बुधवार, 26 अगस्त 2020

स्वतंत्रता दिवस पर सीमा सुरक्षा बल को 52 पदक का सम्मान

आतंकवादियों के मंसूबों पर पानी फेरने वाले विनय को मरणोपरांत वीरता पुलिस पदक

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।   

15 अगस्त 2020 की पूर्व संध्या पर भारत सरकार द्वारा सीमा सुरक्षा बल के 52 अधिकारियों एवं कार्मिकों को 74वें स्वतंत्रता दिवस पर विभिन्न पुलिस पदकों से सम्मानित करने की घोषणा कीइन सम्मानित जनों में 01 कार्मिक को वीरता के लिये पुलिस पदक‘, 05 कार्मिकों को विशिष्ट सेवा के लिये राष्ट्रपति पुलिस पदकऔर 46 कार्मिकों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदकसे सम्मानित किया गया।

बीएसएफ के जनसंपर्क अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर न केवल दुश्मन के मंसूबों को नाकाम करके शहीद होने वाले सहायक कमांडेट विनय प्रसाद को वीरता के लिये मरणोपरांत ‘वीरता के लिये पुलिस पदक’ से सम्मानित किया जा रहा है। जबकि विशिष्ट सेवा के लिए जिन पांच बीएसएफ कर्मियों को राष्ट्रपति पुलिस पदक दिया जा रहा है उनमें गुरदासपुर, पंजाब में उप महानिरीक्षक राजेश शर्मा के अलावा उप महानिरीक्षक इंद्रजीत सिंह राणा, जम्मू फ्रंटियर के उप महानिरीक्षक हरदीप सिंह, बीएसएफ मुख्यालय में उप महानिरीक्षक (वर्क्स) रवि गांधी तथा तिगरी नई दिल्ली में एसटीएस/आरएम में निरीक्षक भुवन चंद्र जोशी शामिल हैं। इसके अलावा देश में विभिन्न राज्यों में कार्यरत बीएसएफ के अधिकारियों व जवानों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया जा रहा है।

चीनी फौज से लोहा लेने वाले आईटीबीपी के 21 जवानों को बहादुरी पदक

पूर्वी लद्दाख में मई और जून माह में चीनी फौज के साथ हुई झड़पों के दौरान साहस और शौर्य का परिचय देने वाले भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के 21 जवानों को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बहादुरी पदक से नवाजे जाने की घोषणा की गई है। इसके अलावा 294 आईटीबीपी जवानों को बहादुरी के लिए आईटीबीपी डीजी का 'गैलेंट्री प्रशंसा-पत्र' दिया जा रहा है। कोविड-19 के प्रसार को रोकने और इसके चिकित्सीय प्रबंधन के लिए 318 आईटीबीपी और 40 अन्य सीएपीएफ कर्मियों के नाम भी केंद्रीय गृह मंत्री के विशेष ऑपरेशन मेडल के लिए चयनित हुए हैं। बल के 6 अन्य जवानों को छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के विरुद्ध सफल अभियानों के लिए डीजी प्रशंसा पत्र और प्रतीक चिन्ह प्रदान किया गया है। वहीं आईटीबीपी जैसे बल ने देश का पहला 1000 बिस्तरों का क्वारंटीन केंद्र छावला में बनाया था, जिसमें वुहान और बाद में इटली से आए भारतीय नागरिकों को रखा गया था। नई दिल्ली के छतरपुर में 10 हजार बिस्तरों वाला विश्व का सबसे बड़े सरदार कोविड केयर सेंटर और हॉस्पिटल भी आईटीबीपी संचालित कर रही है।

सीआरपीएफ के नरेश को बहादुरी का पदक

भारत पाक सीमा पर कश्मीर घाटी में 50 से ज्यादा आतंकियों को ठिकाने लगा लगाने वाले दल में शामिल सीआरपीएफ के जवान नरेशक कुमार को बहादुरी पदक से नवाजा जा रहा है, जो अपनी जान जोखिम में डालते हुए सीआरपीएफ की वर्दी पहने आतंकी क्यूएटी में शामिल हो गया था। इस आपरेशन के दौरान टीयर गैस और हैंड ग्रेनेड का इस्तेमाल हुआ। इसके अलावा आतंकियों के पास दूसरे बड़े हथियार भी थे। क्यूएटी ने जब एक के बाद एक टीयर गैस के दर्जनों गोले अंदर फेंके तो आतंकियों को सामने आना पड़ा। इस मुठभेड के दौरान तीन आतंकी मारे जा चुके थे।  

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रेलवे सुरक्षा बल को एक राष्ट्रपति पदक समेत 16 पदक

रेल मंत्रालय के अनुसार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर केंद्र सरकार द्वारा पुरस्कारों की घोषणा की गई, जिसमें रेलवे सुरक्षा बल यानि आरपीएफ के दक्षिण पूर्वी रेलवे में प्रमुख मुख्य सुरक्षा आयुक्त डीबी कसार को राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया जा रहा है। इसके अलावा सराहनीय सेवा के लिए आरपीएफ के अधिकारियों व कर्मचारियों को 15 पुलिस पदक से नवाजा जा रहा है। इनमें रेलवे बोर्ड में डीआईजी संतोष एन. चंदरन, पूर्वोत्तर फ्रंटियर रेलवे के वरिष्ठ डीएससी राजेन्द्र रुपनवार, उत्तर रेलवे की वरिष्ठ उप सुरक्षा आयुक्त सारिका मोहन, दक्षिण मध्य रेलवे में सहायक सुरक्षा आयुक्त शेख करीमुल्ला, रेलवे बार्ड में सहायक सुरक्षा आयुक्त हिमांशु शेखर झा, उत्तर रेलवे में सहायक सुरक्ष आयुक्त गुरजसबीर सिंह के अलावा निरीक्षक एबी राशिद, शैलेश कुमार, के0 वेंटेश्वरलू, अशरफ सिद्दीकी, उप निरीक्षक नेपाल सिंह गुर्जर, कवल सिंह, एएसआई सुधांशु बिस्वास, सुरेन्दर कुमार, हेड कांस्टेबल एम. मोहम्मद रफी शामिल हैं।

 

स्वतंत्रता दिवस पर 926 पुलिसकर्मी पदकों से सम्मानित

मध्य प्रदेश के हिस्से में आए 20 पदकों में चार को राष्ट्रपति पदक

छत्तीसगढ़ को तीन गैलेंट्री पदक समेत 14 पुलिस पदक का सम्मान

हरियाणा के हिस्से में एक राष्ट्रपति पदक समेत 12 पुलिस पदक

हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।

स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में देशभर के 926 पुलिसकर्मियों को पदकों से सम्मानित किया जा रहा है, जिनमें विशिष्ठ सेवा के लिए 80 पुलिसकर्मियों को रष्ट्रपति पदक, वीरतापूर्ण कार्यो के लिए 215 पुलिसकर्मियों को गैलेंट्री (पीएमजी) के पुलिस पदक तथा मेधावी सेवा के लिए 631 पुलिसकर्मियों को पुलिस पदक से सम्मानित किया जा रहा है। इनमें मध्य प्रदेश के 20 पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया जा रहा है, जिनमें चार को राष्ट्रपति पदक विजेता होंगे। वहीं इस बार छत्तीसगढ़ के चार पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया जा रहा है। इसी प्रकार हरियाणा को एक राष्ट्रपति पदक समेत 12 पदक मिलेंगे।

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर सम्मानित किये जाने वाले पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों की तीन श्रेणी के पुरस्कारों की सूची जारी की गई है। सम्मानित किये जा रहे 926 पुलिस कर्मियों में वीरतापूर्ण कार्यो के लिए जिन 215 पुलिस कर्मियों को वीरता पुरस्कार दिया जाएगा, उनमें सबसे ज्यादा 123 पुलिसकमियों को जम्मू-कश्मीर, 29 पुलिसकर्मियों को वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों, और 8 कर्मियों को पूर्वोत्तर क्षेत्र में उनकी वीरतापूर्ण कार्रवाई के लिए सम्मानित किया जा रहा है। इन वीरता पुरस्कार पाने वाले कर्मियों में 55 सीआरपीएफ और 81 जम्मू-कश्मीर पुलिस के हैं। वहीं उत्तर प्रदेश के 23,  दिल्ली पुलिस के 16, महाराष्ट्र के 14 और 12 झारखंड के हैं। जबकि शेष अन्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के जवान शामिल हैं।

मप्र की एडीजी अनुराधा शंकर के राष्ट्रपति पदक

स्वतंत्रता दिवस पर इस बार मध्य प्रदेश के हिस्से में आए 20 पुरस्कारों में चार राष्ट्रपति पुलिस पदक शामिल है, जिनमें विशिष्ठ सेवा के लिए भोपाल पुलिस मुख्यालय में अतिरिक्त पुलिस महानिदेश श्रीमती अनुराधा शंकर के अलावा पुलिस मुख्यालय में ही पुलिस निरीक्षक(स्टेनो) भरत कुमार भावसार तथा अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक/ग्वालियर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक के पुलिस निरीक्षक(स्टेनो) राकेश मोहन दीक्षित तथा पुलिस मुख्यालय की लाइब्रेरी में निरीक्षक फरीद बज्मी को राष्ट्रपति पुलिस पदक का पुरस्कार दिया जा रहा है। इसके अलावा मध्य प्रदेश के 16 पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को मेधावी सेवा के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया जा रहा है। इस पदक के हकदारों में पुलिस महानिरीक्षक आरआरएस परिहार, इंदौर पुलिस रेडियो प्रशिक्षण केंद्र के पुलिस अधीक्षक संतोष कोरी, नारकोटिक विंग इंदौर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिलीप कुमार सोनी, भोपाल में 23वीं बटालियन एसएएपु के डिप्टी कमांडेंट शानु आफताब अली भी शामिल हैं। इनके अलावा यह पुरस्कार अन्य पुलिस निरीक्षकों, उप निरीक्षकों, कांस्टेबलों को दिया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ को तीन वीरता पुरस्कार

गृह मंत्रालय की जारी सूची के अनुसार छत्तीसगढ़ के हिस्से में इस बार राष्ट्रपति पुलिस पदक नहीं आया। जबकि वीरतापूर्ण कार्यो के लिए पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीना, पुलिस निरीक्षक मलिक राम तथा उप निरीक्षक महेन्द्र सिंह ध्रुव को गैलेंट्री (पीएमजी) पुलिस पदक से सम्मानित किया जा रहा है। इसके अलावा 11 पुलिस पदक मेधावी सेवा के लिए राज्य के पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को दिये जा रहे है। इन पुरस्कारों के हकदारों में नया रायपुर पुलिस मुख्यालय में सीआईडी के अतिरिक्ति पुलिस महानिरीक्षक राजेश कुमार अग्रवाल, 7वीं बटालियन सीएएफ भिलाई के कमांडेंट विजय अग्रवाल, 3वीं बटालियन सीएएफ अमलेश्वर दुर्ग के सहायक कमांडेंट संजय कुमार दीवान, रायपुर के पुलिस निरीक्षक मो. याकूब मेमन, दंतावाडा में एएसआई श्रीमती सुनीता साहू, सुकमा में एएसआई संजय सिंह राजपूत, 9वीं बटालियन सीएएफ दंतावाडा में सहायक प्लाटून कमांडर हरविलास जाटव, रायगढ़ में हेड कांस्टेबल जयसिंह स्वादु, नया रायपुर पुलिस मुख्यालय में विशेष इंटेलिजेंस के हेड कांस्टेबल बंधुराम नेताम, भीमतारा जिले के एजेके पुलिस स्टेशन के हेडकांस्टेबल अरविंद कुमार शर्मा तथा नारायणपुर जिले के कोहाकामेता पुलिस स्टेशन में हेड कांस्टेबल स्वर्णा कुमार इक्का शामिल हैं।

हरियाणा के एडीजी चावला को राष्ट्रपति पदक

स्वतंत्रता दिवस पर वशिष्ठ पुलिस सेवा के लिए पुलिस मुख्यालय पंचकूला में कार्यरत अतिरक्ति पुलिस महानिदेश्खक अर्सिन्दर सिंह चावला को राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया जार रहा है। वहीं चंडीगढ़ के पुलिस उप महानिरीक्षक ओमवीर सिंह को भी विशिष्ठ सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक के पुरस्कार के नवाजा रहा है। इसके अलावा हरियाणा के 11 पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को मेधावी सेवा के लिए पुलिस पदकों से सम्मानित किया जा रहा है, जिनमें चंडीगढ़ के पुलिस निरीक्षक रामलाल, रोहतक में उप निरीक्षक राकेश मणी, पंचकूला में उपनिरीक्षक मोहिन्दर सिंह व महा सिंह, मधुबन में उपनिरीक्षक जगदीश प्रसार, रेवाडी में उपनिरीक्षक रविन्द्र सिंह, फरीदाबाद में उपनिरीक्षक निहाल सिंह, शहजादपुर अंबाला में यातायात पुलिस उपनिरीक्षक राम कुमार, करनाल साइबर सेल में एएसआई करमबीर सिंह, पंचकूला एससीबी में एएसआई शिवकुमार शामिल हैं।

15Aug-2020


 

रेलवे के गैर जरुरी कानूनों को खत्म करने की तैयारी

केंद्र को रेलवे ने कानूनों में बदलाव के लिए भेजा प्रस्ताव

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।  

भारतीय रेलवे ने अपने पुराने कानून में संशोधन करके उन्हें प्रासांगिक व सरल बनाने के मकसद से केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है। इसमें ट्रेनों में भीख मांगने और सिगरेट आदि के लिए जेल भेजने के बजाए जुर्माने जैसे प्रावधान करने का प्रस्ताव शामिल है।

रेलवे सूत्रों के मुताबिक़ रेलवे ने कैबिनेट के पास जो प्रस्ताव भेजा है उसमें इंडियन रेलवेज़ एक्ट 1989 के दो कानूनों में बदलाव का प्रस्ताव शामिल हैप्रस्ताव के मुताबिक़ अधिनियम के सेक्शन 144(2) में संशोधन करने की मांग की गई हैइससे ट्रेन, रेलवे प्लेटफॉर्म या स्टेशन परिसर में भीख मांगना संज्ञेय अपराध नहीं होगा। मसलन जेल भेजने के बजाए मौके पर जुर्माना वसूला जा सकेगा। वहीं भारतीय रेलवे अधिनियम के सेक्शन 167 को भी संशोधित करने का प्रस्ताव है, जिसमें  ट्रेन, रेलवे प्लेटफॉर्म या स्टेशन परिसर में धुम्रपाल करने वालों को जेल की सज़ा के बजाए उनसे केवल ज़ुर्माना वसूला जाएगा। यदि केंद्र सरकार रेलवे के इन संशोधनों को मंजूर करके संशोधन की मंजूरी देती है तो कानूनों को सरल और कारगर बनाने में मदद मिलेगी। सूत्रों के अनुसार

केंद्र सरकार ने रेलवे के अलावा कई अन्य मंत्रालयों से ऐसे गैर जरूरी कानूनों की सूची तलब की है, जो अप्रासांगिक हो चुके हैं। गौरतलब है कि मोदी सरकार पिछले छह साल में एक हजार से ज्यादा ऐसे पुराने कानूनों का निरस्तीकरण कर चुकी है, जो अप्रासांगिक हो चुके थे। ऐसे पुराने कानूनों को खत्म करके केंद्र सरकार ने श्रम संबन्धित कई कानूनों को एक कानून के रूप में समायोजित करके उसे प्रासंगिक कानून के रूप में संसद में पेश किया है। रेलवे के एक अधिकारी के मुताबिक रेलवे के कानूनों में संशोधन की आवश्यकता महसूस की जा रही है, ताकि भारतीय रेलवे को बेहतर सुविधाओं से लैस किया जा सके।               

 

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अब रेलकर्मियों को यात्रा के लिए मिलेगा ऑनलाइन ई-पास

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने किया ई-पास मॉडल का शुभारंभ

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।

भारतीय रेलवे में अब रेलवे अधिकारियों या कर्मचारियों को यात्रा के लिए कागजी कार्यवाही या भागदौड़जैसी मशक्कत से मुक्ति मिल गई है। मसलन अब रेलवे कर्मचिरयों को ऑनलाइन आवेदन पर ही ई-पास की सुविधा मिलेगी। इस नई योजना के तहत रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद यादव ने ऑनलाइन पास जेनरेशन और रेलवे कर्मचारियों द्वारा टिकट बुकिंग के लिए ई-पास मॉड्यूल की शुरूआत की है। 

रेल मंत्रालय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि रेलवे बोर्ड के अध्‍यक्ष विनोद कुमार यादव ने गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्‍यम से रेल अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए ऑनलाइन ई-पास बनाने और टिकट बुकिंग के लिए सीआरआईएस द्वारा मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली यानि एचआरएमएस परियोजना के तहत विकसित की गई ई-पास मॉडल का शुभारंभ किया। मंत्रालय के अनुसार ई-पास मॉडल को एचआरएमएस परियोजना के तहत सीआरआईएस द्वारा विकसित किया गया है, जिसे चरणबद्ध तरीके से भारतीय रेलवे से जोड़ा जाएगा। इस सुविधा के साथ रेलवे कर्मचारी को न तो पास के लिए आवेदन करने के लिए कार्यालय आना पड़ेगा और न ही पास जारी होने का इंतजार करना पड़ेगा। मसलन अब रेलवे अधिकारी और कर्मचारी कहीं से भी ई-पास और सुविधा टिकट आदेश (पीटीओ) के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और ऑनलाइन ई-पास प्राप्त कर सकते हैं। ई-पास के लिए आवेदन और इसे प्राप्‍त करने की पूरी प्रक्रिया मोबाइल पर उपलब्‍ध रहेगी। इसके जरिए पहले की तरह पीआरएस/यूटीएस काउंटर से टिकट बुकिंग की सुविधा के अलावा पास पर टिकट बुक करने की सुविधा आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर भी मुहैया होगी। यादव ने कहा कि यह सुविधा रेलवे कर्मचारियों को उन्‍हें रेल पास का आसानी से उपयोग करने में मदद करेगी और साथ ही साथ सभी अधिकारियों को पास जारी करने का काम भी सुगम बनाएगी। इस मौके पर रेलवे बोर्ड के सभी सदस्‍य, आईआरसीटीसी के अध्‍यक्ष सह-प्रबंध निदेशक, सीआरआईएस के प्रबंध निदेशक, सभी महाप्रबंधक, पीसीपीओएस, पीसीसीएमएस, पीएफए ​​और डीआरएम उपस्थि‍त थे।

एचआरएमएस ने बनाई 21 योजना

मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली के महानिदेशक ने इस मौके पर ई-पास मॉड्यूल और इसके चरणबद्ध कार्यान्वयन की रणनीति के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अभी तक रेलवे कर्मचारियों के लिए पास जारी करने की प्रक्रिया मैनुअल होती रही है। इसके अलावा रेलवे कर्मचारी के लिए पास पर ऑनलाइन टिकट बुक करने की कोई सुविधा भी नहीं थी। एचआरएमएस परियोजना भारतीय रेलवे की पूर्ण मानव संसाधन प्रक्रिया के डिजिटलीकरण की एक व्यापक योजना है। एचआरएमएस में कुल 21 मॉड्यूल की योजना बनाई गई है। लगभग 97 प्रतिशत रेलवे कर्मचारियों की बेसिक डेटा एंट्री एचआरएमएस के कर्मचारी मास्टर और ई-सर्विस रिकॉर्ड मॉड्यूल में पूरी हो चुकी है, जिसे पिछले साल लॉन्च किया गया था। सीआरआईएस बहुत जल्द ही एचआरएमएस का ऑफिस ऑर्डर मॉड्यूल और सेटलमेंट मॉड्यूल भी लॉन्च किया जाएगा।

क्या है यात्रा पास का नियम

रेलवे के अनुसार भारतीय रेलवे के नियमानुसार राजपत्रित अधिकारियों को एक साल में छह और सेवानिवृत्त होने पर तीन रेल पास मिलते हैं। इस पास के जरिए वह एवं उनके आश्रित मुफ्त रेल सफर करते हैं। गैर राजपत्रित कर्मचारियों को साल में तीन व सेवानिवृत्त होने पर दो पास दिए जाते हैं। रेल कर्मियों को चार पीटीओ यानि प्रिविलेज टिकट ऑर्डर भी मिलता है। पीटीओ से सफर करने के लिए उन्हें एक तिहाई किराया देना पड़ता है।

14Aug-2020