रविवार, 31 मई 2020

केंद्र की चारधाम परियोजना की पहली सीढ़ी पार



गडकरी ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए किया चंबा सुरंग का उद्घाटन
लक्ष्य से तीन माह पहले अक्टूबर में आवागमन के लिए खुलेगी
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
केंद्र सरकार की बहुयामी चारधाम सड़क परियोजना के तहत उत्तराखंड में चंबा शहर के नीचे वाहनों की रवानगी के लिए 440 मीटर लंबी सुरंग को आवागमन के लिए आगामी अक्टूबर तक खोल दिया जाएगा। बीआरओ द्वारा तैयार की जा रही इस सुरंग को मंगलवार को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने उद्घाटन किया है, जिसके जरिए चारधाम का सफर आसान हो जाएगा।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चारधाम परियोजना के तहत ऋषिकेश-धरासू राजमार्ग (एनएच 94) पर व्यस्तम चंबा शहर के नीचे 440 मीटर लंबी इस सुरंग का उद्घाटन किया। इस सुरंग के निर्माण का कार्य सीमा सड़क संगठन यानि बीआरओ को सौंपा गया था, जिसने निर्धारित समय से इस परियोजना को पूरा करके अक्टूबर 2020 तक इसे आवागामन के लिए खोलने का रास्ता तय किया है। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने समय से पहले परियोजना के लक्ष्य को हासिल करने के लिए बीआरओ की सराहना भी की है। गडकरी ने कहा कि कोरोना संकट के कारण राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बीच सुरंग खोदने और उसके निर्माण का कार्य पूरा करना इतना आसान नहीं था, जिसे बीआरओ ने अंजाम दिया है। दरअसल सुरंग का निर्माण कार्य कमजोर मिट्टी, पानी के निरंतर रिसने, शीर्ष पर भारी निर्मित क्षेत्र रहने के कारण मकानों के ढहने की आशंका, भूमि अधिग्रहण के मुद्दों के अलावा लॉकडाउन के दौरान लगाए गए विभिन्‍न तरह के प्रतिबंधों जैसी परिस्थितियों के मद्देनजर बेहद चुनौतीपूर्ण था। उन्होंने कहा कि चारधाम परियोजना के इस हिस्से के तहत 88 करोड़ रुपये की लागत से छह किलोमीटर सड़क और 440 मीटर लंबी सुरंग बनाई जा रही है
समय और धन की होगी बचत
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उत्तराखंड में इस ऋषिकेश-धरासू-गंगोत्री मार्ग की सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक दृष्टि से अत्‍यंत महत्वपूर्ण भूमिका है। क्योंकि अब इस सुरंग के खुलने पर चंबा शहर के रास्‍ते में भीड़-भाड़ कम हो जाएगी एवं एक किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी। मसलन जहां इस शहर से होकर गुजरने में पहले के तीस मिनट लगते थे, वहां अब केवल दस मिनट का ही समय लगेगा। उन्होंने बताया कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की करीब 12 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली 889 किमी चारधाम परियोजना में से तीन हजार करोड़ की लागत वाली 251 किमी लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग खंड के निर्माण का कार्य सीमा सड़क संगठन को सौंपा गया है। जिसमें 440 किमी लंबी चंबा सुरंग भी शामिल है। इस सुरंग की मदद से सभी मौसम में चारधाम यानि गंगोत्री, केदारनाथ, यमुनोत्री और बद्रीनाथ तक की यात्रा बेहद आसान हो जाएगी।
कैसा है सुरंग का डिजाइन
मंत्रालय के अनुसार सीमा सड़क संगठन को सौंपी गई जिन दस परियोजनाओं को मंजूरी दी गई हैं उनमें से 440 मीटर लंबी सुरंग का निर्माण व्यस्त चंबा शहर में भीड़-भाड़ को कम करने के लिए हो रहा है। इस सुरंग का डिजाइन घोड़े की नाल जैसा है, जिसमें 10 मीटर चौड़ा कैरेजवे (गाड़ी का रास्‍ता) और 5.5 मीटर की ऊर्ध्वाधर निकासी (क्‍लीयरेंस) है। इस सुरंग की स्वीकृत लागत 107.07 करोड़ रुपये है। ठेके पर दी गई लागत 86 करोड़ रुपये है, जिसमें सुरंग के लिए 43 करोड़ रुपये और सुरंग तक जाने वाले 4.2 किलोमीटर लंबे पहुंच-मार्गों के लिए 43 करोड़ रुपये शामिल हैं।
ऑस्ट्रियाई तकनीक का इस्तेमाल  
चारधाम परियोजना के पहले कदम को अंजाम देने वाले सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने इस मौके पर कहा कि बीआरओ ने इस सुरंग के उत्तर पोर्टल पर काम जनवरी 2019 में ही शुरू कर दिया था, लेकिन सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं और मुआवजे के मुद्दे के कारण स्थानीय लोगों की ओर से किए गए व्‍यापक प्रतिरोध की वजह से दक्षिण पोर्टल पर काम अक्टूबर 2019 के बाद ही शुरू करना संभव हो पाया था। इस सुरंग के निर्माण में नवीनतम ऑस्ट्रियाई प्रौद्योगिकी का उपयोग किया गया है। यह सुरंग पूर्ण होने की निर्धारित तिथि से लगभग तीन महीने पहले ही इस साल अक्टूबर तक यातायात के लिए खोल दी जाएगी।
27May-2020

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