तीसरे
दिन भी नहीं हो सका शून्यकाल व प्रश्नकाल
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
संसद
में दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर तीसरे दिन भी गतिरोध जारी रहा और विपक्ष के हंगामे
के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही बारी-बारी से पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
वहीं सरकार ने इस मुद्दे पर होली पर्व के बाद चर्चा कराने का प्रस्ताव रखा है।
लेकिन तत्काल चर्चा कराने पर अडिग विपक्षी दलों ने हंगामा करते हुए चेताया कि जब
तक दिल्ली हिंसा पर चर्चा नहीं होती, तब तक संसद की कार्यवाही को चलने नहीं दिया
जाएगा।
राज्यसभा की बुधवार को सुबह शुरू हुई कार्यवाही दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा के मुद्दे पर तत्काल चर्चा
कराने की मांग को लेकर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण कुछ ही
देर बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी। उच्च सदन की कार्यवाही शुरू होने
पर सभापति एम. वेंकैया नायडू ने आवश्यक
दस्तावेजों को सदन के पटल पर रखवाने के बाद कांग्रेस
नेता गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा, समाजवादी पार्टी के नेता
राम गोपाल यादव और जावेद अली खान व अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों द्वारा
नियम 267 के तहत दिये गये नोटिसों की
जानकारी देते हुए कहा कि दिल्ली हिंसा पर चर्चा कराने के लिए वह विभिन्न
दलों के नेताओं से विचार विमर्श करते यह तय करेंगे कि इस मुद्दे पर किस
नियम के तहत चर्चा हो और उन्होंने चर्चा को होली के त्यौहार के बाद 12 मार्च को
कराने की घोषणा की। इस प्रस्ताव पर सदन में कांग्रेस, टीएमसी और अन्य विपक्षी
सदस्यों ने आसन के करीब आकर तत्काल चर्चा कराने की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया।
सभापति के कहने पर भी जब वे अपनी सीट पर
नहीं गये और हंगामा करते रहे तो सदन की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए
स्थगित कर दिया गया। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा ने
दिल्ली हिंसा को लेकर नियम 267 के तहत राज्यसभा
में स्थगन का प्रस्ताव दिया है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव
और जावेद अली खान ने भी दिल्ली हिंसा को लेकर स्थगन प्रस्ताव दिया है।
नहीं चल
सका शून्यकाल व प्रश्नकाल
हालांकि सदन की कार्यवाही स्थगित करने से पहले उन्होंने
शून्यकाल शुरू करने के लिए कोरोना वायरस जैसे महत्वपूर्ण 16 मुद्दों की जानकारी
दी, लेकिन सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चलने के कारण शून्यकाल नहीं हो
पाया। इसके बाद कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा
शुरू कर दिया। तृणमूल के कुछ सदस्य आसन के पास भी आ गए। नायडू ने हंगामा कर रहे सदस्यों
से शांत रहने और सदन चलने देने की अपील की। लेकिन सदस्यों का हंगामा जारी रहा। उन्होंने
कहा कि शून्यकाल के तहत कुल 16 मुद्दे स्वीकार
किए गए हैं जिनमें कोरोना वायरस जैसे अहम मुद्दे भी हैं। गौरतलब है संसद के बजट
सत्र के दूसरे चरण के पहले दो दिन की कार्यवाही भी दिल्ली हिंसा के हंगामे की भेंट
चढ़ चुकी है।
चर्चा को तैयार सरकार
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुधवार
को कहा कि सरकार दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर होली के बाद चर्चा कराने के लिए तैयार
है। इसके लिए सरकार ने लोकसभा में 11 मार्च
और राज्यसभा में 12 मार्च को चर्चा
कराने का
प्रस्ताव दिया है। इससे पहले इस मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए नियमों का लेकर
विभिन्न दलों से चर्चा करके विचार विमर्श भी किया जा सकता है।
05Mar-2020
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