सोमवार, 16 जनवरी 2017

ऐसे रडार पर रहेंगे नेशनल हाइवे!

कई राज्यों में जल्द आएगी एचएएस योजना
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार की देशभर में राष्ट्रीय राजमार्गो पर यात्रियों की सहूलियत के लिए उन्हें रडार पर रखने की दिल्ली-जयपुर मार्ग पर जिस योजना को शुरू किया था, उसे अब उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तराखंड समेत कई राज्यों में पटरी पर उतारने का फैसला किया है। मसलन सरकार अब हाइवे के सफर को आसान बनाने के लिए उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड समेत कई राज्यों में हाईवे एडवायजरी सर्विस (एचएएस) शुरू करने जा रही है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सूत्रों के लिए अनुसार देशभर में राष्ट्रीय राजमार्गो पर यातायात जाम, दुर्घटना या अन्य किसी प्रकार की ताजा जानकारी यात्रियों को रेडियो के जरिए मिलना शुरू हो जाएगी। केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने पिछले साल अक्टूबर माह में एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में हाईवे एडवायजरी सर्विस को दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर शुरू किया था।मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के रूप मे दिल्ली-जयपुर हाइवे पर चलाई गई इस सेवा के तहत यात्रियों को दिल्ली, अलवर व जयपुर के आल इंडिया रेडियो स्टेशनों से प्रतिदिन 18 बार राष्ट्रीय राजमार्ग का लाइव ट्रैफिक का हाल सुनाया गया है। इस योजना के तहत राष्ट्रीय राजमार्गो पर सफर करते समय या उनके परिवारों को घर बैठेÞ नेशनल हाइवे का सुरतेहाल मिलता रहेगा। इस तकनीकी योजना के तहत 2400 किमी लंबे राजमार्ग भी इसके दायरे में रहेंगे। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की हाईवे एडवायजरी सर्विस (एचएएस) शुरू करने वाली इस योजना के तहत रेडियो के माध्यम से सड़क पर चलते यात्रियों को राष्ट्रीय राजमार्गों के लाइव ट्रैफिक का हाल के साथ ही खराब मौसम, यातायात जाम तथा सड़क हादसे की जानकारी मिलेगी, ताकि सलाह भी के आधार पर वह मार्ग से परिवर्तित कर अपने गणतंव्य की ओर जा सकें। वहीं इस सर्विस के तहत रेडियों के जरिए सीट बेल्ट, ओवर स्पीड, ओवरटेक, शराब पीकर गाड़ी चलाने, लेन ड्राइविंग की चेतावनी भी दी जाएगी।
एसएएस के दायरे में होंगे ये राज्य
केंद्र सरकार द्वारा इस योजना को लागू करने का मकसद राष्टÑीय राजमार्गो पर सफर करने वाले यात्रियों को सफर का ताजा सुरतेहाल मिलने की वजह से कई परेशानियों से बचने में मदद मिलेगी। केंद्र सरकार ने राष्टÑीय राजमार्गो के सुरक्षित, तेज व बाधा राहित सफर को आसान बनाने की दिशा में जिन राज्यों में हाईवे एडवायजरी सर्विस का विस्तार करने का निर्णय लिया है, उनमें उत्तर प्रदेश, बिहार,झारखंड, उत्तराखंड, ओडिसा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, पंजाब व हिमाचल प्रदेश भी शामिल हैं। मंत्रालय ने इन एक दर्जन राज्यों में इस सेवा के विस्तार के लिए पिछले महीने ही कंसल्टेंटों को 12 जनवरी तक आमंत्रित कर आवेदन मांग लिये हैं। इन आवदेनों पर अंतिम फैसला लेते ही सरकार उक्त राज्यों में इस सेवा को शुरू कर देगी। मंत्रालय के अनुसार कंसल्टेंट राष्ट्रीय राजमार्गो पर रेडियो प्रसारण के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करने, सेंसर आदि लगाने का काम करेंगे। इसके अलावा सड़क सुरक्षा के लिए आॅडियो सामग्री तैयार करेंगे। इसके बाद सरकार एचएएस फेज-3 में देश के अन्य राज्यों व राष्ट्रीय राजमार्गो पर इस सेवा को मुहैया कराएगी।ऐसे करेगी एसएएस काम
मंत्रालय के अनुसार इस सेवा के तहत रेडियो पर हिंदी, अग्रेंजी सहित सात स्थानीय भाषााओं में प्रसारण किया जाएगा। एसएएस के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ी तमाम जानकारियां फोन, मोबाइल अथवा इंटरनेट के माध्यम से रेडियो एडवायजरी सर्विस के कंट्रोल रूम तक भेजी जाएंगी। इस काम को निर्माण कंपनियों, टोल प्लाजा, पेट्रोल वाहनों और ट्रैफिक मार्शलों के माध्यम से किया जाएगा। प्रमुख रूप से सड़क हादसे, मार्ग परिवर्तन, खराब मौसम, मौसम विभाग की अग्रिम सूचना, राजमार्गो के किनारे जनसुविधाएं रेस्त्रां,होटल, पर्यटक स्थल, पेट्रोल पंप, ट्रैफिक जाम आदि की जानकारी कंट्रोल रूम को मिलेगी। इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्गो के किनारे लगने वाले सेंसर रियल टाइम डाटा की जानकारी इंटरनेट के जरिए देंगे। यह तमाम जानकारियां आल इंडिया रेडियो के संबंधित स्टेशनों पर भेजी जाएगी। यहां से सड़क यात्रियों को सीधा प्रसारण किया जाएगा। पीपीपी के तहत उक्त सेवा को सुचारू रूप से चलाने के लिए निगरानी की व्यवस्था भी सरकार ने की है।
16Jan-2017

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