एनएसजी के स्थापना दिवस पर गृहमंत्री अमित शाह ने पाक को
चेताया
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पाकिस्तान को चेताते
हुए कहा कि देश में शांति और विकास में बाधक बने आतंकवाद के
लिए भारत की निर्णायक लड़ाई जारी है, जिसमें एनएसजी की महत्वपूर्ण भूमिका के साथ देश
की आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियों का सामना करने की क्षमता
बढ़ाई जा रही है।
शाह बुधवार को यहां नई दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा
गार्ड यानि एनएसजी के 35वें स्थापना दिवस के मौके पर बोल रहे थे। उन्होंने
कहा कि देश में शांति और विकास के लिए सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण होती
है तथा आतंकवाद किसी भी सभ्य समाज के लिए अभिशाप के साथ देश के विकास में
भी सबसे बड़ी बाधा है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में
आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करते हुए आंतकवाद के लिए
तेजी के साथ निर्णायक लड़ाई लड़ी जा रही है। उन्होंने पाकिस्तान
की ओर इशारा करते हुए कहा कि आज के दौर में पारंपरिक युद्ध नहीं होते
और हमारे पड़ोसी देश द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के जरिए भारत को अशांत करने
का लगातार प्रयास हो रहा है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के समूल को नष्ट करने के
मकसद से ही जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटा कर वहां चिरकालीन शांति स्थापित करने का निर्णय लिया
गया है। यह निर्णय कश्मीर घाटी से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को पूरी
तरह मिटाने और राज्य के विकास में मील का पत्थर साबित
होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे में देश में आतंक के खिलाफ हमारे राष्ट्रीय
सुरक्षा गार्ड के जवान सदैव तत्पर रहे हैं जिसके कारण देश अपनी
सुरक्षा के प्रति आश्वस्त हैं, क्योंकि राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड
के जवानों ने अपने क्रियाकलापों से विभिन्न मौकों पर दुनिया को आश्चर्यचकित किया है। उन्होंने कहा कि 'मुश्किल
वक्त-कमांडो सख्त' के मंत्र के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के
जवान निडरता के साथ देश की सुरक्षा करते आ रहे हैं।
यह देश का एक ऐसा सुरक्षा बल है जो किसी भी आतंकवादी हमले को भेदने में
सक्षम है।
गुजरात में बना पांचवा हब
इस मौके पर अमित शाह ने कहा कि देश के ऊपर आतंकी
जैसे खतरे के मद्देनजर ही गुजरात में राष्ट्रीय
सुरक्षा गार्ड का 5वां रीजनल हब स्थापित
किया गया
है। आतंकवाद से निर्णायक लड़ाई लड़ने के लिए ही 2014 के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड को विभिन्न
नई तकनीकों से लैस करने के साथ उनकी क्षमता का भी विस्तार हुआ है, जिसमें तकनीकी प्रशिक्षणि को अत्यंत महत्वपूर्ण मानते हुए उसी तरह से तकनीकी के आदान-प्रदान
अत्यंत सार्थक के रूप में देखा गया है।
16Oct-2019
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