ईपीएफ नियमों में संशोधन की अधिसूचना जारी
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
केंद्र सरकार द्वारा देश में कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन
देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा तीन माह के लिए कर्मचारियों के लिए की गई घोषणा के तहत
ईपीएफ योजना के नियमों में संशोधन कर दिया गया है। इस संशोधन के तहत ईपीएफओ के अंशधारक
कर्मचारी अब ईपीएफ खातों से तीन माह का वेतन निकाल सकेंगे।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने यह जानकारी देते
हुए बताया कि केंद्र सरकार द्वारा देश में लॉकडाउन के मद्देनतर किए गये ऐलान के अनुसार
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि योजना यानि ईपीएफ योजना के तहत कर्मचारी
भविष्य निधि योजना—1952 में संशोधन के लिए नियमों में संशोधन
करने के बाद रविवार को अधिसूचना जारी कर दी है, ताकि लॉकडाउन के दौरान आर्थिक तंगी से जूझ रहे कर्मचारी अपने खाते से अग्रिम रुप
से तीन माह का वेतन निकाल सकते हैं। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा ईपीएफ योजना में
संशोधन के लिए जारी की गई अधिसूचना में जीएसआर 225(ई) के तहत देश में कोविड-19 महामारी के मद्देनजर ईपीएफ सदस्यों
द्वारा गैर-वापसी योग्य अग्रिम धन निकासी की अनुमति प्रदान की गई है। महामारी या वैश्विक
महामारी के फैलने की स्थिति में यह अधिसूचना धननिकासी की अनुमति दी गई है, जो तीन महीनों के मूल वेतन तथा महंगाई भत्ते या सदस्य
के ईपीएफ खाते में जमा धनराशि के 75 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी
चाहिए। अधिसूचना जारी होने के बाद ईपीएफओ ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश
दिए हैं कि परिस्थिति का सामना करने में सहायता प्रदान करने के लिए ईपीएफ सदस्यों के
आवेदनों पर त्वरित निर्णय लिए जाने चाहिए। ईपीएफओ ने निर्देश दिया है कि ईपीएफ सदस्यों
के दावों पर अधिकारी और कर्मचारी जल्द निर्णय लें ताकि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में कामगारों और उनके परिजनों तक राहत जल्द से जल्द पहुंचे।
ये किया गया संशोधन
मंत्रालय के अनुसार देश के प्रतिष्ठानों और कारखानों के
कर्मचारी, जो ईपीएफ योजना के सदस्य हैं और
गैर-वापसी योग्य अग्रिम के लाभ प्राप्त कर सकेंगे। ईपीएफ योजना—1952 के अनुच्छेद 68एल में उप-अनुच्छेद(3) जोड़ा गया है। संशोधित योजना-कर्मचारी
भविष्य निधि (संशोधन) योजना—2020 को 28 मार्च 2020 से लागू
किया गया है। यह अधिसूचना तीन महीने के लिए मूल मजदूरी और महंगाई भत्ते से अधिक नहीं
है या महामारी या महामारी के फैलने की स्थिति में ईपीएफ खाते में सदस्य के क्रेडिट
के लिए खड़ी राशि का 75 फीसदी तक की निकासी की अनुमति
देती है।
30Mar-2020
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