रविवार, 8 मार्च 2020

संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की आज हंगामेदार होगी शुरूआत!


दिल्ली दंगे पर गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर सरकार को घेरने को तैयार विपक्ष
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण कल सोमवार से शुरू हो रहा है, जिसमें मोदी सरकार के सामने करीब चार दर्जन विधेयकों और अन्य विधायी कार्यो के साथ भारी एजेंडा है। इसके विपरीत पहले से ही देश में सीएए, एनआरसी और एनआरपी के अलवा अर्थव्यवस्था जैसे मुद्दो पर कांग्रेस की अगुवाई मे विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है और सबसे बड़ा मुद्दा हाल में दिल्ली के हिंसक दंगों का केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर फोड़ रहे विपक्षी दल सोमवार को संसद में शाह के इस्तीफे की मांग को लेकर हंगामा करने की रणनीति के साथ सरकार को घेरने की तैयारी कर चुका है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले सप्ताह संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ अचानक भड़की हिंसा दंगे में तब्दील होने के लिए विपक्ष केंद्र सरकार खासकर गृहमंत्री अमित शाह को जिम्मेदार ठहराकर इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। वहीं मोदी सरकार को संसद में घेरने के लिए विपक्ष ने लामबंद होकर जिस प्रकार कांग्रेस की अगुवाई में रणनीति तैयार की है, उसके तहत कल सोमवार से बजट सत्र के सोमवार 2 मार्च से 3 अप्रैल तक चलने वाले दूसरे चरण की कार्यवाही में शुरुआत से ही विपक्ष दिल्ली के दंगों का मुद्दा उठाएगा और गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग को लेकर हंगामा करने उतरेगा। इसकी पुष्टि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने भी की है कि संसद में इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया जाएगा। इसके अलावा आर्थिक मंदी और अन्य मुद्दों पर भी सरकार को घेरने के लिए विपक्ष एकजुट होने का दावा कर रहा है और कांग्रेस समेत विपक्षी दल नों सदनों में खासकर दिल्ली दंगे के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पेश कर सकते हैं। इसलिए बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरूआत हंगामेदार होने से इंकार नहीं किया जा सकता। हालांकि वहीं केंद्र सरकार का नेतृत्व करने वाली सत्ताधारी दलों की भी विपक्षी दलों को माकूल जवाब देने के लिए ठोस रणनीति के साथ संसद में आने की तैयारी है।
सरकार के सामने भारी भरकम विधायी एजेंडा
दूसरी ओर मोदी सरकार अपने भारी भरकम विधायी एजेंडे को आगे बढ़ाने का प्रयास करेगी, जो विपक्ष के आक्रमक तेवरों को देखते हुए एक बड़ी चुनौती नजर आ रहा है। केंद्र सरकार के बजट सत्र के लिए महत्वपूर्ण कामकाज में करीब चार दर्जन विधेयक और अन्य वित्तीय कामकाज भी शामिल है। संसद के बजट सत्र के 31 जनवरी से 11 फरवरी तक चले पहले चरण में राष्ट्रपति अभिभाषण और आम बजट-2020 के साथ वित्तीय विधेयको के अलावा दो अध्यादेश यानि इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (संशोधन) अध्यादेश-2019 और खनिज कानून (संशोधन) अध्यादेश-2020 विधेयकों के रूप में पारित कराए जा सके थे। हालांकि सरकार ने एजेंडे में शामिल करीब आधा दर्जन विधेयकों को लोकसभा में पेश भी किया, लेकिन उन पर अभी चर्चा होना बाकी है, जो इस दूसरे चरण में होनी है। संसदीय समितियों के समक्ष गये सेरोगेसी जैसे विवादित विधेयकों की जांच पड़ताल के बाद रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है, जिन्हें पेश करके संसद की मंजूरी लेने का प्रयास होगा। हालांकि सरकार विपक्ष को भरोसा देती आ रही है कि संसद के सत्र में उनके हरेक मुद्दे को सुना जाएगा, लेकिन संसद की कार्यवाही बाधित नहीं होनी चाहिए। संसदीय कार्य मामलों के मंत्रालय के मुताबिक इस बजट सत्र के दौरान सरकार की प्राथमिकता महत्वपूर्ण लंबित लंबित विधेयकों के अलावा कुछ नए कानून और कुछ बिलों में संशोधन कराना होगा। गौरतलब है कि शीतकालीन सत्र में पारित हुए संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में कांग्रेस समेत लगभग समूचा विपक्ष मोदी सरकार को लगातार घेरकर इसे वापस कराने की मांग करता आ रहा है, जिसके कारण देशभर में विरोध प्रदर्शन और हिंसक घटनाएं केंद्र सरकार के सामने चुनौती बनी हुई है।
02Mar-2020

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