शनिवार, 14 मार्च 2020

…जब एनपीआर पर विपक्ष को साधने में सफल हुए शाह


राज्यसभा में गृहमंत्री के जवाब पर सहमत दिखे गुलामनबी आजाद व सिब्बल
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
सीएए और एनपीआर को लेकर विपक्षी दलों द्वारा देश खासकर मुस्लिम समुदाय को गुमराह करने पर नसीहत देते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्षी दलों को ऐसा साधा कि विपक्षी भी एनपीआर की प्रक्रिया को लेकर सहमत होते नजर आया।
दरअसल राज्यसभा में गुरुवार को दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर हुई चर्चा का जवाब देने के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संशोधित नागरिकता कानून(सीएए) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) को लेकर विपक्षी दलों पर देश के मुसलमानों को गुमराह करने पर नसीहत दी और कहा कि इसी कारण देश में हिंसाओं के बाद दिल्ली में दंगा हुआ। दिल्ली दंगों को लेकर अमित शाह ने जिस प्रकार की साजिशों का खुलासा किया और कहा कि सीएए के संसद में सभी दलों की मौजूदगी में मुहर लगी है और सभी को पता है कि सीएए में किसी की नागरिकता जाने वाली नहीं है, बल्कि नागरिकता देने का प्रावधान है, इसके बावजूद रामलीला मैदान से सीएए के खिलाफ प्रमुख विपक्षी दल ने लोगों खासकर मुसलमानों को सड़कों पर उतरकर आरपार की लड़ाई लड़ने का आव्हान किया, जिसके बाद देशभर में हिंसाओं की घटनाओं को सिलसिला शुरू हो गया। शाह ने कांग्रेस  समेत कई राजनीतिक दलों के नेताओं और संगठनों द्वारा भडकाऊ भाषण देने का जिक्र किया तो तभी कपिल सिब्बल ने खड़े होकर कहा कि सीएए को लेकर नहीं, एनआरसी और एनपीआर को लेकर विरोध है। शाह ने कहा कि एनआरसी जो कहीं नहीं है उसका कैसा विरोध तो फिर बात आ गई एनपीआर पर। एनपीआर पर शाह ने सदन में स्पष्ट किया कि एनपीआर प्रक्रिया में किसी भी व्यक्ति या परिवार से कोई दस्तावेज नहीं मांगे जाएंगे और उसमें जो भी जानकारी किसी के पास होगी वह उतनी ही देने के लिए स्वतंत्र होगा। मसलन राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) को अपडेट करने के लिए किसी तरह के दस्तावेज को दिखाने की जरूरत नहीं है और जो कुछ जानकारी मांगी जा रही है वो वैकल्पिक हैं।
सरकार के मत से सहमत हुआ विपक्ष
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा एनपीआर पर भरोसा देने पर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जो जानकारी नहीं दी जाएगी उसे संदिग्ध यानि डाउटफुल में डाल दिया जाएगा, जिसके जवाब में गृहमंत्री ने कहा कि बिल्कुल, लेकिन जो विपक्ष समझ रहा है ऐसा कुछ नहीं होगा और वैकल्पिक तौर पर जानकारी रहेगी। इस पर नेता प्रतिपक्ष आजाद ने सरकार से पूछा क्या यह एकदम सही है तो अमित शाह ने नेता प्रतिपक्ष को अन्य दलों के प्रतिनिधियों के साथ चाय पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया, जहां चर्चा के बाद गृहमंत्री शाह ने विपक्ष को एनपीआर प्रक्रिया के प्रावधानों का अवलोकन करने का अनुरोध किया, जिसमें किसी प्रकार का कोई भ्रम नहीं है। अमित शाह ने कहा कि वह फिर से स्पष्ट करना चाहते हैं कि एनपीआर को लेकर किसी को भयभीत होने की जरूरत नहीं है। 
13Mar-2020

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