अब तक 2600 श्रमिक विशेष
ट्रेनों से हुई 35 लाख प्रवासियों की घर वापसी
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
भारतीय रेलवे ने अगले दस दिन
में 2600 और श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाने की योजना तैयार की है। इसके तहत रेलवे
का लॉकडाउन के कारण देश में जगह-जगह फंसे
36 लाख प्रवासी श्रमिकों, छात्रों, पर्यटकों व अन्य लोगों की घर वापसी कराने का
लक्ष्य है।की योजना है। जबकि पिछले 23 दिन में रेलवे ने 2600 श्रमिक विशेष ट्रेनों
का परिचालन कर 35 लाख से ज्यादा प्रवासियों को उनके गृह राज्य तक पहुंचाने का दावा
किया है।

80 फीसदी ट्रेने यूपी व बिहार
पहुंची
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके
यादव ने यह भी जानकारी दी कि रेलवे द्वारा चलाई गई अब तक 2600 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में से 80 फीसदी ट्रेनों
का सफर उत्तर प्रदेश और बिहार में खत्म हुआ है। श्रमिकों की तेजी से घर वापसी
कराने के मकसद से रेलवे ने जहां पहले दिन चार ट्रेनें चलाई थी, अब हरेक दिन
राज्यों के साथ समन्वय बनाकर 200 से भी अधिक ट्रेनें चलाई जा रही है। उन्होंने
बताया कि 20 मई को 279 श्रमिक ट्रेनें चलाकर चार लाख प्रवासियों
को यात्रा कराई गई।
कोरोना बचाव में सुरक्षा को
प्राथमिकता
रेलवे बोर्ड ने कहा कि रेलवे
स्टेशनों और ट्रेनों में सफर के दौरान प्रवासी श्रमिकों से कोरोना के बचाव की दिशा
में सभी सुरक्षा उपायों को अपनाया जा रहा है, जिसमें श्रमिकों से भी इसके लिए सामाजिक
दूरी और स्वच्छता
प्रोटोकॉल का पालन कराया जा रहा है। वहीं सभी यात्रियों को मुफ्त भोजन और पीने का पानी मुहैया कराया जा रहा है।
अब तक एक हजार टिकट काउंटर खुले
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद
यादव ने बताया कि लॉकडाउन से सामान्य स्थिति की ओर लौटने के प्रयास में एक जून से 200 मेल एक्सप्रेस ट्रेनें चलाने का फैसला किया है, जिसके लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग के अलावा रेलवे
स्टेशनों व कॉमन सर्विस सेंटर के एक हजार टिकट काउंटर खोले गये हैं और
परिस्थितियों के अनुसार और काउंटर भी खोले जाने की योजना है। उन्होंने कहा कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के
अलावा रेल मंत्रालय ने 12 मई से 15 जोड़ी विशेष
राजधानी ट्रेनों का संचालन भी किया जा रहा है, जिससे लाखो यात्री अपने गंतव्य तक
पहुंच रहे हैं।
रेलवे अस्पताल कोविड केयर सेंटर
बनाए
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार
यादव ने
बताया कि भारतीय रेलवे के 17 अस्पतालों को कोविड केयर सेंटर के तौर पर विकसित किया है। 80 हजार बिस्तरों के साथ 5 हजार से ज्यादा रेल डिब्बों को कोविड देखभाल केंद्रों
में बदला गया है। हालांकि उनमें ज्यादातर का अभी उपयोग नहीं किया जा रहा था, इसलिए रेलवे ने 50 फीसदी से ज्यादा कोचों को श्रमिक विशेष ट्रेनों के लिए इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है, ताकि
ट्रेनों की संख्या बढ़ाकर ज्यादा से ज्यादा श्रमिकों को यात्रा कराई जा सके। इसके
अलावा भारतीय रेलवे ने कोरोना संकट से निपटने के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई
किट) और सैनिटाइजर का उत्पादन करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसके तहत 1.4 लाख लीटर सैनिटाइजर के उत्पादन के
साथ लाखों पीपीई किट भी दान की गई।
9.7 मिलियन टन खाद्यान्न का लदान
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि
रेल मंत्रालय द्वारा निर्बाध माल ढुलाई संचालनों ने एक अप्रैल
से 22 मई के बीच 9.7 मिलियन टन खाद्यान्न का वितरण सुनिश्चित किया है। इसके अलावा रेलवे कोविड केयर
सेंटर के लिए 5 हजार कोच तैयार किए गए हैं। इसमें
लगभग 80 हजार बेड हैं। अभी 50 प्रतिशत ये कोच श्रमिक स्पेशल में इस्तेमाल हो रहे हैं। 24May-2020
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