केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने चर्चा के दौरान दिया आश्वासन
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था के
सुधार के लिए खुदरा व्यपारियों और निर्माण क्षेत्र को भी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम
उद्यम के रूप में शामिल कर सकती है, ताकि उन्हें भी श्रमिकों की तर्ज पर बीमा, चिकित्सा, पेंशन आदि सरकारी योजनाओं का लाभ
मिल सके।

पटरी पर आएं आर्थिक गतिविधियां
मंत्रालय के अनुसार इस दौरान
एमएसएमई मंत्री गडकरी ने आर्थिक गतिविधियों को पटरी पर लाने की दिशा में महसूस
किया है कि इन क्षेत्रों के इस प्रक्रिया से तेजी के साथ रोजगार सृजन भी हो सकेगा
और उनके लिए बीमा, चिकित्सा, पेंशन आदि
जैसे विभिन्न लाभ प्रदान किए जा सकते हैं। इस मौके पर गडकरी ने लॉकडाउन
के कारण आर्थिक गतिविधियों में सुधार करने के लिए सरकार की रणनीतियों को लेकर भी
सुझाव मांगे, ताकि कारोबारियों को फिर से आर्थिक गतिविधियों को पहले की तरह पटरी
पर लाने के लिए सरकार की मदद मिल सके। उन्होंने आर्थिक गतिविधियों में इंजीनियर्स, आर्किटेक्ट्स और टाउन प्लानर्स से यह भी आह्वान किया कि वे भीड़भाड़
वाले शहरों, ग्रामीण, आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों में निर्माण कार्यो के
दौरान पर्यावरण की दृष्टि से गतिविधियों को शुरू करें, ताकि विकास को गति मिले और प्रदूषण
जैसी समस्याओं से निपटा जा सके।
सरकार को मिले प्रमुख सुझाव
इस चर्चा के दौरान केंद्रीय
मंत्री नितिन गडकरी के सामने इन संगठनों ने खुदरा विक्रेताओं, रेस्तरां, बिल्डरों और वास्तु फर्मों को भी एमएसएमई के रूप में पंजीकृत करने के अलावा कोरोना महामारी से संबंधित सुरक्षा उपायों की शर्तों
के साथ शॉपिंगमॉल शुरू करने, गैर-आवश्यक वस्तुओं के लिए ई-कॉमर्स कंपनियों के संचालन शुरू करने, खुदरा विक्रेताओं को नौ माह तक किराए में राहत
देने, बैंक की
ब्याज दर 10 से 4-5 फीसदी कम करने, निजी बैंकों द्वारा आरबीआई के दिशानिर्देशों का पालन करने, केवल प्राप्य पर जीएसटी लागू करने की मांग के साथ सुझाव दिये गये। इस पर गडकरी ने उद्योग जगत से आह्वान किया
कि उद्योगों द्वारा यह सुनिश्चित करना जरुरी है कि कोविड-19 के प्रसार
को रोकने के लिए वे आवश्यक सुरक्षात्मक उपायों को अपनाते हुए कार्य करें। 10May-2020
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