आईसोलेशन वार्ड में तब्दील ज्यादातर
कोच में फिर होगा बदलाव

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
भारतीय रेलवे कोरोना महामारी के
कारण लॉकडाउन के बीच देश में जगह-जगह फंसे प्रवासी श्रमिकों, छात्रों, पर्यटकों और
अन्य लोगों की घर वापसी के लिए पिछले 22 दिनों में 2100 से ज्यादा श्रमिक विशेष
ट्रेनें चलाकर 30 लाख से ज्यादा प्रवासियों की घर वापसी करा चुका है, लेकिन
अभी 65 फीसदी से भी ज्यादा
प्रवासियों के घर जाने के इंतजार को खत्म करने के मकसद से रेलवे 125 नई श्रमिक
विशेष ट्रेनें चलाएगा, जिसके लिए कोचों की कमी को पूरा करने के लिए आईसोलेशन वार्ड
में तब्दील हुए 5231 कोचों
में से तीन हजार कोचों में यात्रा के हिसाब से बदलाव करने का निर्णय लिया गया है।
रेलवे के सूत्रों के मुताबिक रेलवे बोर्ड के निर्देश
पर कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते रेलवे ने देशभर के रेलवे जोनों में तेजी के साथ
5231 ट्रेन कोचों को आईसोलेशन वार्ड में तब्दील करके उनके डिजाइन को स्वास्थ्य
परीक्षण के हिसाब से तैयार किया था। रेलवे के अनुसार इन कोरोना स्वास्थ्य के लिए
ट्रेनों के ज्यादातर आईसोलेशन की किसी राज्य से मांग नहीं आई, मसलन इनका उपयोग
नहीं हो पाया है।
इसलिए रेलवे बोर्ड ने देश में प्रवासियों के आवागमन के मौजूदा
संकट में श्रमिक विशेष ट्रेनों की संख्या ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने के मकसद से इन
आईसोलेशन वार्डो में तब्दील तीन हजार कोचों को यात्रा के हिसाब से बदलाव करने के
आदेश दिये हैं। इसके लिए सभी रेलवे जोनों को लक्ष्य के साथ रेलवे बोर्ड ने आदेश
जारी कर दिये हैं।
रेलवे के सूत्रों की माने तो रेलवे अतिरक्त 125 नई श्रमिक विशेष
ट्रेनों का संचालन करके जल्द से जल्द प्रवासियों की घर वापसी कराना चाहता है। एक
श्रमिक विशेष ट्रेन में अधिकतम 24 कोच लगाए गये हैं, जिनमें कोरोना बचाव के
मद्देनजर सुरक्षात्मक उपाय के तहत अधिकतम 1700 यात्रियों को सफर कराया जा रहा है।
आसान नहीं होगा फिर बदलाव
दरअसल रेलवे ने जिन सामान्य रेल कोच को क्वॉरन्टीन
सेंटर या
आईसोलेशन वार्ड में तब्दील किये थे, उनमें चिकित्सा परामर्श के बाद कोरोना इलाज के
हिसाब से सभी चिकित्सीय संसाधन उपलब्ध कराए थे, जिनके कारण कोच में कई सीटों को
हटाना पड़ा था और वार्ड के हिसाब से उनका डिजाइन तैयार किया गया था। इसलिए इन
कोचों को फिर से मूलरूप में लाना इतना आसान काम नहीं है, क्यों कि इस प्रक्रिया
में एक सप्ताह का समय लगने का अनुमान है।
फिर भी देश में कोरोना संकट से निपटने के
लिए भारतीय रेलवे अपना योगदान जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके लिए रेलवे
बोर्ड की योजना ज्यादातर कोचों को फिर से मूलरूप में बदलकर उन्हें नई श्रमिक
ट्रेनों में लगाकर ज्यादा से ज्यादा प्रवासियों को आवागमन करा सके। हालांकि इस
बदलाव की प्रक्रिया में रेलवे को भारी राजस्व का नुकसान वहन करना पड़ रहा है।
23May-2020
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