रविवार, 10 मई 2020

केंद्र सरकार जल्द लाएगी कृषि एमएसएमई नीति


कृषि, ग्रामीण, जनजातीय व वन उत्पादों पर होगा फोकस
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
कोरोना संकट के कारण लॉकडाउन के कारण प्रभावित हो रही अर्थव्यवस्था को सुधारने की दिशा में केंद्र सरकार ने कृषि एमएसएमई नीति पर काम करना शुरू कर दिया है, जिसमें सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के अलावा स्थानीय कच्चे माल का इस्तेमाल करते हुए विनिर्माण उत्पादों के लिए ग्रामीण, जनजातीय, कृषि और वन क्षेत्रों में उद्यमिता विकास पर फोकस किया जाएगा।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण प्रभावित हो रही आर्थिक गतिविधियों को लेकर वीडियो कांफ्रेंस के जरिए एसएमई चैंबर ऑफ इंडिया, एसएमई निर्यात संवर्धन परिषद् के प्रतिनिधियों और कल्याण एवं सौंदर्य उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की। एमएसएमई मंत्रालय के अनुसार गडकरी ने सभी को भरोसा दिया कि इस संकट से निजात दिलाने के लिए केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था पर फोकस करते हुए नीतियों को अंजाम देने का प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि उनका सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय एक कृषि एमएसएमई नीति पर काम कर रहा है, जिसे जल्द ही जारी किया जाएगा, ताकि आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिल सके। नितिन गडकरी ने बताया कि यह नीति स्थानीय कच्चे माल का उपयोग करते हुए विनिर्माण उत्पादों के लिए ग्रामीण, जनजातीय, कृषि और वन क्षेत्रों में उद्यमिता विकास पर ध्यान केंद्रित करेगी। गडकरी ने सभी प्रतिनिधियों को यह सुझाव दिया कि कल्याण और सौंदर्य उद्योग को आयातित उत्पादों के बजाय भारतीय आयुर्वेद के उत्पादों के उपयोग को प्रोत्साहन देना चाहिए। उन्होंने बताया कि इस दिशा में एमएसएमई मंत्रालय ने प्रशिक्षण, कौशल, हैंडहोल्डिंग और उद्यमिता विकास के क्षेत्रों में एमएसएमई मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आयुष क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए आयुष मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। उन्होंने यह भी सलाह दी कि कल्याण और सौंदर्य उद्योग के सदस्यों को एमएसएमई के तहत पंजीकरण करना चाहिए, ताकि वे एमएसएमई मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित हो सकें। इस दौरान जिन प्रमुख मुद्दों पर प्रकाश डाला गया और सुझाव दिए गए उनमें ऋण स्थगन का और अधिक विस्तार, लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों को उनके ईएसआई और भविष्य निधि से वेतन का भुगतान, एमएसएमई के लिए हेल्पलाइन, वित्त तक पहुंच को मजबूत करना शामिल है।
अनुभवों का इस्तेमाल पर बल
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने इस बात का भी उल्लेख किया कि विदेशी आयातों को घरेलू उत्पादन के साथ बदलने के लिए निर्यात वृद्धि के साथ-साथ आयात प्रतिस्थापन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस उद्योग को अपने ज्ञान को संपत्ति में बदलने के लिए नवाचार, उद्यमिता, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, अनुसंधान कौशल और अनुभवों पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने इस चर्चा के दौरान मौजूदा कोविड-19 महामारी के दौरान इस बात का भी जिक्र किया कि जापान सरकार ने चीन से जापानी निवेशों को बाहर निकालने और अन्यत्र स्थानांतरित करने के लिए अपने उद्योगों को विशेष पैकेज देने की पेशकश की है। ऐसे मौके को भुनाने के लिए भारत कोई चूक नहीं करनी चाहिए।
सड़क परियोजनाओं में निवेश का मौका
गडकरी ने इस दौरान सड़क परिवहन मंत्रालय के परियोजना दिल्ली-मुंबई हरित एक्सप्रेस राजमार्ग का जिक्र करते हुए इस बात पर भी जोर दिया कि कारोबारियों को आर्थिक गतिविधियों के प्रोत्साहन के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली-मुंबई हरित एक्सप्रेस हाईवे के नए संरेखण पर काम शुरू हो चुका है और ये इस उद्योग के लिए एक ऐसा अवसर जिसमें वो अत्याधुनिक तकनीक से युक्त औद्योगिक क्लस्टरों और लॉजिस्टिक पार्कों में भविष्य का निवेश करें। उन्होंने यह भी राय पेश की है कि मेट्रो शहरों के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी औद्योगिक क्लस्टरों के क्षितिज का विस्तार देने की जरूरत है और उन्होंने उद्योगों से आग्रह किया कि वे इसमें भागीदारी दिखाएं।
06May-2020

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