सोमवार, 24 अगस्त 2020

देश में अब मिलेगा जल संबन्धी सटीक जानकारियां

भारत जल संसाधन सूचना प्रणालीका नया वर्जन शुरू

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।  

जल शक्ति मंत्रालय ने भारत जल संसाधन सूचना प्रणाली (बीडब्‍ल्‍यूआरआईएस)का एक नया वर्जन लॉन्च किया है, जो नई कार्यक्षमता और विशेषताओं से लैस है।

केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रणाली के नए वर्जन के तहत वेब पोर्टल www.indiawris.gov.in के जरिए आम जनता के लिए पूरी तरह से खुले एवं सुलभ इस पोर्टल में वर्षा, जल स्तर एवं नदियों के प्रवाह, जल स्‍थलों, भूजल स्तर, जलाशय में भंडारण, वाष्पन-उत्सर्जन और मिट्टी की नमी के लिए डैशबोर्ड के माध्यम से जल संसाधनों से संबंधित जानकारियां हैं। वहीं इसमें जल संसाधन परियोजनाओं, जल स्‍थलों, हाइड्रो-मेट डेटा की उपलब्धता पर मॉड्यूल और जीआईएस लेयर एडिटिंग के लिए उपकरण हैं। देश में किसी भी संसाधन के लिए बेहतरीन योजना बनाने के लिए एक मजबूत डेटाबेस और एक विश्वसनीय सूचना प्रणाली की आवश्यकता को पूरा करने के लिए जल शक्ति मंत्रालय ने राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना के तहत जुलाई 2019 में भारत जल संसाधन सूचना प्रणाली का पहला वर्जन शुरू किया था, जिसे और सटीक जानकारियों के लिहाज से नए वर्जन के रूप में शुरू किया गया है। इस नए वर्जन वाली प्रणाली में उस समय से लेकर अब तक इस प्रणाली में अनेक नई कार्यक्षमताएं और विशेषताएं या खूबियां जोड़ी गई हैं। जल दरअसल जीवन और विकास की कुंजी है। विशेषकर बढ़ती आबादी, शहरीकरण और संबंधित विकास के कारण उपलब्ध संसाधनों पर पड़ रहे अतिरिक्त दबाव को देखते हुए जल संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग अत्यधिक महत्वपूर्ण है। मंत्रालय के अनुसार समस्‍त हाइड्रो-मेट अवलोकन डेटा का आधार जल सूचना प्रबंधन प्रणाली (डब्‍ल्‍यूआईएमएस) है। एक सुरक्षित लॉग-इन के माध्यम से केंद्रीय और राज्य जल एजेंसियां जल स्तर (सतही जल और भूजल दोनों), प्रवाह, जल की गुणवत्ता, तलछट और कई जलवायु मापदंडों के लिए डेटा को दर्ज, विश्लेषण, सत्यापन और प्रबंधन कर सकती हैं। इस प्रणाली में मैनुअल रीडिंग के माध्यम से प्राप्त टाइम सीरीज डेटा के साथ-साथ जीपीआरएस या उपग्रह के माध्यम से प्राप्त दूरमापी (टेलीमेट्री) डेटा भी शामिल हैं। इस नई प्रणाली के जरिए योजनाकार एवं प्रशासक जल के समुचित उपयोग और बाढ़ एवं सूखे के प्रभावों को कम करने के लिए अपने-अपने राज्यों, विभिन्‍न बेसिन के इस डेटा का उपयोग कर सकते हैं। निर्णय सहायता प्रणाली (डीएसएस) विकसित की जा सकती है। इसी तरह शोधकर्ता जल संबंधी अध्ययनों और प्रतिरूपण या प्रतिमान संबंधी उद्देश्यों के लिए डेटा का उपयोग कर सकते हैं क्योंकि इस तरह के अध्ययन के लिए आवश्यक डेटा आवृत्ति या बारंबारता उपलब्ध है

जल शक्ति मंत्री शेखावत की उपराष्ट्रपति नायडू से मुलाकात

जलापूर्ति में जल सुरक्षा के उपायों पर सौंपी रिपोर्ट

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।  

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू से मुलाकात की और उन्हें जल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनके मंत्रालय द्वारा किए गए उपायों पर एक रिपोर्ट पेश की।

केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने गुरुवार को उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू से उनके आवास पर मुलाकात की। इस दौरान शेखावत ने उपराष्ट्रपति नायडू को जल शक्ति मंत्रालय द्वारा देश में जल संकट से निपटने के लिए किये जा जा रहे उपायों और परियोजनाओं की जानकारी दी। वहीं विशेष रूप से पाइप के जरिए जलापूर्ति में जल सुरक्षा को लेकर किये गये उपायों पर एक विस्तृत रिपोर्ट भी प्रस्तुत की है। शेखावत ने उपराष्ट्रपति को आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार देश की लंबाई और चौड़ाई के गांवों में कार्यात्मक नल कनेक्शन लेने के लिए राज्य सरकारों का समर्थन कर रहा है, ताकि देश के सभी ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में बसे लोगों को पीने का पानी मुहैया कराया जा सके जल जीवन मिशन के तेजी के साथ हो रहे कार्यान्वयन की जानकारी देते हुए शेखावत ने कहा कि इसके लिए जल शक्ति मंत्रालय हिमालयी और उत्तर-पूर्वी राज्यों को 90 प्रतिशत और अन्य राज्यों को 50 प्रतिशत धन उपलब्ध करा रहा है ताकि ग्रामीण पेयजल आपूर्ति परियोजनाएँ शुरू की जा सकें। उन्होंने नायडू को यह भी जानकारी दी कि मंत्रालय ने नियमित बजटीय आवंटन के अलावा ग्रामीण परिवारों को पीने का पानी उपलब्ध कराने की दिशा में ग्रामीण निकायों को 15वें वित्त आयोग अनुदान का उपयोग करने की योजना को भी आगे बढ़ाया है।

आंध्र प्रदेश को लेकर किया सवाल

इस मुलाकात के दौरान उपराष्ट्रपति नायडू ने जब आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले के उदयगिरी विधानसभा क्षेत्र में सभी घरों में पीने का पानी उपलब्ध कराने के बारे में सवाल पूछा तो शेखावत ने भरोसा दिया कि केंद्र सरकार की नीति के अनुसार राज्य सरकार के संबन्धित प्रस्तावों पर राज्य को आवश्यक धन उपलब्ध कराया जाता है, जिसके लिए राज्य सरकार को इस संबन्ध में सक्रिय होने की जरुरत है। जलशक्ति मंत्रालय ने जलापूर्ति के लिए इस दिशा में तेजी के साथ योजना को कार्यान्वित कर रहा है, ताकि जल जीवन मिशन के लक्ष्य को जल्द से जल्द पूरा किया जा सके।

07Aug-2020

 

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