बुधवार, 26 अगस्त 2020

उपराष्ट्रपति के दखल से अब मिलेगा राज्यसभा कर्मियों को आसियाना!

राज्यसभा को 17 साल पहले आवंटित भूमि में करीब दो तिहाई पर अवैध कब्जा बड़ी चिंता

आखिर डेढ़ दशक बाद कब्जे में ली गई भूमि पर रखी 46 करोड़ की आवासीय परियोजना की नीव

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।   

राष्ट्रीय राजधानी में वर्ष 2003 में राज्यसभा सचिवालय को आवंटित 8700 वर्ग मीटर भूमि पर 17 साल बाद भी कब्जा न मिलने पर उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने दखल किया, तो हरकत में आए संबन्धित मंत्रालयों व विभागों ने जहां करीब दो तिहाई भूमि पर अवैध कब्जा हटाने के लिए कानूनी अड़चनों को दूर करना शुरू कर दिया है। वहीं अवैध कब्जे से बाहर वाली भूमि पर नायडू ने 46 करोड़ रुपये की 40 आवासी ईकाईयो के निर्माण के लिए आधारशिला रख दी गई।

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू जो राज्यसभा के सभापति भी है, ने राज्यसभा सचिवालय को राष्ट्रीय राजधानी के आरके पुरम के सेक्टर-12 में वर्ष 2003 में

आवंटित की गई 8700 वर्ग मीटर भूमि 17 साल बाद भी कब्जा न मिलने पर पिछले दो साल से इस आवंटित भूमि के प्रकरण पर अध्ययन करा रहे थे और 11 दिन पहले ही 30 जुलाई को उन्होंने इसके लिए संबन्धित मंत्रालयों व विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर गहरी चिंता जताई थी। इस खबर को हरिभूमि ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। शायद नायडू ने जिस प्रकार के कड़े दिशानिर्देश जारी किये थे, उसी का नतीजा है कि सोमवार को इस आवंटित भूमि पर नायडू ने राज्यसभा कर्मचारियों की आवासीय कमी को दूर करने की दिशा में 46 करोड़ रुपये की लागत वाली 40 आवासीय ईकाईयों की एक परियोजना की आधारशिला रख दी गई। हालांकि राज्यसभा को आवंटित इस 8700 वर्ग मीटर भूमि में से करीब 5577.79 वर्ग मीटर भूमि पर कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं और झुग्गियों के रूप में अवैध कब्जा है, जिसमें कानूनी अड़चने भी सामने हैं। अब बाकी बची भूमि 3122.21 वर्ग मीटर पर 17 साल बाद पहली बार राज्यसभा को कब्जा मिला है, लेकिन नायडू ने अधिकांश भूमि पर अवैध कब्जे को लेकर अपनी चिंता को फिर से दोहराया।

भूमि पर कब्जे को लेकर निर्देश

राज्यसभा के सभापति नायडू ने राज्यसभा सचिवालय को आवंटित इस भूखंड के उपयोग के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप पुरी, आवास और शहरी मामलों के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, दिल्ली सरकार, डीडीए, डीयूएसआईबी के वरिष्ठ अधिकारियों, विकास अधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किये। इस संबन्ध में उन्होंने पिछले दो साल से प्रयासों में दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी चर्चा का भी जिक्र किया।

आंशिक आवास की मांग ही पूरी

राज्यसभा सचिवालय को आवंटित इस भूमि के उपयोग में देरी के परिणामों को लेकर नायडू ने कहा कि इस आवासीय परियोजना से फिलहाल राज्यसभा सचिवालय के कर्मचारियों की आवास मांग केवल 38 फीसदी ही पूरी हो सकेगी। नायडू ने कहा कि सचिवालय के कर्मचारियों के लिए टाइप-III और टाइप-IV क्वार्टर के संबंध में आवास की कमी 72 फीसदी है। नायडू ने कहा कि आर.के. पुरम के आवासीय परिसर में 4024 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में पहले चरण में टाइप-III के 32 और टाइप-IV के 28 क्वार्टर बना जाने हैं।वर्तमान में सचिवालय के 1,400 अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए केवल 536 आवास इकाइयाँ उपलब्ध हैं। वहीं नायडू चाहते हैं कि इस आवंटित ज़मीन का अधिकार मिलने बाद तत्काल ही राज्य सभा टेलीविजन तथा राज्य सभा सचिवालय के अन्य अधिकारियों के लिए बहु प्रतीक्षित आवास का निर्माण प्रारंभ किया जा सकेगा, ताकि खर्च की जा रहे सरकारी धन की बड़ी बचत की जा सके।

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नायडू का उपराष्‍ट्रपति के रूप में पूरा हुआ तीन साल का कार्यकाल

कार्यकाल पर आज पुस्‍तक का विमोचन करेंगे जावड़ेकर

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।  

उपराष्‍ट्रपति एम. वेंकैया नायडू के कार्यकाल के तीसरे वर्ष का वृत्तांत प्रस्‍तुत करने वाली पुस्‍तक कनेक्टिंग, कम्‍युनिकेटिंग, चेंजिंगका विमोचन कल 11 अगस्‍त, 2020 को केन्‍द्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह दिल्‍ली स्थित उपराष्‍ट्रपति निवास में करेंगे।

उपराष्ट्रपति सचिवालय ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू के कार्यकाल का तीसरा वर्ष कल 11 अगस्‍त को पूरा हो रहा है। नायडू के इस कार्यकाल पर 250 से भी अधिक पृष्‍ठों वाली लिखी गई इस पुस्‍तक को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के प्रकाशन विभाग ने प्रस्‍तुत किया है। इस पुस्‍तक के इलेक्‍ट्रॉनिक वर्जन (ई-बुक) का विमोचन केन्‍द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर करेंगे। इस पुस्‍तक में उत्‍कृष्‍ट शब्‍दों और चित्रों के जरिए उपराष्‍ट्रपति के विभिन्‍न कार्यकलापों के बारे में बताया गया है, जिनमें उनकी देश-विदेश की यात्राओं का वृत्तांत भी शामिल है। इस पुस्‍तक में किसानों, वैज्ञानिकों, डॉक्‍टरों, युवाओं, प्रशासकों, उद्योग जगत की हस्तियों एवं कलाकारों, इत्‍यादि के साथ उनके संवाद की झलक भी प्रस्‍तुत की गई है। इस पुस्‍तक में उपराष्‍ट्रपति की विदेश यात्राओं, विश्‍व भर के राजनेताओं के साथ उनके वार्तालापों और विभिन्‍न देशों में भारतीय समुदाय को उनके संबोधन से जुड़े कार्यक्रमों को भी कवर किया गया है।

राज्यसभा के कामकाज में बदलाव

राज्यसभा के सभापति के रूप में वेंकैया नायडू ने उच्‍च सदन के कामकाज में जो उल्‍लेखनीय सुधार की दिशा में कामकाज को अधिक प्रभावकारी बनाने के लिए जो बदलाव किए हैं, उनका भी इस पुस्तक में वर्णन किया गया है। इस पुस्‍तक के अंतिम अध्‍याय में यह बताया गया है कि किस तरह से उपराष्‍ट्रपति ने महामारी के दौरान समय का प्रभावकारी ढंग से सदुपयोग किया और अपने मित्रों, शिक्षकों, लंबे समय तक साथ में काम करने वाले सहयोगियों, पुराने एवं नए परिचितों, रिश्‍तेदारों, सांसदों, आध्‍यात्मिक गुरुओं एवं पत्रकारों इत्यादि का हालचाल जानने के लिए मिशन कनेक्‍टशुरू किया।

नायडू से मिल जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल

उपराष्ट्रपति सचिवालय के अनुसार जम्मू-कश्मीर के नवनियुक्त उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की। इस मुलाकात को एक शिष्टाचार भेंट बताया गया है। 

11Aug-2020

 





 

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