असंगठित
क्षेत्र के करोड़ों कामगारों को मिलेगा पेंशन का लाभ
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में
श्रमिकों के सामाजिक सुरक्षा के दायरे को बढ़ाते हुए असंगठित क्षेत्र के अंतिम छोर
तक के श्रमिकों के लिए तीन हजार मासिक पेंशन का लाभ देने वाली ‘प्रधानमंत्री श्रम-योगी
मानधन वृहद पेंशन योजना’ को पटरी पर उतार दिया है। इसके लिए कल शुक्रवार यानि 15
फरवरी से देशभर में ऐसे श्रमिकों को योजना से जोड़ने के लिए अधिसूचना जारी कर दी
गई है।
केंद्रीय
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में ‘प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन
वृहद पेंशन योजना’ 15 फरवरी से प्रवृत्त होगी, जिसमें असंगठित क्षेत्र में काम कर
रहे 15 हजार रुपये मासिक आमदनी करने वाले घरेलू नौकर, फेरीवाले, पटरी, मिड-डे मीलकर्मी,
ईंट भट्टा मजदूर, मोची, कूडा बिनने वाले, धोबी, रिक्शा चालक, ग्रामीण भूमिहीन
श्रमिक, कृषि कर्मकार, बीडी श्रमिक, हथकरघा, चमड़ा या अन्य किसी भी प्रकार के
रोजगार में श्रम करने वालों को इस योजना के सदस्य बनने का विकल्प दिया गया है।
क्या है पेंशन योजना
सरकार
की ‘प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन वृहद पेंशन योजना’ में असंगठित क्षेत्र के
श्रमिकों द्वारा स्वेच्छा से जितना मासिक योगदान होगा उतना ही अंशदान केंद्र सरकार
करेगी। मसलन असंगठित क्षेत्र के 18 वर्ष की आयु वाले उन कामगारों को प्रति माह न्यूनतम
55 रुपये जमा कराने होंगे और उतनी ही राशि उनके खाते में केंद्र सरकार जमा कराएगी।
इस पेंशन योजना से जुड़ने वाले ऐसे श्रमिक अपनी कार्यशील आयु के दौरान एक छोटी सी राशि
के मासिक अंशदान से 60 वर्ष की उम्र से 3000 रुपये की निश्चित मासिक पेंशन पाने के
हकदार होंगे। वहीं 29 वर्ष की उम्र में इस पेंशन योजना से जुड़ने वाले असंगठित क्षेत्र
के कामगार को 100 रुपये प्रति माह का अंशदान 60 वर्ष की उम्र तक करना होगा। उतनी
ही राशि केंद्र सरकार हर महीने उनके पेंशन खाते में जमा करेगी। सरकार को उम्मीद है
कि अगले पांच वर्ष में असंगठित क्षेत्र के कम से कम 10 करोड़ श्रमिकों और कामगारों
को प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन योजना का लाभ मिल सकेगा। इस योजना के लिए 500 करोड़
रुपये की राशि आवंटित की गई है और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त धनराशि भी प्रदान की जाएगी।
पेंशन में जीवन साथी का विकल्प
मंत्रालय
के अनुसार इस योजना के तहत प्रत्येक श्रमिक को 60 साल की आयु पूरा करने के बाद
न्यूनतम बीमित पेंशन के रूप में तीन हजार प्रति माह पेंशन देने का प्रावधान है।
जबकि परिवारिक पेंशन की प्राप्ति के दौरान यदि किसी बीमित श्रमिक की मृत्यु हो जाती
है, तो लाभार्थी का जीवनसाथी (पति या पत्नी) को पारिवारिक पेंशन के रूप में 50
फीसदी राशि हासिल करने का अधिकार होगा। यदि किसी लाभार्थी श्रमिक नियमित योगदान देता
है और उसकी 60 साल से पहले मृत्यु होने की स्थिति में उसके जीवन साथी नियमित योगदान
के भुगतान के बाद योजना में शामिल होने और उससे बहार निकलकर खुद योजना से जुड़
सकता है। ऐसे में जीवन साथी शतप्रतिशत पेंशन लेने का अधिकारी होगा। इस पेंशन योजना
में सब्सक्राइबर का योगदान उसके बचत बैंक खाते, जन-धन खाते से 'ऑटो-डेबिट' सुविधा के
माध्यम से किया जाएगा। ग्राहक को योजना में शामिल होने की उम्र से 60 वर्ष की आयु तक
निर्धारित योगदान राशि का योगदान करना आवश्यक है।
योजना से जुड़ने की शर्ते
ग्राहक
के पास मोबाइल फोन, बचत बैंक खाता और आधार नंबर होना आवश्यक है। पात्र श्रमिक निकटतम
सीएससी पर जा सकते हैं और स्व-प्रमाणन आधार पर आधार संख्या और बचत बैंक खाते या जन-धन
खाता संख्या का उपयोग करके योजना के लिए नामांकित हो सकते हैं। सुविधा केंद्र के
रूप में एलआईसी के सभी शाखा कार्यालय, ईएसआईसी, ईपीएफओ के कार्यालय और केंद्र और राज्य
सरकारों के सभी श्रम कार्यालय योजना के बारे में असंगठित श्रमिकों को, इसके लाभों और
उनके संबंधित केंद्रों पर योजना की प्रक्रिया के लिए सुविधा प्रदान की जाएगी।
15Feb-2019
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें