उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला परियोजना 2024 तक का लक्ष्य
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
उत्तर रेलवे के अंतर्गत जम्मू-कश्मीर में चल रही रेलवे परियोजनाओं को लेकर रेलवे के अधिकारियों के बीच हुई बैठक में उनकी प्रगति को लेकर चर्चा हुई, जिसमें दुनिया का सबसे ऊंचे रेलवे पुल के रूप में चिनाब नदी पर बन रहे रेलवे ब्रिज के कार्य को 2021 तक पूरा करने की उम्मीद जताई गई। जबकि उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना को 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया।
उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि फिरोजपुर मंडल के रेल प्रबंधक राजेश अग्रवाल ने गुरुवार को खासकर जम्मू-कश्मीर में चल रही रेलवे परियोजनाओं को लेकर उनकी प्रगति की जानकारी के लिए वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए अन्य रेल अधिकारियों के साथ चर्चा की और उसके बाद प्रेस कांफ्रेंस को सम्बोधित करते हुए बताया कि कोरोना के दौरान उत्पन्न हुए बाधाओं और चुनौतियों के बावजूद फिरोजपुर मंडल जम्मू एवं कश्मीर में उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक राष्ट्रीय परियोजना सहित अन्य सभी रेल परियोजनाओं और कार्यों की कड़ी निगरानी करने और उन्हें समय से पूरा करने पर बल दे रही है। इन चुनौतियों के बावजूद चिनाब पुल का कार्य वर्ष 2021 में पूरा हो जाने की संभावना है। वहीं उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना का समस्त कार्य वर्ष 2024 में पूरा करने का लक्ष्य है। इस परियोजना के अंतर्गत कटरा और बनिहाल के बीच बनाई जा रही रेल लाइन का कार्य सबसे कठिन है, क्योंकि यह रेल लाइन हिमालय के दुर्गम क्षेत्रों से होकर गुजरती है।
कोरोना के कारण चुनौतीपूर्ण कार्य
अग्रवाल ने कह कि कोरोना के कारण धीमे रेल परिचालन के बावजूद राजस्व अर्जित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। फिरोजपुर मंडल कोचिंग ऑपरेशन से औसतन 45 फीसदी राजस्व अर्जित किया करता था, लेकिन कोरोना संकट के दौरान राजस्व को माल आय से अर्जित करने के प्रयास इस अवधि के दौरान 881 करोड़ रूपये अर्जित कर लिये, जो पिछले वर्ष इस अवधि में अर्जित 610 करोड़ रूपये से करीब 45 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने बताया कि मुख्य संरक्षा आयुक्त ने दिल्ली से लुधियाना तक 130 किलोमीटर प्रति घंटा की गति सीमा से यात्री रेलगाडि़यां चलाने की मंजूरी प्रदान की है। लुधियाना में एपॉक्सी मैटीरियल से वॉशेबल एप्रेनों का रख-रखाव किया जा रहा है। इससे रेलगाडि़यों को सुरक्षित चलाने के साथ-साथ उनकी संरक्षा और समयपालनबद्धता भी बेहतर होगी। अमृतसर- छेहरता और बटाला-कादियान रेल सेक्शनों का विद्युतीकरण का कार्य प्रगति पर है, जिसे मौजूदा वित्तीय वर्ष में पूरा करने की उम्मीद है। कोरोना महामारी की अवधि का इस्तेमाल हर क्षेत्र में अपनी दक्षता और कार्य-निष्पादन को बेहतर बनाने के अवसर के रूप में किया गया है। इस संबंध में उपयोगकर्ताओं की सुविधा के लिए आधारभूत ढॉंचे को सुधारा जा रहा है । मिशन मोड में काम करते हुए, लुधियाना में 100 साल पुराने फुट-ओवर-ब्रिज को हटाया गया है । नसराला में ट्रैक्टर लदान के लिए एक नया मालशैड शुरू किया गया है। नसराला से ट्रैक्टर लदान की सुविधा प्रदान करने के लिए मंडल द्वारा लोडिंग प्लेटफॉर्म वाली एक अलग लाइन बनाई गयी है। अमृतसर- छेहरता और बटाला-कादियान रेल सेक्शनों का विद्युतीकरण का कार्य प्रगति पर है और इसे इसी वित्तीय वर्ष में पूरा कर लिया जाने की उम्मीद है।
14Aug-2020
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