सोमवार, 2 जनवरी 2017

सपा का तख्ता पलट: अखिलेश बने राष्ट्रीय अध्यक्ष

शिवपाल यादव के स्थान पर नरेश उत्तम बने प्रदेशाध्यक्ष
अखिलेश गुट ने अमर सिंह तथा मुलायम ने रामगोपाल, नरेश अग्रवाल व किरनमय को निकाला
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
आखिर यूपी चुनाव से पहले सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के महासंग्राम में वार-पलटवार के दौर में अखिलेश यादव खेमे भारी पड़ा और पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रस्ताव पारित करके अखिलेश यादव को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया गया, वहीं पारित अन्य प्रस्तावों में शिवपाल यादव को सपा प्रदेशाध्यक्ष से हटा दिया गया और राज्यसभा सांसद अमर सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। वहीं दूसरी ओर मुलायम सिंह यादव ने इस अधिवेशन और इसमें लिए गये निर्णयों को असंवैधानिक करार देते हुए महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव को तीसरी बार पार्टी से बर्खाश्त करने के साथ ही अधिवेशन में शामिल हुए सांसद नरेश अग्रवाल और किरनमय नंदा को पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
यूपी में वर्चस्व के महासग्राम के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के शक्ति प्रदर्शन के बाद भी सत्ताधारी समाजवादी कुनबे में जारी घमासान नहीं थम पाया, बल्कि रविवार को लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क में समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधियों के राष्ट्रीय अधिवेशन में कुछ प्रस्तावों को पारित करके पार्टी में तख्ता पलट करके पार्टी की बागडौर अखिलेश यादव को सौंप दी। इस अधिवेशन में पारित किये गये प्रस्तावों में अखिलेश यादव को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के साथ मुलायम सिंह यादव को पार्टी का संरक्षक (मार्गदर्शक) बनाया गया। यही नहीं अधिवेशन में शिवपाल यादव को प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाने और राज्यसभा सदस्य अमर सिंह को पार्टी से निकालने का प्रस्ताव भी पार्टी कार्यकतार्ओं के ध्वनि मत से पारित कर दिया। अखिलेश यादव को सपा के संसदीय बोर्ड को अध्यक्ष बनाने का भी निर्णय लिया गया।
सपा कार्यालय पर कब्जा
सपा कुनबे के बीच चल रहे इस दंगल में अधिवेशन के बाद समर्थकों के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में अखिलेश यादव एवं अखिलेश यादव खेमे द्वारा शिवपाल की जगह बनाए गये नए प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम अपने समर्थकों के साथ समाजवादी पार्टी के कार्यालय पर पहुंचे और कार्यालय पर कब्जा कर लिया है। पिछड़ी जाति के नरेश चंद उत्तम विधान परिषद सदस्य हैं, जिन्हें अखिलेश यादव ने नियुक्ति पत्र जारी किया है। अधिवेशन में एक तरह से तख्ता पलट करके सपा के इस सियासी दल पर अखिलेश खेमे ने पूरी तरह से कब्जा कर लिया है।
नरेश उत्तम नए प्रदेशाध्यक्ष
समाजवादी पार्टी के इस अधिवेशन में अखिलेश यादव को राष्टÑीय अध्यक्ष बनाए जाने समेत लिए गये सभी निर्णयों की सूचना केंद्रीय व राज्य चुनाव आयोग को भेजी जा रही है। लेकिन इससे पहले मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश खेमे द्वारा बुलाए गये अधिवेशन और उसमें लिये गये निर्णयों का असंवैधानिक करार देते हुए निर्वाचन आयोग को पत्र भेजकर सूचना दे दी है। वहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कड़ा फैसला करते हुए मुलायम के करीबी आशू मलिक की सुरक्षा वापस ले ली है, जिसे वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी।
मुलायम सिंह यादव हैरान
दूसरी ओर पार्टी महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव द्वारा अधिवेशन में पारित इन प्रस्तावों का ऐलान करने के बाद सपा प्रमुख की हैसियत से मुलायम सिंह यादव ने एक पत्र जारी करके इस अधिवेशन को पार्टी संविधान के विरूद्ध करार देते हुए इसमें लिए गये निर्णयों को पार्टी अनुशासन के विपरीत और पार्टी को क्षति पहुंचाने का मकसद बताया। मुलायम सिंह यादव ने यह भी चेतावनी दी है कि ऐसे सम्मेलन में भाग लेने वाले एवं प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने वाले पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
रामगोपाल समेत तीन सांसद बाहर
अखिलेश यादव खेमे के अधिवेशन में पार्टी महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव द्वारा पारित कराए गये प्रस्तावों को असंवैधानिक करार देते हुए मुलायम सिंह यादव ने जहां अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए प्रो. रामगोपाल यादव को तीसरी बार पार्टी से बर्खाश्त कर दिया है, वहीं अधिवेशन में शामिल होने वाले राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल और किरनमय नंदा को भी पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है।
नेता का सम्मान बरकरार
इस अधिवेशन में राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि वह पिता मुलायम का जितना सम्मान पहले करते थे, उससे कई गुना ज्यादा सम्मान आगे करेंगे। अगर नेताजी के खिलाफ और पार्टी के खिलाफ साजिश हो तो नेताजी का बेटा होने की वजह से मेरी जिम्मेदारी बनती है कि ऐसे लोगों के खिलाफ हम खड़े हों। उन्होंने कहा कि कुछ ताकतें ऐसी हैं जो चाहती हैं सपा की सरकार ना बनने पाए। अखिलेश का मानना है कि यूपी में जब फिर से सरकार बनेगी और बहुमत आएगा तो सबसे ज्यादा खुशी नेताजी को होगी।
मुलायम का सम्मेलन पांच को
मुलायम सिंह यादव ने रविवार के अधिवेशन को असंवैधानिक करार देते हुए इसमें लिए सभी फैसले को रद्द कर दिये हैं और मुलायम ने 5 जनवरी को पार्टी अधिवेशन बुलाया है। उन्होंने एक चिट्ठी जारी करते हुए कहा कि कुछ लोग उन्हें अपमानित कर भाजपा को लाभ पहुंचाना चाहते हैं और उन्हीं लोगों ने आज पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया। मुलायम अब इस मामले में कानूनी लड़ाई लड़ने को भी तैयार दिख रहे हैं। उन्होंने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर कहा है कि अखिलेश यादव की रविवार को हुई सभा को असंवैधानिक थी।

सपा संसदीय बोर्ड में कठोर हुए मुलायम
प्रो. रामगोपाल के साथ नरेश अग्रवाल व किरनमय निष्कासित
हरिभूमि ब्यूरो.
नई दिल्ली।
अखिलेश खेमे के अधिवेशन के बाद मुलायम सिंह यादव द्वारा बुलाई गई सपा संसदीय बोर्ड की बैठक में इस अधिवेशन की निंदा करते हुए इसमें लिए गये निर्णयों को रद्द कर दिया गया है। वहीं इस अधिवेशन मेें शामिल हुए राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल व किरनमय नंदा को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित करने का फैसला किया गया।
सपा प्रमुख की हैसियत से मुलायम सिंह यादव ने सपा संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई, जिसमें अखिलेश यादव के सम्मेलन को पार्टी का तथाकथित राष्ट्रीय अधिवेशन असंवैधानिक करार दिया और बोर्ड ने अधिवेशन में पारित प्रस्तावों और संपूर्ण कार्यवाही को असंवैधानिक घोषित करते हुए इसकी निंदा की है। संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में मुलायम सिंह के जारी एक पत्र में कहा गया है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा पूर्व में घोषित 2017 के विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों की सूची का अनुमोदन किया जाता है। वहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष को अधिकृत किया जाता है कि वह शेष बची सीटों पर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दें। सपा सुप्रीमो मुलामय सिंह यादव ने अपने तीखे तेवर जारी रखते हुए प्रो. रामगोपाल यादव के अलावा किरनमय नंदा व नरेश अग्रवाल को पार्टी से निकाल दिया। उन्होंने आपातकालीन राष्ट्रीय अधिवेशन की अध्यक्षता करने पर किरनमय पर कार्रवाई की। नरेश अग्रवाल भी अधिवेशन में शामिल हुए थे।
भ्रम दूर करेंगे मुलायम
संसदीय बोर्ड ने यह निर्णय भी किया कि प्रदेश की जनता को जनमत का भ्रम नहीं रहे, इसलिए सपा का आकस्मिक राष्ट्रीय अधिवेशन पांच जनवरी को सुबह 11 बजे जनेश्वर मिश्र पार्क में आयोजित किया जाएगा। संसदीय बोर्ड के पत्र में कहा गया है कि सपा सुप्रीमो मुलायम ने कड़ी मेहनत कर पार्टी को खड़ा किया है। कुछ लोग अपने कुकृत्यों को छुपाने, सीबीआई से बचने व भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने ही पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया। संसदीय बोर्ड ने सपा का राष्ट्रीय अधिवेशन पांच जनवरी को जनेश्वर मिश्र पार्क में बुलाया गया है, जिससे कि जनता के बीच फैले भ्रम को दूर किया जा सके।
02Jan-2017

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें