गृह मंत्रालय कराएगा तूफान से हुए नुकसान का आकलन
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ओडिशा एवं पश्चिम बंगाल के
तूफान ‘अम्फान’ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव एवं राहत
कार्यो पर पैनी नजर रखे हुए है, जिसके लिए यहां राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति की बैठक में समीक्षा की
गई। केंद्र सरकार ने विभिन्न विभागों और एजेंसियों को संबन्धित राज्यों में हर
संभव मदद के लिए तैयार रहने के निर्देश भी दिये।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के
अनुसार गुरुवार को कैबिनेट सचिव राजीव गाबा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की बैठक में चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ द्वारा तबाही मचाने के बाद संबंधित
राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों,एजेंसियों
के साथ ओडिशा एवं पश्चिम बंगाल के तूफान प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति की समीक्षा की
गई। बैठक
में गृह, रक्षा, शिपिंग, नागरिक उड्डयन, रेलवे, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, बिजली, दूरसंचार, इस्पात, पेयजल व स्वच्छता तथा स्वास्थ्य
मंत्रालयों और आईएमडी, एनडीएमए
एवं एनडीआरएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। वहीं वीडियों कांफ्रेंसिंग
के जरिए बैठक में शामिल हुए ओडिशा और पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिवों ने जानकारी दी कि आईएमडी का पूर्वानुमान सही
समय पर एवं सटीक साबित होने और एनडीआरएफ की अग्रिम तैनाती से पश्चिम बंगाल में लगभग
5 लाख लोगों और ओडिशा में लगभग
2 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों
पर ले जाने में काफी सहूलियत हुई। इसी की बदौलत लोगों की मौत के आंकड़े को अत्यंत
सीमित रखना संभव हो पाया है। कैबिनेट सचिव ने बचाव एवं आवश्यक सेवाओं की बहाली के
लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा करते निर्देश दिये कि केंद्रीय मंत्रालयों, एजेंसियों के अधिकारियों को ओडिशा
एवं पश्चिम बंगाल की राज्य सरकारों के साथ निकट संपर्क में रहना चाहिए और सभी आवश्यक
सहायता जल्द-से-जल्द प्रदान करनी चाहिए। गृह मंत्रालय तूफान से हुए नुकसान का जल्द
आकलन करने और इस बारे में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए टीमों को वहां भेजेगा। गौरतलब है कि वर्ष 1999 में ओडिशा में भारी तबाही
मचाने वाले सुपर चक्रवाती तूफान के बाद तूफान ‘अम्फान’ ही सर्वाधिक भीषण एवं उग्र था।
पश्चिम बंगाल में ज्यादा नुकसान
गृह मंत्रालय के अनुसार पश्चिम बंगाल ने केंद्र सरकार को जानकारी दी है कि चक्रवाती तूफान प्रभावित क्षेत्रों
में कृषि, बिजली और दूरसंचार सुविधाओं
को व्यापक नुकसान हुआ है। उधर ओडिशा ने बताया कि उसके यहां नुकसान मुख्य रूप से कृषि
क्षेत्र तक ही सीमित रहा है। समीक्षा के दौरान कहा गया कि एनडीआरएफ की ओर से पश्चिम बंगाल में अतिरिक्त टीमों की तैनाती की जा रही है, ताकि खासकर कोलकाता में आवश्यक
सेवाओं की बहाली के काम में तेजी लाई जा सके। वहीं भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) भी पश्चिम
बंगाल में खाद्यान्न, विशेषकर
चावल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करेगा, जिससे कि तूफान के कारण असहाय महसूस
कर रहे लोगों को तत्काल आवश्यक भरण-पोषण प्रदान किया जा सके। बैठक में कैबिनेट सचिव
ने राज्यों से कहा कि विद्युत मंत्रालय और दूरसंचार विभाग भी दोनों राज्यों में सेवाओं की शीघ्र बहाली
में मदद करेंगे। इसी तरह रेलवे जिसे अपनी बुनियादी ढांचागत सुविधाओं में भारी नुकसान
का सामना करना पड़ा है, भी जल्द
से जल्द अपना परिचालन फिर से शुरू करने की प्रक्रिया में है।
22May-2020
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें