शनिवार, 7 जनवरी 2017

फास्ट ट्रैक पर बिछेगा देश में सड़कों का जाल!

सड़क मंत्रालय को इस बार मिलेगा भारी भरकम बजट 
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
देश में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में जारी सड़क परियोजनाओं को इस साल फास्ट ट्रैक पर चलाया जाएगा। बीते साल नवंबर तक देश में 4021 किमी लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया गया है और मौजूदा वित्तीय वर्ष यानि मार्च तक 15 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली सड़क परियोजनाएं पूरी करने का लक्ष्य है। सड़क परिवहन मंत्रालय ने उम्मीद जताई है कि बुनियादी ढांचों के तहत सड़क परियोजनाओं के लिए इस बार भारी भरकम बजट जारी किया जा सकता है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2016 के दौरान मंत्रालय ने 5688 किमी लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने की परियोजनाओं को शुरू किया था, जिसमें नवंबर तक 4021 किमी लंबे नेशनल हाइवे का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। वहीं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि मौजूदा मार्च यानि वित्तीय वर्ष के अंत तक 15 हजार करोड़ रुपये लागत वाली सड़क परियोजनाओं को पूरा करने के लिए ठेके दिये जाएंगे। उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर राज्यों में सड़क परियोजनाओं के तहत 18 अक्टूबर तक एचएचआईडीसीएल ने 134 राष्ट्रीय राजमार्गो और अन्य बुनियादी ढांचों वाली परियोजनाओं के तहत 8007 किमी निर्माण कर रही है,जिस पर एक लाख करोड़ रुपये की लागत का अनुमान लगाया गया है। सड़क मंत्रालय ने इस नए साल में सड़क परियोजनाओं को फास्ट ट्रैक पर लाने की दिशा में अगले वित्तीय वर्ष के बजट में सरकार के समक्ष एक लाख करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव दिया है और उम्मीद है कि सड़क क्षेत्र के लिए आम बजट में भारी भरकम बजट जारी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आगामी 31 मार्च तक सड़क और जहाजरानी क्षेत्र में कुल निवेश छह लाख करोड़ रुपये पार हो जाएगा। मसलन इन दोनो क्षेत्रों में अब तक कुल मिलाकर 4.60 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं के ठेके दिए जा चुके हैं, जिनका कार्य जारी है।
विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता
मंत्रालय की ओर से पिछले साल की उपलब्धियों का ब्यौरा देते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि मोदी सरकार के विकास के एजेंडे को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में पिछले ढाई साल के दौरान केंद्र सरकार ने पिछली यूपीए की सरकार के कार्यकाल की 3.85 लाख करोड़ रुपये की 403 सड़क लंबित परियोजनाओं को पूरा करने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है। सड़कों पर बढ़ते यातायात और जाम की समस्या को देखते हुए सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गो की लंबाई 96 हजार किलोमीटर से बढ़ाकर दो लाख किलोमीटर करने का फैसला किया है। वहीं राजमार्गाे को राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा देने के कारण अब तक राष्ट्रीय राजमार्गो की कुल लंबाई 1.70 लाख किलोमीटर हो चुकी है।
सड़क हादसों पर अंकुश
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजामार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने स्वीकार किया है कि देश में सुरक्षित सड़क निर्माण के लिए मानकता की अनिवार्यता के बावजूद देश में चार प्रतिशत सड़क हादसों में वृद्धि हुई है, जो बेहद चिंताजनक है। देश में सड़क हादसों में कमी लाने के लिए सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय मानकों और तकनीक का इस्तेमाल करने का फैसला किया है, जिसके जल्द ही सकारात्मक परिणाम मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इसी कवायद के तहत गत अगस्त के दौरान लोकसभा में नये मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक पेश किया गया, लेकिन उसे प्रवर समिति को भेजा है जिसकी अध्ययन रिपोर्ट का इंतजार है। उनका कहना है कि देश में हर साल पांच लाख सड़क दुर्घटनाओं में तकरीबन डेढ़ लाख लोग मारे जाते हैं। सरकार ने इन सड़क हादसों को 2020 तक 50 फीसदी यानि आधा करने का लक्ष्य तय करते हुए एक राष्ट्रीय कार्य योजना बनाई है।
ई-टोल संग्रह पर बल
मंत्रालय के अनुसार नोटबंदी के बाद अनुसार देश भर में राष्ट्रीय राजमार्गो पर स्थित 317 टोल प्लाजाओं में पीओएस मशीनों के प्रयोग से टोल वसूली की प्रक्रिया 20 फीसदी तक डिजिटल हो गई है। काफी वाहन चालक इलेक्ट्रानिक टोल लेन का इस्तेमाल करने के लिए फास्टटैग का इस्तेमाल करने लगे हैं। इसके तहत अब तक दो लाख फास्टैग बिक चुके हैं। जबकि बाकी चालक नकदी के बजाय कार्ड से टोल का भुगतान कर रहे हैं। मंत्रालय को उम्मीद है कि मार्च के अंत तक 50 फीसदी टोल संग्रह ई-संग्रह प्रणाली से जुड़ जाएगी।
07Jan-2017

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