ट्राइफेड के जरिए होगी उनके
द्वारा निर्मित मास्क की आपूर्ति
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने देश में कोरोना वायरस
संकट के कारण देशभर में लागू लॉकडाउन के दौरान जनजातीय कारीगरों और शिल्पकारों की
सुध लेते हुए उन्हें कोविड-19 के खिलाफ जंग में शामिल होकर फेस मास्क बनाने का
सुझाव दिया है। इन मास्कों की आपूर्ति कराने के लिए ट्राइफेड उन्हें बाजार मुहैया
कराएगा।
केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय
के अनुसार
मंत्रालय के अंतर्गत ट्राइफेड ने कोरोना संकट में लॉकडाउन के
दौरान उनकी आय के साधन जुटाने के लिए गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर जनजातीय
इलाकों में जनजातीय कारीगरों, स्वयं सहायता समूहों
(एसएचजी), वन धन लाभार्थियों को फैस मास्क बनाने के
लिए प्रोत्साहित किया है। इसके लिए ट्राइफेड एनजीओ आदि के साथ मिलकर
काम कर रहा है, ताकि जनजातीय इलाकों में कारीगरों के हथकरघा, हस्तशिल्प और प्राकृतिक उत्पादों को विपणन की
सहायता प्रदान की जा सके। कोविड-19 महामारी को देखते हुए कुछ
आपूर्तिकर्त्ताओं ने स्वयं तथा जनजातीय समुदाय के कारीगरों
को इसके लिए सहायता प्रदान करने के लिए घर पर ही मास्क बनाने का काम
शुरू करा दिया है। इनमें से कुछ आपूर्तिकर्त्ता स्थानीय प्राधिकरणों
को मास्क की आपूर्ति कर रहे है। मास्क की आपूर्ति ने सरकार को सहायता प्रदान करने की
उनकी इच्छा को उजागर किया है। मास्क की आपूर्ति से आजीविका सृजन के एक प्रारूप का निर्माण
होगा। ट्राइफेड अन्य आपूर्तिकर्त्ताओं की पहचान करने का प्रयास कर रहा है जो संकट की
इस घड़ी में मास्क की आपूर्ति के माध्यम से अपना योगदान दे सकते हैं।
मंत्रालय के अनुसार कोविड-19 के कारण मौजूदा संकट की स्थिति ने पूरे
देश में एक अभूतपूर्व खतरा उत्पन्न कर दिया है। देश के लगभग सभी राज्य और केन्द्र शासित
प्रदेश इससे कमोबेश प्रभावित हैं। इस खतरे ने व्यापार और उद्योग के सभी क्षेत्रों के
सभी स्तरों तथा समाज के सभी हिस्सों को प्रभावित किया है। गरीब और सीमांत इस वैश्विक
महामारी से सबसे अधिक प्रभावित हैं। यह फसल कटाई तथा गैर-काष्ठ वन उत्पाद (एनटीएफपी)
के संग्रह का सबसे महत्वपूर्ण समय है, इसलिए यह आवश्यक है कि
घर में बने मास्क की सहायता से प्राथमिक सुरक्षा के उपाय किये जाएं।
12Apr-2020
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें