केंद्र ने राज्यो को सैस निधि से डीबीटी के जरिए हस्तांतरित
करने को कहा
25Mar-2020
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने राज्यो व केंद शासित प्रदेशो को एक परामर्श
जारी करते हुए सैस निधि में जमा 52 हजार करोड़ रुपये निर्माण कल्याण
बोर्डों में पंजीकृत 3.5 करोड़ श्रमिको के खाते में हस्तांतरित
करने को कहा है।
केंद्रीय श्रम मंत्रालय के अनुसार
देश मे कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए मंगलवार को केन्द्रीय श्रम और रोजगार मंत्री
(स्वतंत्र प्रभार) संतोष कुमार गंगवार ने सभी राज्यों व संघ शासित प्रदेशों को सैस
निधि का इस्तेमाल निर्माण मजदूरों के कल्याण के लिए करने की सलाह दी है, ताकि कोविड-19 फैलने की पृष्ठभूमि में सरकार द्वारा
श्रमिकों को राहत देने के लिए अनेक उपाय किए जा सके। गंगवार ने सभी राज्यो के मुख्यमंत्रियों
और संघ शासित प्रदेशों के राज्यपालों के लिए आज एक परामर्श जारी करते हुए कहा है कि
असंगठित निर्माण मजदूर जिनकी आजीविका उनकी दिहाड़ी है, उनकी सहायता के लिए भवन निर्माण
और अन्य निर्माण कार्य कानून—1996 की धारा
60 के तहत सभी राज्य सरकारों व संघ
शासित प्रदेश बीओसीडब्ल्यू सैस कानून के अंतर्गत श्रम कल्याण बोर्ड द्वारा एकत्र
सैस निधि से डीबीटीमोड के जरिए निर्माण मजदूरों के खाते में धनराशि हस्तांतरित करें।
सैस निधि के रूप में करीब 52 हजार करोड़
रुपये उपलब्ध है और लगभग 3.5 करोड़ निर्माण
श्रमिक इन निर्माण कल्याण बोर्डों के साथ पंजीकृत हैं। केंद्र सरकार ने मजदूरों के
हितों को ध्यान में रखते हुए सभी प्रदेश सरकारों को मजदूरों के सीधे खाते में पैसे
भेजने के लिए यह परामर्श जारी किया है, जिसमे कहा गया है कि मजदूर कल्याण बोर्ड द्वारा जमा किए गए फंड का इस्तेमाल करे
और मजदूरों के खाते में डीबीटी के माध्यम से पैसे भेजे जाएं।25Mar-2020
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