बुधवार, 21 अगस्त 2019

एनआरसी में नाम न होने पर हो सकेगी अपील: शाह



गृह मंत्री ने की अधिकारियों संग की एनआरसी से जुड़े मुद्दों की समीक्षा
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि असम में राष्‍ट्रीय नागरिकता रजिस्‍टर यानि एनआरसी में जिन लोगों के नाम छूट गये हैं उन्हें अपीलीय प्राधिकरण यानी विदेशी न्‍यायाधिकरण के समक्ष अपील करने का मौका दिया जाएगा।
यह बात केन्‍द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यहां गृहमंत्रालय में राष्‍ट्रीय नागरिकता रजिस्‍टर (एनआरसी) के अंतिम प्रकाशन से जुड़े मुद्दों की समीक्षा बैठक के दौरान कही। उन्होंने बैठक में शामिल हुए असम के मुख्‍यमंत्री, केन्‍द्रीय गृह सचिव, असम के मुख्‍य सचिव और वरिष्‍ठ अधिकारी और गृहमंत्रालय के अन्य अधिकारियों के साथ एक बैठक में इन मुद्दों पर गहन चर्चा की। गृहमंत्रालय के अनुसार इस समीक्षा बैठक में तय किया गया कि जिन लोगों के नाम अंतिम एनआरसी में शामिल होने से छूट गए हैं, उन्‍हें अपील करने का पूरा अवसर प्रदान किया जाए। जिस भी व्‍यक्ति का नाम अंतिम एनआरसी में नहीं है, वह अपीलीय प्राधिकरण यानी विदेशी न्‍यायाधिकरण के सामने अपना मामला रख सकते हैं। विदेशी अधिनियम 1946 और विदेशी (न्‍यायाधिकरण)आदेश 1964 के तहत केवल विदेशी न्‍यायाधिकरणों को किसी व्‍यक्ति को विदेशी घोषित करने का अधिकार है। इसलिए एनआरसी में जिन व्‍यक्तियों का नाम शामिल नहीं हुआ है, उसका मतलब यह नहीं है कि उन्‍हें विदेशी घोषित कर दिया गया है। असम राज्‍य सरकार ने सुविधाजनक स्‍थानों पर पर्याप्‍त संख्‍या में नयायाधिकरणों के गठन के लिए सहमति व्‍यक्‍त करते हुए यह भी तय किया गया कि राज्‍य सरकार एनआरसी में शामिल होने से छूट जाने वाले जरूरतमंदों को कानूनी सहायता देने का पूरा इंतजाम करेगी। राज्य सरकार का कहना है कि चूंकि अंतिम एनआरसी में शामिल होने से छूट जाने वाले व्‍यक्तियों के लिए निर्धारित अवधि के अंदर अपील करना संभव नहीं है, इसलिए गृह मंत्रालय अपील दायर करने की वर्तमान समय सीमा को 60 दिन से बढ़ाकर 120 दिन करने के लिए नियमों में संशोधन करेगा। नागरिकता (नागरिकों का पंजीरकणऔर राष्‍ट्रीय पहचान पत्र निर्गमन) नियम-2003 को भी संशोधित किया जा रहा है। कानून व्‍यवस्‍था बनाए रखने के लिए राज्‍य सरकार के आकलन के अनुसार केन्‍द्रीय सशस्‍त्र अर्द्ध सैनिक बलों की तैनाती उपलब्‍ध कराई जा रही है।
31 अगस्त को प्रकाशित होगा एनआरसी
केंद्र व राज्य सरकार के अधिकारियों के बीच एनआरसी के मुद्दो पर चर्चा के बाद असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनेवाल ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देश के अनुसार असम में राष्‍ट्रीय नागरिकता रजिस्‍टर (एनआरसी) को 31 अगस्त को प्रकाशित किया जाएगा। सोनोवाल ने कहा कि केंद्र कानून सहित सही-गलत नाम जोड़े जाने और नाम हटाए जाने को लेकर सुधारात्मक उपायों पर विचार कर सकता है। सोमवार को सोनोवाल ने सभी विकल्पों की ओर ध्यान दिलाया। जिसमें विधायी क्षेत्र भी शामिल है। जिसके जरिए एनआरसी में वास्तविक नागरिकों के नाम गलत तरीके से हटाने और विदेशियों के नाम गलत तरीके से शामिल करने से निपटा जा सकता है। गृह मंत्रालय में एनआरसी को लेकर हुई बैठक में सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका प भी चर्चा हुई, जिसमें बांग्लादेश के पास वाले जिलों के 20 प्रतिशत एनआरसी डाटा और बाकी के जिलो के 10 प्रतिशत डाटा की जांच फिर से करने की मांग की गई है। याचिका में दावा किया गया है कि एनआरसी की सूची में भारतीय नागरिकों का नाम हटाकर उनकी जगह बांग्लादेशी नागरिकों के नाम जोड़े जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 31 अगस्त के बाद उठाए गए विधायी कदम को अध्यादेश के रास्ते से गुजरना पड़ेगा, क्योंकि फिलहाल संसद सत्र नहीं चल रहा है।
21Aug-2019

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