रेलवे ने 31 मार्च तक मालभाड़ा जैसे शुल्क
में की 50 फीसदी कमी
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
कोरोना वायरस की महामारी को फैलने से रोकने के लिए भारतीय
रेलवे ने 31 मार्च तक भले ही देश भर में यात्री
ट्रेन सेवाओं को पूरी तरह से बंद कर दिया हो, लेकिन लगातार चलाइ जा रही मालगाड़ियो के जरिए खाद्यान्न, नमक, चीनी, दूध, खाद्य तेल, प्याज, फल-सब्जियां, पेट्रोलियम उत्पाद, कोयला और उर्वरक जैसे आवश्यक सामान रेलवे टर्मिनलों पर लोड करके देश के विभिन्न
क्षेत्रो तक उनकी 24 घंटे आपूति की जा रही है।
रेल मंत्रालय के प्रवक्ता ने मंगलवार को यह जानकारी देते
हुए बताया कि देशभर मे तमाम यात्री रेलगाड़ियो की सेवाएं 31 मार्च तक
बंद करके कोरोना वायरस की महामारी को फैलने से रोकने के लिए भरसक प्रयास किये जा रहे
है। जबकि मालगाड़ियों का परिचालन निरंतर जारी है और राज्यो मे कोरोना वायरस के प्रकोप
को ध्यान में रखते हुए लॉकडाउन के कारण लोगो के लिए आवश्यक सामाग्री जैसे खाद्यान्न, नमक, चीनी, दूध, खाद्य तेल, प्याज, फल-सब्जियां, पेट्रोलियम उत्पाद, कोयला और उर्वरक आदि की आपूर्ति मालगाड़ियो के जरिए 24 घंटे की
जा रही है। जिसके लिए ऐसे सामान की लोड़िंग हरेक रेलवे टर्मिनलों पर की जा रही है।
रेलवे के अनुसार वर्तमान में भारतीय रेलवे देशभर में केवल मालगाड़ियों के ही जारी परिचालन
के तहत भारतीय रेलवे अपनी निर्बाध माल ढुलाई सेवाओं के जरिए आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता
सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। अनेक राज्यों में ‘लॉकडाउन’ के दौरान
विभिन्न गुड-शेड, स्टेशनों और नियंत्रण कार्यालयों
में तैनात भारतीय रेलवे के कर्मचारी चौबीसों घंटे अपनी सेवाएं देकर यह सुनिश्चित कर
रहे हैं कि पूरे देश में कहीं भी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित न हो।
शुल्को में 50 फीसदी छूट
रेल मंत्रालय के अनुसार भारतीय रेलवे ने माल एवं पार्सल
के लिए विलंब-शुल्क और गोदी-शुल्क की दरों को 31 मार्च तक
घटाकर निर्दिष्ट दरों का आधा कर दिया है। माल/कंटेनर यातायात से संबंधित रेट पॉलिसियों
की वैधता को भी एक माह यानी 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है। इसी
प्रकार खाली कंटेनरों/खाली फ्लैट वैगनों की आवाजाही के लिए 24 मार्च से 30 अप्रैल तक कोई ढुलाई शुल्क नहीं
लगाया जाएगा। वैगनों की लोडिंग/अनलोडिंग के लिए नि:शुल्क समय और रेलवे परिसरों से खेप
को हटाने के लिए नि:शुल्क समय को बढ़ाकर 31 मार्च तक
निर्दिष्ट नि:शुल्क समय का दोगुना कर दिया गया है।
सोमवार को लोड़ हुए
474 रेक
रेल मंत्रालय के अनुसार खाद्यान्न, नमक, खाद्य तेल, चीनी, दूध, फल-सब्जियों, प्याज, कोयला और पेट्रोलियम उत्पादों जैसी
आवश्यक वस्तुओं के लिए 23 मार्च को कुल 474 रेक लोड किए गए थे। उस दौरान भारतीय रेलवे द्वारा कुल मिलाकर 891 रेक लोड किए गए, जिनमें अन्य महत्वपूर्ण वस्तुएं
भी शामिल हैं, जैसे कि लौह अयस्क के 121 रेक, स्टील के 48 रेक, सीमेंट के 25 रेक, उर्वरक के 28 रेक, कंटेनर के 106 रेक, इत्यादि। इसके लिए रेलवे द्वारा
राज्य सरकारों के साथ उचित तालमेल बनाए रखा जा रहा है, ताकि कोविड-19 के मद्देनजर लगाई गई विभिन्न पाबंदियों
के कारण आवश्यक वस्तुओं के रेकों का संचालन बिना किसी देरी के सुविधाजनक ढंग से हो
सके।
आवाजाही पर पैनी नजर
भारतीय रेल प्रणाली पर आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आवाजाही
पर पैनी नजर रखने के लिए रेल मंत्रालय में एक आपातकालीन माल नियंत्रण कक्ष काम कर रहा
है। अत्यंत वरिष्ठ स्तर पर अधिकारियों द्वारा माल ढुलाई पर पैनी नजर रखी जा रही है।
मालगाड़ियों के परिचालन के लिए नियंत्रण कक्षों में तैनात भारतीय रेलवे के कर्मचारी, संबंधित विभागों के स्टाफ, रखरखाव स्टाफ, सुरक्षा कर्मी और रेलवे अस्पतालों
के चिकित्सा कर्मचारी निरंतर चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।
25Mar-2020
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