शनिवार, 14 मार्च 2020

यूपी व हिमाचल समेत चार राज्यों में दुरस्त होंगे 780 किमी हाइवे


केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी 7662.47 करोड़ की परियोजनाओं को मंजूरी
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में राष्ट्रीय राजमार्ग के विस्तार की दिशा में चलाई जा रही परियोजनाओं के तहत उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और आंध्र प्रदेश में प्रस्तावित 780 किमी लंबे विभिन्न राष्‍ट्रीय राजमार्गों के पुनर्वास और उन्‍नयन की प्रस्तावित परियोजनाओं को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मंत्रालय के इस प्रस्ताव को मंजूर कर लिया गया। इस प्रस्ताव के तहत इन चारों राज्यों में 780 किमी लंबे हाइवे के कार्य के लिए 7662.47 करोड़ रुपये का निवेश भी शामिल है। कैबिनेट की इस मंजूरी के तहत उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और आंध्र प्रदेश राज्यों में 780 किलोमीटर लंबे विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्गों कें खंडों को मजबूत बनाने के अलावा इन परियोजनाओं  पक्‍के ढ़लानों के साथ 2-लेन और 4-लेन विन्‍यास के पुनर्वास और उन्‍नयन का काम भी शामिल है। इस परियोजना में 7662.47 करोड़ रूपये के निवेश में 3500 करोड़ रूपये का ऋण घटक शामिल है। विश्‍व बैंक की ऋण सहायता हरित राष्‍ट्रीय राजमार्ग कॉरिडोर परियोजना के तहत होगी। इन राष्‍ट्रीय राजमार्ग खंडों के निर्माण की अवधि 2-3 वर्ष होगी और रखरखाव अवधि डामर पटरी सड़कों के लिए 5 वर्ष तथा कंकरीट की पक्‍की पटरी सड़कों के लिए 10 साल होगी। मसलन परियोजना के चार घटकों में राष्‍ट्रीय राजमार्गों का सतत विकास और रखरखाव, संस्‍थागत क्षमता में बढ़ोतरी, सड़क सुरक्षा और अनुसंधान एवं विकास शामिल रहेगा।
सड़क संपर्क में सुधार होगा
मंत्रालय के अनुसार इन परियोजनाओं का क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक जरूरतों पर विचार करने के बाद अच्‍छी और वाहन योग्‍य सड़कें उपलब्‍ध कराने की जरूरत के आधार पर चयन किया गया है। क्षेत्र की प्रकृति और स्‍थानीय उपज की मात्रा, उपज की ढुलाई के लिए उपलब्‍ध लॉजिस्टिक बुनियादी ढांचा तथा मुख्‍य धारा क्षेत्र के साथ स्‍थानीय लोगों के जुड़ाव की आवश्‍यकता आदि पर विचार किया गया है। इन खंडों का कार्य पूरा होने के बाद वाहनों की आवाजाही में लगने वाले समय में कमी आएगी। जनता के महत्‍वपूर्ण कार्य घंटों में भी बचत होगी। जनता की दक्षता में महत्‍वपूर्ण बढ़ोतरी होगी। वाहन यातायात की सुगम आवाजाही के कारण तेजी से चलने वाले वाहनों में तोड़फोड़ भी कम होगी। इसके अलावा ईंधन की खपत में भी बचत होगी। ये चयन किए गए खंड औद्योगिक क्षेत्रों, समृद्ध कृषि क्षेत्रों, पर्यटक स्‍थलों, धार्मिक स्‍थानों और प्रगति एवं आय के रूप में पिछड़े क्षेत्रों से गुजरते हैं। इस परियोजना के पूरा होने के बाद कनेक्टिविटी में सुधार होगा, जिससे राज्‍यों को अधिक राजस्‍व जुटाने में मदद मिलने के साथ-साथ स्‍थानीय जनता की आय भी बढ़ेगी।
कार्य की गुणवत्ता पर होगा फोकस
इन राजमार्गों के निर्माण के अलावा इस परियोजना में जलवायु के लचीलेपन में कार्य की गुणवत्‍ता और हस्‍तक्षेपों के प्रभाव का आकलन करने के लिए सामग्रियों के परीक्षण हेतु इंडियन एकेडमी ऑफ हाइवे इंजीनियर्स (आईएएचई) में हाइवे/‍ब्रिज इंजीनियरिंग प्रयोगशाला को मजबूत बनाना, डिजाइन, कार्यान्‍वयन, परिचालन और रखरखाव चरणों में सुरक्षा ऑडिटों के माध्‍यम से सड़क सुरक्षा में वृद्धि करना, केंद्रीय सड़क परिवहन संस्‍थान, पुणे का दुघर्टना जांच पड़ताल के लिए क्षमता निर्माण करना और मिट्टी और पटरी सतहों का स्थिरीकरण, तटबंधों में फ्लाई ऐश, मकानों के मलबे आदि का उपयोग, बिटुमिन के कार्यों में प्‍लास्टिक अपशिष्‍ट संशोधकों आदि का उपयोग तथा जैव इंजीनियरिंग समाधानों का उपयोग करके ढलाव संरक्षण प्रासंगिक विषयों पर अनुसंधान एवं विकास अध्‍ययन शामिल हैं
14Mar-2020

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