गुरुवार, 1 अगस्त 2019

आखिर संसद में लगी मोटर वाहन विधेयक पर महुर

लोकसभा के बाद राज्यसभा में हुआ पारित, बिल के पक्ष में 108 और विपक्ष में 13 वोट पड़े
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
देश में सड़क हादसों पर लगाम लगाने के मकसद से सड़क सुरक्षा संबन्धी मोटर यान (संशोधन) विधेयक 2019 को बुधवार को राज्यसभा की भी मंजूरी मिल गई है।
लोकसभा में पास हो चुके मोटर यान (संशोधन) विधेयक को राज्यसभा में बंधवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पेश किया। चर्चा के दौरान विभिन्न दलों की और से कई दर्जन संशोधन पेश किये गये, जो अधिकांश खारिज हो गये। जबकि कुछ सदस्यों ने अपने संशोधन प्रस्ताव वापस भी लिए हैं। खुद सरकार द्वारा पेश किये गये संशोधनों को स्वीकार कर लिया गया। इसके बाद विधेयक को पारित कराने के प्रस्ताव पर विपक्ष ने मत विभाजन मांगा। वोटिंग के बाद राज्यसभा से मोटर व्हीकल संशोधन बिल वोटिंग के बाद पास कर दिया गया है। बिल के पक्ष में 108 और विपक्ष में 13 वोट पड़े हैं। यह बिल लोकसभा से 23 जुलाई को पहले ही पारित हो चुका है। बिल में मोटर व्हीकल एक्ट को और सख्त बनाने के प्रावधान शामिल हैं। इसके अलावा ट्रैफिक नियमों को तोड़ने पर ज्यादा जुर्माना लगाने के प्रावधान इस बिल में शामिल हैं। शराब पीकर गाड़ी चलाने पर अब 2 हजार की बजाय 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा और थर्ड पार्टी प्रीमियम को जरूरी बनाने को भी इस बिल में शामिल किया गया है। सड़क सुरक्षा से जुड़े कई पहलुओं को इस बिल में जगह दी गई है और अब हिड एंड रन मामले में मौत होने पर 2 लाख रुपये का मुआवजा दिए जाएगा, जो पहले 25 हजार था। इससे पहले सीपीएम के इलामारन करीम ने मोटर व्हीकल संशोधन बिल पर सदन में वोटिंग की मांग की है। कुछ सांसदों की मांग पर पर्चियों के जरिए बिल पर वोटिंग हुई। सरकार की ओर से मंत्री पीयूष गोयल ने खड़े करके वोटिंग कराने की मांग की है साथ ही नेता प्रतिपक्ष गुलाम नहीं आजाद ने कहा कि हम बिल के समर्थन में हैं और कांग्रेस को कोई आपत्ति नहीं है।
बिल पर परिवहन मंत्री का जवाब
राज्यसभा में मोटर व्हीकल संशोधन बिल पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने विपक्ष की ओर से सुझाए गए कुछ सुझावों को बिल में शामिल कर लिया है. विशेष रूप से अन्नाद्रमुक सांसदों ने मंत्री को कुछ सुझाव दिए थे। इसके बाद गडकरी ने चर्चा में शामिल होने वाले सभी सदस्यों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि आगे भी हम सदस्यों के सुझावों पर विचार के लिए पूरी तरह तैयार हैं। गडकरी ने कहा कि हम किसी ड्राइविंग स्कूल को बंद नहीं कर रहे हैं जिनको राज्यों की ओर से चलाया जा रहा है। हम नए स्कूल खोलना चाहते हैं जिसके लिए जमीन और पैसे की जरूरत होती है। अगर कोई ऐसे स्कूल खोलेगा तो हम एक करोड़ का अनुदान देने के लिए तैयार हैं लेकिन प्रस्ताव राज्य के परिवहन विभाग की ओर से आना चाहिए। बड़े शहरों में नहीं बल्कि ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में ड्राइविंग स्कूलों की जरूरत है।एक हजार स्कूलों पर हम 22 लाख ड्राइवरों की पूर्ति कर पाएंगे।
घर बैठे मिलेगा लर्निंग लाइसेंस
नितिन गडकरी ने कहा कि ड्राइविंग स्कूल कॉरपोरेट को नहीं दे रहे हैं कुछ कंपनियों ने अपने सीएसआर से अपने इलाकों में ऐसे स्कूल शुरू किए हैं। देश में ड्राइवरों को जरूरत है और अगर सांसद आगे आए तो उन्हें भी अनुदान देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि यह विषय समवर्ती सूची का है और गाड़ियों के फिटनेस सेंटर ज्यादा से ज्यादा खोलने होंगे ताकि लोगों को दिक्कत न हो। मंत्री ने कहा कि लाइसेंस प्रक्रिया को सरल करने की ओर कदम उठाए हैं और अब लर्निंग का लाइसेंस ऑनलाइन ही मिल सकेगा, अगर पहचान सत्यापित होती है, इसके लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं है. ड्राइविंग लाइसेंस के परीक्षण को कड़ा बनाया जाएगा। परीक्षा पास करे बगैर किसी को भी लाइसेंस नहीं दिया जाएगा, चाहे वो को भी हो। परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में कहा कि लाइसेंस की वैधता को 3 से बढ़ाकर 5 साल किया गया है, इससे परिवहन विभाग का बोझ कम किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि राज्यों को बसों को अनुबंधित करने का अधिकार है और उसमें हम दखल नहीं देना चाहते हैं। बिल में सस्ते किराए में अच्छी सुविधा वाली बसों को चलाने के लिए कदम उठाए गए हैं। राज्य परिवहनों की आर्थिक हालत बेहद खराब है अगर कोई कॉरपोरेशन अपना पैसा लगाकर बस चलाना चाहता है तो सरकार को क्या दिक्कत होगी। हमने सिर्फ जन परिवहन को बढ़ावा देने की दिशा में इस बात पर जोर दिया है कि मल्टी मॉडल हब के लिए सड़क, रेल, हवाई और जल यात्रा एक ही विभाग से होना चाहिए लेकिन इसे मानने के लिए राज्य सरकारें स्वतंत्र हैं।
राज्यों का एक पैसा नहीं ले रहे: गडकरी
नितिन गडकरी ने कहा कि अब मोबाइल फोन के जरिए टोल दिया जा सकेगा, साथ ही फास्ट टैग की लगाया जाएगा, किसी को टोल पर रुकना नहीं पड़ेगा। इस सुविधा केंद्र बगैर कोई पैसा लिया राज्यों को देने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्ट पॉलिसी के लिए राज्यों का अनुबंध कानून है। झूठी बात मैं करता नहीं जो सपने दिखाए हैं वह पूरा करूंगा, नहीं कर पाया तो आप जरूर सवाल उठाएं। मंत्री ने कहा कि मैंने तो यहां प्रिंटिंग गलती तक के लिए माफी मांग ली है। धौला कुंआ से मानेसर तक के लिए स्काईबस लाने जा रहे हैं जो 265 सीटों की होगी। यह भारत सरकार की कंपनी ही बनाएगी। डीजल की जगह हवा में चलने वाली बस में जाएं, जिससे डीजल कम लगेगा और आराम से बैठकर जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस कानून से हम राज्यों को एक पैसा भी नहीं लेने वाले हैं।
01Aug-2019

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