अभी
तक वैज्ञानिक तरीके से जांच में 1922 चेहरों की हुई पहचान
हिंसा के लिए एक-दूसरे पर लगाए गये आरोप-प्रत्यारोप
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
राज्यसभा
में दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर हुई चर्चा के दौरान एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोपों
के साथ सत्तापक्ष और विपक्षी दलों के सदस्यों के बीच तीखी झड़पे हुई। इस चर्चा का
जवाब देते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि वैज्ञानिक तरीके से हो रही
जांच में अभी तक दंगाईयों के के 1922 चेहरों की पहचान कर ली गई है और दंगा करने
वालों या कराने वालों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कसी जाति धर्म या
किसी पार्टी का ही क्यों न हो।
राज्यसभा
में दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृहमंत्री
अमित शाह ने कहा कि दिल्ली हिंसा में शामिल दंगाईयों और दंगा कराने वालों की
वैज्ञानिक तरीके से जांच की जा रही है, जिसमें अभी तक 1922 ऐसे व्यक्तियों की पहचा
की जा चुकी है। उन्होंने विपक्षी दलों के आरोपों पर भरोसा दिया कि इन दंगों में
किसी निर्दोष व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी और न ही कोई किसी तरह का
पक्षपात होगा, लेकिन दंगाईयों और दंगा कराने वालो को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं
जाएगा, चाहे वह किसी जाति-धर्म या किसी सियासी पार्टी का व्यक्ति ही क्यों न हो। शाह ने कहा कि नरेंद्र
मोदी सरकार दंगों से जुड़े मामलों की वैज्ञानिक, प्रामाणिक तरीके से जांच कर रही है। उन्होंने दंगों के लिए
विवादित बयानों को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि सीएए को लेकर जिस प्रकार से रामलीला
मैदान से सड़को पर निकलने का आव्हान किया गया, उसके बाद देशभर में हिंसा होना शुरू
हो गया था, इसलिए सत्तापक्ष पर कोई आरोप लगाने से पहले विभिन्न दलों को भी अपनी
जिम्मेदारी समझने की जरूरत है।
2647 व्यक्तियों की गिरफ्तारी
उन्होंने कहा कि दिल्ली दंगों
के बाद 700 से अधिक प्राथमिकी
दर्ज की गयी हैं। इसके लिए 12 थानों के लिए विशेष
अभियोजक नियुक्त किये गये हैं। शाह ने कहा कि 2647 लोगों को गिरफ्तार किया गया है या हिरासत में लिया गया है। वहीं 40 से अधिक टीमों का गठन कर संलिप्त लोगों की
पहचान कर उन्हें पकड़ने की जिम्मेदारी दी गयी है। उन्होंने कहा कि 50 गंभीर मामलों की जांच डीआईजी एवं आइजी स्तर
के अधिकारियों के नेतृत्व में तीन एसआईटी करेगी। उन्होंने सदन में जानकारी दी कि दंगों में प्रयोग हुए 125 हथियार जब्त किये
गये हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने विज्ञापन देकर जनता से इन घटनाओं से जुड़े वीडियो
और फुटेज मांगे थे। उन्होंने उन आरोपों को निराधार बताया कि वीडियो में लोगों
की पहचान के लिए आधार कार्ड का उपयोग हो रहा है, उन्हेंने कहा कि मतदाता
पहचान पत्र और ड्राइविंग लाइसेंस को जरुर आधार बनाया गया है।
सुनियोजित था दंगा
गृहमंत्री ने कहा कि खुफिया तंत्र के जरिए 24 तारीख के पहले ही हमारे पास यह सूचना आ चुकी
थी कि विदेश और देश से आये गये पैसे दिल्ली में बांटे गए और इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। हवाला और नफरत फैलाने
के लिए एजेंसी के संबंध में दिल्ली पुलिस जल्द ही घोषणा करेगी।
दिल्ली पुलिस का ऐसे किया बचाव
सदन में चर्चा के दौरान दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाने पर अमित शाह ने कहा कि दिल्ली पुलिस की यह सबसे बड़ी सफलता है कि उसने दिल्ली
के सिर्फ चार प्रतिशत हिस्से तक इस दंगा को सीमित रखा, जहां दिल्ली की 13
फीसदी यानि 20 लाख की आबादी प्रभावित हुई। उन्होंने कहा कि दिल्ली के
बाकि कई इलाकों में हिन्दू-मुसलमान साथ रहते हैं, लेकिन कहीं से भी ऐसी अप्रिय घटना की खबर नहीं
आई। उन्होंने कहा कि केवल 36 घंटे में दंगे पर दिल्ली
पुलिस ने नियंत्रण पा लिया।
दंगाईयों
से होगी नुकसान की भरपाई
उन्होंने
कहा कि दिल्ली हिंसा में दोनों समुदाय के 53 लोगों की मौत हुई और अस्पताल, स्कूल
और मकान, दुकानों तथा अन्य संस्थानों को भारी नुकसान हुआ है। इस दिशा में इस
नुकसान की भरपाई करने के लिए दंगाईयों से जुर्माना वसूलने का प्रस्ताव भेजा गया
है। इसके लिए न्यायिक प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
सीएए व एनपीआर पर दूर किया भ्रम
अमित शाह ने कहा कि नागरिकता कानून के कारण
देश के मुसलमान भाईयों के मन में शंका का वातावरण है। उन्होंने कहा कि नागरिकता कानून
से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी। उन्होंने कहा कि शाहीन बाग में प्रदर्शन को लेकर आपत्ति
नहीं थी, लेकिन 15 दिसंबर को रामलीला
मैदान में रैली हुई और उसमें कहा गया कि आप घर से बाहर निकलिए और यही से हिंसाओं की उत्पत्ति
शुरू हुई। इसलिए सभी दलों को चाहिए कि वे सीएए के बारे में
भ्रम न फैलाए। वहीं उन्होंने एनपीआर प्रक्रिया में स्पष्ट किया कि किसी से कोई
दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा और हरेक अपनी पर्याप्त जानकारी देने के लिए स्वतंत्र
है।
13Mar-2020
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