शुक्रवार, 20 जनवरी 2017

संसद भवन की सुरक्षा प्रणाली गड़बड़ाई

गणतंत्र दिवस से पहले सतर्कता में आई चूक
हरिभूमि ब्यूरो.
नई दिल्ली।
देश जहां गणतंत्र दिवस की तैयारियों में जुटा है और इस राष्टÑीय पर्व पर मंडराते आंतकी खतरों के अलर्ट के बावजूद गुरुवार को संसद की सुरक्षा प्रणाली ऐसी गड़बड़ाई कि संसद का सुरक्षा महकमा देर रात तक उसे दुरस्त करने में जुटा रहा। हालांकि संसद में आने जाने वालो पर सुरक्षाकर्मी सतर्कता के साथ नजरे जमाए रहे।
संसद पर वर्ष 2001 दिसंबर के आतंकी हमले के बाद इसकी सुरक्षा को चाक चौबंद करने के लिए केंद्र सरकार ने 250 करोड़ रुपये खर्च किये थे, जिसे धीरे-धीरे सख्त करने की सतत प्रक्रिया भी चली आ रही है। दरअसल सांसदों, संसद के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ मीडियाकर्मियों को परिचय पत्र के अलावा फ्रिक्वेंसी टैग भी दिये जाते हैं, जिनके प्रवेश करने पर इस सुरक्षा प्रणाली में संबन्धित व्यक्ति का फोटो और परिचय सुरक्षाकर्मियों के सामने लगी स्क्रीन पर आ जाता है। इस टैग को संबन्धित व्यक्ति के अलावा कोई अन्य उपयोग नहीं कर सकता। सूत्रों के अनुसार गुरुवार को इस तरह की सुरक्षा प्रणाली में अचानक तकनीकी खराबी आने से संसदीय सुरक्षा विभाग में हड़कंप मच गया, जिसके लिए संसद परिसर में आने वाले हर व्यक्ति की पहचान को पुख्ता करने के बाद ही प्रवेश देने की दृष्टि से सुरक्षा विभाग पूरी तरह से सतर्क नजर आया। सांसद, अधिकारी, कर्मचारी या मीडियाकर्मी जिन्हें फ्रिंक्वेंसी टैग की सुविधा दी गई है, के प्रवेश के समय इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम के जरिए द्वार तो खुल रहे थे, लेकिन स्क्रीन पर उनकी न तो तस्वीर और न ही विवरण नजर आ रहा था।
प्रणाली दुरस्त करने का प्रयास
संसद भवन के एक सुरक्षा अधिकारी ने अपना नाम उजागर न करते हुए इस संबन्ध में पूछे जाने पर बताया कि इस प्रणाली का सर्वर में तकनीकी खराबी होने के कारण यह व्यवस्था बाधित हुई, लेकिन संसद की सुरक्षा के प्रति सुरक्षाकर्मियों द्वारा चाकचौबंद व्यवस्था बरकरार है। उन्होंने बताया कि इस प्रणाली में तकनीकी खराबी के कारण सुरक्षा व्यवस्था की चूक कहना गलत होगा, लेकिन प्रणाली के दुरस्त रहने से सुरक्षाकर्मियों को जांच प्रक्रिया में आसानी होती है, जिसके लिए इस तकनीकी खराबी के कारण ज्यादा सख्त जांच पड़ताल करना जरूरी समझा जा रहा है।
20Jan-2017

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें