पिछले
दो साल में 37 हजार हेक्टेयर से ज्यादा भूमि अधिसूचित
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश
में बुनियादी ढांचें को मजबूत बनाने के लिए चलाई जा रही सड़क परियोजनाओं में
राष्ट्रीय राजमार्गो के लिए भूमि अधिग्रहण के काम में तेजी लाने के लिए मंत्रालय
के शुरू किये गये भूमिराशि पोर्टल के जरिए मात्र 21 माह में ही 37078 हैक्टेयर
भूमि को अधिसूचित किया गया है, जो पिछले चार साल में अधिग्रहित भूमि के मुकाबले
साढे चार हजार हेक्टेयर से भी ज्यादा है।
केंद्रीय
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार मंत्रालय ने राष्ट्रीय
राजमार्गों के लिए त्रुटिमुक्त और पारदर्शी भूमि अधिग्रहण के काम में तेजी
लाने की दिशा में 01 अप्रैल 2018 को ई-शासन की पहल करते हुए
भूमिराशि पोर्टल की शुरूआत की थी, जिसके जरिए मात्र 21 माह में ही 37078 हेक्टयर
भूमि अधिसूचित हुई और पिछले दो वर्षों में प्रतिवर्ष करीब केवल 1000 अधिसूचनाओं के स्थान पर 2018-19 में करीब 3000 अधिसूचनाएं जारी की गई। इससे पहले
नेशनल हाइवे के लिए चार साल के दौरान केवल 33005 हेक्टेयर भूमि को ही अधिसूचित
किया जा सका था। मंत्रालय का दावा है कि मंत्रालय की एक प्रमुख ई-शासन
पहल के तहत भूमिराशि पोर्टल ने राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए
भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में तेजी आई और वास्तविक समय के आधार
पर प्रत्येक अवस्था में अधिसूचनाएं तैयार करने के अलावा यह प्रक्रिया त्रुटिमुक्त और अधिक पारदर्शी बनी है। इस पोर्टल के
इस्तेमाल से अधिकांश मामलों में रिकॉर्ड बनाने में लगने वाला समय दो सप्ताह से भी
कम और कुछ मामलों में कुछ ही दिन हो गया है। मंत्रालय के अनुसार भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा
करीब 37078 हेक्टेयर भूमि
अधिसूचित होने के साथ अब तक करीब 4.16 लाख लोग इस पोर्टल पर जा चुके हैं। मंत्रालय
के अनुसार इस प्रणाली में एक साधारण प्रारूप में 728 जिलों, 6763 उप-जिलों (तहसील/तालुक) और 6,62,668 गांवों का विस्तृत विवरण है। राज्य सरकारों से प्राप्त जानकारी
के आधार पर इस विवरण को नियमित रूप से अपडेट किया जाता है। इस प्रणाली में साथ-साथ
हिंदी अनुवाद प्रदान कर प्रक्रिया में तेजी लाई जाती है और इसे तेजी से प्रकाशन के
लिए ई-राजपत्र से जोड़ा गया है। इस प्रणाली में 3ए, 3ऐ और 3डी की मसौदा अधिसूचनाएं
तैयार करने के लिए एक पूर्व परिभाषित प्रारूप के रूप में प्रदान किया गया है।
11 राज्यों को 173 करोड़ का भुगतान
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने भूमिराशि
पोर्टल से
पहले राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के लिए भूमि के अधिग्रहण, भूमि मालिकों को मुआवजे का भुगतान आदि फाइलों
के रूप में दस्तावेजों को यहां,
वहां
भेजकर मैन्युअली किया जाता था। उस प्रक्रिया में अधिसूचना जारी करने, भूमि/क्षेत्र के विवरण में त्रुटी आदि जैसी
दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। ऐसी समस्याओं से निपटने और, देरी को कम करने और भूमि अधिग्रहण के लिए योग्य
प्राधिकार के पास सार्वजनिक धनराशि रखे रहने से बचने के लिए मंत्रालय ने वेब आधारित
एक पोर्टल-भूमिराशि की शुरुआत की,
ताकि
भूमि अधिग्रहण की संपूर्ण प्रक्रिया का पूरी तरह डिजिटलीकरण और उसका स्वचालन किया
जा सके।
यही कारण है कि इसी पोर्टल के जरिए 11 राज्यों यानि आंध्र
प्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश,
महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में 2111 लाभान्वितों को भूमि अधिग्रहण के लिए 172.64 करोड़ 4,540 रुपये का भुगतान किया जा
चुका है।
मसलन भूमिराशि पोर्टल की प्रतिकृति तैयार की जा सकती है और इसका इस्तेमाल
राज्य सरकारों के साथ-साथ मंत्रालयों द्वारा किया जा सकता है, जो अपने महत्वपूर्ण कानूनी प्रावधानों के अंतर्गत
भूमि का सीधे अधिग्रहण करते हैं।
15Mar-2020
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