बुधवार, 26 अगस्त 2020

रेलवे के गैर जरुरी कानूनों को खत्म करने की तैयारी

केंद्र को रेलवे ने कानूनों में बदलाव के लिए भेजा प्रस्ताव

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।  

भारतीय रेलवे ने अपने पुराने कानून में संशोधन करके उन्हें प्रासांगिक व सरल बनाने के मकसद से केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है। इसमें ट्रेनों में भीख मांगने और सिगरेट आदि के लिए जेल भेजने के बजाए जुर्माने जैसे प्रावधान करने का प्रस्ताव शामिल है।

रेलवे सूत्रों के मुताबिक़ रेलवे ने कैबिनेट के पास जो प्रस्ताव भेजा है उसमें इंडियन रेलवेज़ एक्ट 1989 के दो कानूनों में बदलाव का प्रस्ताव शामिल हैप्रस्ताव के मुताबिक़ अधिनियम के सेक्शन 144(2) में संशोधन करने की मांग की गई हैइससे ट्रेन, रेलवे प्लेटफॉर्म या स्टेशन परिसर में भीख मांगना संज्ञेय अपराध नहीं होगा। मसलन जेल भेजने के बजाए मौके पर जुर्माना वसूला जा सकेगा। वहीं भारतीय रेलवे अधिनियम के सेक्शन 167 को भी संशोधित करने का प्रस्ताव है, जिसमें  ट्रेन, रेलवे प्लेटफॉर्म या स्टेशन परिसर में धुम्रपाल करने वालों को जेल की सज़ा के बजाए उनसे केवल ज़ुर्माना वसूला जाएगा। यदि केंद्र सरकार रेलवे के इन संशोधनों को मंजूर करके संशोधन की मंजूरी देती है तो कानूनों को सरल और कारगर बनाने में मदद मिलेगी। सूत्रों के अनुसार

केंद्र सरकार ने रेलवे के अलावा कई अन्य मंत्रालयों से ऐसे गैर जरूरी कानूनों की सूची तलब की है, जो अप्रासांगिक हो चुके हैं। गौरतलब है कि मोदी सरकार पिछले छह साल में एक हजार से ज्यादा ऐसे पुराने कानूनों का निरस्तीकरण कर चुकी है, जो अप्रासांगिक हो चुके थे। ऐसे पुराने कानूनों को खत्म करके केंद्र सरकार ने श्रम संबन्धित कई कानूनों को एक कानून के रूप में समायोजित करके उसे प्रासंगिक कानून के रूप में संसद में पेश किया है। रेलवे के एक अधिकारी के मुताबिक रेलवे के कानूनों में संशोधन की आवश्यकता महसूस की जा रही है, ताकि भारतीय रेलवे को बेहतर सुविधाओं से लैस किया जा सके।               

 

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अब रेलकर्मियों को यात्रा के लिए मिलेगा ऑनलाइन ई-पास

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने किया ई-पास मॉडल का शुभारंभ

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।

भारतीय रेलवे में अब रेलवे अधिकारियों या कर्मचारियों को यात्रा के लिए कागजी कार्यवाही या भागदौड़जैसी मशक्कत से मुक्ति मिल गई है। मसलन अब रेलवे कर्मचिरयों को ऑनलाइन आवेदन पर ही ई-पास की सुविधा मिलेगी। इस नई योजना के तहत रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद यादव ने ऑनलाइन पास जेनरेशन और रेलवे कर्मचारियों द्वारा टिकट बुकिंग के लिए ई-पास मॉड्यूल की शुरूआत की है। 

रेल मंत्रालय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि रेलवे बोर्ड के अध्‍यक्ष विनोद कुमार यादव ने गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्‍यम से रेल अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए ऑनलाइन ई-पास बनाने और टिकट बुकिंग के लिए सीआरआईएस द्वारा मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली यानि एचआरएमएस परियोजना के तहत विकसित की गई ई-पास मॉडल का शुभारंभ किया। मंत्रालय के अनुसार ई-पास मॉडल को एचआरएमएस परियोजना के तहत सीआरआईएस द्वारा विकसित किया गया है, जिसे चरणबद्ध तरीके से भारतीय रेलवे से जोड़ा जाएगा। इस सुविधा के साथ रेलवे कर्मचारी को न तो पास के लिए आवेदन करने के लिए कार्यालय आना पड़ेगा और न ही पास जारी होने का इंतजार करना पड़ेगा। मसलन अब रेलवे अधिकारी और कर्मचारी कहीं से भी ई-पास और सुविधा टिकट आदेश (पीटीओ) के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और ऑनलाइन ई-पास प्राप्त कर सकते हैं। ई-पास के लिए आवेदन और इसे प्राप्‍त करने की पूरी प्रक्रिया मोबाइल पर उपलब्‍ध रहेगी। इसके जरिए पहले की तरह पीआरएस/यूटीएस काउंटर से टिकट बुकिंग की सुविधा के अलावा पास पर टिकट बुक करने की सुविधा आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर भी मुहैया होगी। यादव ने कहा कि यह सुविधा रेलवे कर्मचारियों को उन्‍हें रेल पास का आसानी से उपयोग करने में मदद करेगी और साथ ही साथ सभी अधिकारियों को पास जारी करने का काम भी सुगम बनाएगी। इस मौके पर रेलवे बोर्ड के सभी सदस्‍य, आईआरसीटीसी के अध्‍यक्ष सह-प्रबंध निदेशक, सीआरआईएस के प्रबंध निदेशक, सभी महाप्रबंधक, पीसीपीओएस, पीसीसीएमएस, पीएफए ​​और डीआरएम उपस्थि‍त थे।

एचआरएमएस ने बनाई 21 योजना

मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली के महानिदेशक ने इस मौके पर ई-पास मॉड्यूल और इसके चरणबद्ध कार्यान्वयन की रणनीति के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अभी तक रेलवे कर्मचारियों के लिए पास जारी करने की प्रक्रिया मैनुअल होती रही है। इसके अलावा रेलवे कर्मचारी के लिए पास पर ऑनलाइन टिकट बुक करने की कोई सुविधा भी नहीं थी। एचआरएमएस परियोजना भारतीय रेलवे की पूर्ण मानव संसाधन प्रक्रिया के डिजिटलीकरण की एक व्यापक योजना है। एचआरएमएस में कुल 21 मॉड्यूल की योजना बनाई गई है। लगभग 97 प्रतिशत रेलवे कर्मचारियों की बेसिक डेटा एंट्री एचआरएमएस के कर्मचारी मास्टर और ई-सर्विस रिकॉर्ड मॉड्यूल में पूरी हो चुकी है, जिसे पिछले साल लॉन्च किया गया था। सीआरआईएस बहुत जल्द ही एचआरएमएस का ऑफिस ऑर्डर मॉड्यूल और सेटलमेंट मॉड्यूल भी लॉन्च किया जाएगा।

क्या है यात्रा पास का नियम

रेलवे के अनुसार भारतीय रेलवे के नियमानुसार राजपत्रित अधिकारियों को एक साल में छह और सेवानिवृत्त होने पर तीन रेल पास मिलते हैं। इस पास के जरिए वह एवं उनके आश्रित मुफ्त रेल सफर करते हैं। गैर राजपत्रित कर्मचारियों को साल में तीन व सेवानिवृत्त होने पर दो पास दिए जाते हैं। रेल कर्मियों को चार पीटीओ यानि प्रिविलेज टिकट ऑर्डर भी मिलता है। पीटीओ से सफर करने के लिए उन्हें एक तिहाई किराया देना पड़ता है।

14Aug-2020


 

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