गुरुवार, 31 अक्तूबर 2019

यूपी सरकार जल्द लागू करेगी भू-जल संचयन अधिनियम


रेन वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम से संचित होगा बारिश का पानी
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में जल संकट से निपटने की दिशा में केंद्र सरकार के जल सरंक्षण अभियान के तहत उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में जल्द ही भू-जल संचयन अधिनियम लागू करेगी।  
यह ऐलान सोमवार को नई दिल्ली में इंडियन नेशनल साइंस एकेडमी में सेव द एन्वायरमेंटसंस्था द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने करते हुए कहा कि धरती पर जो सबसे पहले तत्व आया वह जल है और आखिरी भी जल ही होगा। इसीलिए जल ही जीवनहै कहा जाता है। उन्होंने कहा कि भूजल को संरक्षित करने के लिए सरकार भू-जल संचयन अधिनियम लागू करने जा रही है। वहीं राज्य में बारिश के पानी को बचाने के लिए रेन वाटर हारवेस्टिंग सिस्टमउपयोग में लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी प्रकार के विद्यालयों में भी रेन वाटर हारवेस्टिंग सिस्टमका प्रयोग किया जाएगा। इसके अलावा किसी भी विद्यालय को मान्यता तभी मिलेगी जब वह रेन वाटर हारवेस्टिंग सिस्टमउपयोग में लाएगें। उन्होंने कहा कि अंधाधुंध कटान करके शहरीकरण किया जा रहा है। जिससे वातावरण प्रदूषित हो रहा है। धरती पर 33 फीसदी वन क्षेत्र होना चाहिए, लेकिन प्रतिदिन पेड़ काटे जा रहे हैं। वृक्षारोपण को नजरअंदाज किया जा रहा है। जल शक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने कहा कि पेड़ काटकर लगातार बढ़ते हुए शहरीकरण पर रोक लगाने के बारें में विचार किया जाना चाहिए। जैसे-जैसे शहरीकरण बढ़ रहा है वैसे-वैसे कार्बन फ्लोरो गैस भी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनसंख्या लगभग 24 करोड़ होने के कारण इसे पानी के आधार पर चार हिस्सों में बांटा गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के डार्क जोन को सेफ जोन बनाने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं। इसके अलावा सूखी पड़ी हुई नदियों को पुर्नजीवित किया जा रहा है। मनरेगा के तहत 8 नदियों को पुर्नजीवित किया गया है, और इस बार जीवन दायिनी 15 नदियों को पुर्नजीवित किया जाएगा। कार्यक्रम में जलपुरुष राजेंद्र सिंह, डॉ. संजय बाजपेयी, प्रो. के आई नाथ, डॉ. आलोक अधोलिया आदि मौजूद थे। 
22Oct-2019

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