शुक्रवार, 6 जनवरी 2017

‘साइकिल' चाहिए तो 9 जनवरी तक साबित करें बहुमत

चुनाव आयोग का अखिलेश-मुलायम को निर्देशओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
उत्तर प्रदेश में अंतर्कलह में टूट के कगार पर खड़ी सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी की चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ पर हक जताने की लड़ाई पुत्र अखिलेश यादव और पिता मुलायम सिंह यादव के बीच चुनाव आयोग में ऐसे समय है, जब राज्य के विधानसभा चुनावों का ऐलान हो चुका है। ऐसे में कौन असली सपा और चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ पाने का हकदार है इसके लिए चुनाव आयोग ने दोनों गुटों को नोटिस जारी करके आदेश दिया है कि नौ जनवरी तक जो भी आयोग के समक्ष अपना बहुमत साबित करेगा उसे ही सपा और चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ का हक दे दिया जाएगा।
सपा कुनबे के इस दंगल को मंगल में बदलने के लिए मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव गुट दोनों ही अपने बहुमत होने का दावा कर रहे है। इस दावे का परीक्षण करने के लिए चुनाव आयोग ने दोनों गुटों से सांसदों, विधायकों और विधान परिषद सदस्यों तथा सपा कार्यकारिणी के सदस्यों के हलफनामे तलब किये हैं। चुनाव आयोग ने दोनों गुटों से नौ जनवरी सोमवार तक बहुमत साबित करने का निर्देश दिया है। दरअसल राज्य में चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के कारण चुनाव आयोग ने भी सपा के दोनों गुटों द्वारा साइकिल पर दावे के सिलसिले में दाखिल किए गये दस्तावेजों पर अपनी प्रक्रिया शुरू कर दी है। आयोग ने इसीलिए दोनों गुटों से अपने अपने समर्थक विधायकों, विधान परिषद सदस्यों तथा सांसदों द्वारा हस्ताक्षरित शपथपत्र मांगे हैं, ताकि यह पता लग सके कि किसके पास कितना संख्या बल है। चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तथा उनके साथ 'जंग' में उलझे उनके पिता मुलायम सिंह यादव से कह दिया गया है कि दोनों धड़ों के पास यह साबित करने के लिए सोमवार तक का समय है, कि क्यों वे उनकी पार्टी के चुनाव चिन्ह 'साइकिल' उसी को आवंटित करेगा जो बुहमत साबित करेगा।
मुलायम फिर चुनाव आयोग पहुंचे
सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के दोनों गुटों में साइकिल पर कब्जे को लेकर जारी लड़ाई में सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव अपने भाई शिवपाल सिंह यादव के साथ गुरुवार को चुनाव आयोग में अपना पक्ष रखने पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक सपा मुखिया और शिवपाल अपने साथ विधायकों, विधान परिषद सदस्यों और सांसदों के हस्ताक्षरित शपथपत्र लेकर चुनाव आयोग के समक्ष हाजिर हुए।
अखिलेश भी तैयारी में जुटे
मुलायम और शिवपाल के दिल्ली रवाना होने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लखनऊ में अपने सरकारी आवास पर अपने समर्थक विधायकों, विधान परिषद सदस्यों तथा अन्य नेताओं से मुलाकात की और उनसे पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ पर दावा जताने के लिए जरूरी शपथपत्रों पर हस्ताक्षर कराने की मुहिम चलाई। विधायकों और विधान परिषद सदस्यों की इस बैठक में आजम खां भी अखिलेश के आवास पर मौजूद रहे। गौरतलब है कि इससे पहले साइकिल पर अपना दावा करने मंगलवार को चुनाव आयोग पहुंचे अखिलेश खेमे की ओर से प्रो. रामगोपाल यादव ने दावा किया था कि उनके पास 90 फीसदी विधायकों का समर्थन है। वे सभी अखिलेश यादव का समर्थन कर रहे हैं। ऐसे में उनके नेतृत्व वाले धडे़ को ही सपा माना जाना चाहिए। इस संबन्ध में रामगोपाल ने चुनाव आयोग को एक ज्ञापन भी सौंपा था। जिसमें असली समाजवादी पार्टी और पूरी पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न 'साइकिल' उन्हें ही आवंटित करने का दावा किया गया था।
सूची पर असमंजस में दोनो गुट
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 11 फरवरी से लेकर 8 मार्च तक सात चरणों में होने हैं, इसलिए दोनों गुटों द्वारा जारी प्रत्याशियों को लेकर जारी हुई सूची पर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। हालांकि सपा के राष्टÑीय अध्यक्ष के तौर पर अखिलेश यादव ने विधायकों और अपने समर्थकों से कहा है कि अब वह पूरी तरह चुनाव प्रचार में लग जाएं और किसी तरह के भ्रम में न रहें। सूत्रों के अनुसार अखिलेश यादव पार्टी प्रत्याशियों की नई सूची भी जारी कर सकते है। बताया गया है कि इस बैठक में हलफनामों पर हस्ताक्षर कराने के अलावा चुनावों की तैयारी के तहत प्रचार अभियान, रथयात्र कार्यक्रम, रैलियों पर भी चर्चा की गई। ऐसे में जाहिर है कि अखिलेश खेमा किसी समझौते का इंतजार किए बिना अब अपनी ताकत के बूते चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में है।
मुलायम पर भारी अखिलेश
अखिलेश के खेमे के सूत्रों ने का दावा है कि करीब 100 विधायकों ने पहले ही शपथपत्र पर दस्तखत कर दिये हैं। वहीं सपा के विवादित राष्ट्रीय अधिवेशन में सपा के 229 में से 200 से ज्यादा विधायक, बड़ी संख्या में विधान परिषद सदस्य तथा अन्य पार्टी नेताएवं पदाधिकारियों ने शामिल होकर साबित कर दिया था कि सपा का बड़ा खेमा अखिलेश के साथ है, जबकि मुलायम की बैठक में मात्र 18 विधायक ही पहुंच सके थे, जिसके कारण मुलायम की बुलाई गई बैठक नहीं हो पायी थी। मुलायम द्वारा अखिलेश यादव कोपार्टी से निकाले जाने पर भी प्रदेश मुख्यालय समेत अन्य जिलों में अखिलेश समर्थक सड़कों पर प्रदर्शन करते नजर आए थे।
06Jan-2017

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