर के किसी शैक्षणिक संस्थान से 10वीं और 12वीं की परीक्षा दी होअधिसूचना के मुताबिक केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के प्रवासी जो कि राहत और पुनर्वास आयुक्त (प्रवासी) के पास पंजीकृत हैं, जिनके माता-पिता इस मापदंड को पूरा करते हैं वह भी नहीं इस कानून के हिसाब से पात्र होंगे जम्मू कश्मीर के ऐसे निवासियों के बच्चे जो अपने रोजगार या व्यवसाय या अन्य व्यावसायिक कारणों से केंद्र प्रशासित प्रदेश से बाहर रहते हैं वह भी इसके पात्र होंगे
नौकरशाहों के बच्चों को अधिकार
नई अधिसूचना के अनुसार वे बच्चें राज्य का स्थाई निवासी होंगे, जिनके माता-पिता आधिकारिक तौर पर जम्मू-कश्मीर में नौकरी कर रहे हैं। इसमें केंद्र सरकार के अधिकारियों के बच्चे, सभी अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारी, केंद्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों और स्वायत्त निकाय के अधिकारी, पब्लिक सेक्टर बैंक, सांविधिक निकायों के अधिकारी, केंद्रीय विश्वविद्यालयों के अधिकारी और केंद्र सरकार के मान्यता प्राप्त अनुसंधान संस्थान में पिछले दस साल से नौकरी करने वालों के बच्चें भी शामिल हैं। अधिनियम में संशोधन अधिवास प्रमाण पत्र जारी करने के लिए सक्षम प्राधिकारी के रूप में तहसीलदार को अधिकृत किया गया है, जो इससे पहले यह अधिकार डिप्टी कमिश्नर या विशेष रूप से राज्य सरकार द्वारा जारी करने का अधिकार था।
क्या कहती है धारा 5ए
गृह मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि श्रेणी-4 की नौकरियों के लिए अधिसूचना में स्पष्ट की गई एक्ट की धारा 5A के मुताबिक इस अधिनियम के प्रावधानों के अधीन, कोई भी व्यक्ति तब तक स्तर-4 के पद पर नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होगा जब तक कि वह जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश का स्थाई निवासी नहीं है। हालांकि जम्मू-कश्मीर में इस अधिनियम के लागू होने के बाद अब देश के किसी भी हिस्से के लोग इस राज्य में अन्य नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं और जम्मू-कश्मीर में बस सकते हैं। 
02Apr-2020

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