सोमवार, 30 मार्च 2020

कोरोना संकट पर पीएम मोदी के संदेश पर एकजुट दिखी संसद


दोनों सदनो में पारित किया गया सरकार के संकल्प वाला प्रस्ताव
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में कोराना वायरस के खतरे से निपटने की दिशा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा केंद्र सरकार द्वारा किये जा रहे उपायों और देश की जनता को बचाव के लिए राष्ट्र के नाम संदेश के संकल्प को संसद के दोनों सदनों में एक प्रस्ताव के रूप में लाया गया, जिसका दोनों सदनों के सभी दलों ने समर्थन करते हुए कोरोना संकट के सरकार के साथ रहने के लिए एकजुटता दिखाते हुए इस संकल्प को पारित कर दिया।
लोकसभा में शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दिन पहले शाम को देश की जनता से संवाद कर कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच डर के बजाय सावधानी बरतने की अपील करते हुए राष्ट्र के नाम संदेश में सरकार के संकल्प को एक प्रस्ताव के रूप में पढ़ा और कहा कि इस संकट की घड़ी में लोकसभा प्रधानमंत्री के संकल्प और आह्वान के साथ है। बिरला ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस प्रतिकूल स्थिति में कई उपाय, कार्यक्रम बताए हैं और रविवार 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगाने का आह्वान जनता से आव्हान किया है। इस संकल्प पर निचले सदन के सभी दलों ने अपनी सहमति जताई। लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि भारतीय संसद प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार के संकल्प के साथ खड़ी है। इस प्रस्ताव पर सदन में प्रतिपक्ष नेता कांग्रेस सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान के बाद हम सब उनके साथ हैं, लेकिन इस संदेश के बाद सारे देश में खासतौर पर बड़े शहरों में जरूरी चीजों की कीमतें बढ़ने पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि बाजार से खाद्य सामग्री नदारद हो रही है और जमाखोर तथा बिचौलियों के हाथ में बाजार जाने के हालात बन रहे हैं। इसलिए सरकार से दिहाड़ी मजदूरों, चालकों, खेतिहर मजदूरों, सुरक्षा गार्डों, रेहड़ी पटरी वाले सहित अन्य के लिए आर्थिक सहायता समेत वित्तीय पैकेज की घोषणा करने की भी मांग की।
राज्यसभा में भी प्रस्ताव पारित
राज्यसभा में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सरकार के प्रयासों का समर्थन करते हुए शुक्रवार को उप सभापति हरिवंश ने एक प्रस्ताव हुए कहा कि आज दुनिया कोरोना वायरस के संकट से जूझ रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना संकट पर राष्ट्र के नाम संदेश के तहत जनता से संवाद किया और कोरोना संकट से बचने के अनेक उपाय और कार्यक्रम बताए, जिसमें कोरोना के बचाव हेतु सावधानी बरतने की अपील करते हुए रविवार 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का पालन करने की अपील कर जनता का विश्वास बढ़ाया। उन्होंने कहा कि यह संसद सरकार के संकल्प के साथ है और सब मिलकर कोरोना संकट का मुकाबला करेंगे, ऐसा यह संसद विश्वास प्रकट करती है। इस पर उच्च सदन में तमाम दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित उपायों के साथ एकजुटता दिखाते हुए कोरोना संकट पर विजय पाने का संकल्प को पारित किया। कोरोना संकट पर कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि कि प्रधानमंत्री ने कल जो कहा कि उसका हम पूर्ण रूप से समर्थन करते हैं और इस मुद्दे पर पूरा देश एकमत है। उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर भारत विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रोटोकाल का पालन कर रहा है। भारत की बहुत बड़ी आबादी है इसलिए हमें सतर्क रहना है खासतौर पर सामुदायिक प्रसार और सामाजिक रूप से दूरी बनाये रखने के मामले में भारत बेहतर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में महामारी कानून लागू हो चुका है। वहीं उन्होंने सरकार से सवाल किया कि क्या यह अधिसूचित कानून हम सांसदों पर लागू नहीं होगा? क्या हम कानून से ऊपर हैं? हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वह इस मुद्दे को कोई विवाद नहीं बनाना चाहते हैं और हर कदम में पूरी तरह सरकार के साथ हैं। हालांकि रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कांग्रेस के आनंद शर्मा द्वारा इस संबंध में उठाये गये इस सवाल का जिक्र करते हुए कहा कि महामारी कानून और सरकार की नयी अधिसचूना में यह प्रावधान है कि आवश्यक सेवाओं में शामिल लोगों को छूट दी गयी है।
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सोमवार को दो बजे शुरू होगी संसद की कार्यवाही
लोकसभा और राज्यसभा यानि दोनों सदनों में कोरोना वायरस के कारण संसद के बजट सत्र को जल्द स्थगित करने की मांग की जा रही है। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने विभिन्न दलों के साथ चर्चा की। इस दौरान कोरोना वायरस के कारण विमान सेवाओं के समय बदलने और ट्रेनें रद्द होने के कारण अनेक सदस्यों ने लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति से सोमवार को बैठक का समय बदलने का अनुरोध किया था। इसके मद्देनजर जहां लोकसभा में स्पीकर ओम बिरला ने सदन में कहा कि सोमवार को पूर्वाह्न 11 बजे के बजाय दोपहर दो बजे शुरू होगी और प्रश्नकाल नहीं चलेगा। इसी प्रकार राज्यसभा में यह घोषणा करते हुए सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि सोमवार को उच्च सदन की बैठक सुबह 11 बजे के बजाए दोपहर दो बजे से शुरू होगी और सदन की कार्यवाही कामकाज समाप्त होने तक चलेगी। दोनों सदनों में यह भी स्पष्ट किया गया कि बैठक के समय बदलाव की यह व्यवस्था सिर्फ सोमवार 23 मार्च के लिए लागू होगी। 
21Mar-2020

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