मंगलवार, 17 जनवरी 2017

सपा व साइकिल अखिलेश के नाम

सपा के दंगल में चुनाव आयोग का फैसला
अखिलेश करेंगे सपा की साइकिल की सवारी
हरिभूमि ब्यूरो.
नई दिल्ली।
आखिर उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी की अंतर्कलह में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह के साथ चली आ रही जंग में भारी साबित हुए। यूपी में पहले चरण के चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया की पूर्व संध्या पर ही चुनाव आयोग ने अपना फैसला सुना दिया और सपा व साइकिल अखिलेश के नाम कर दी गई।
समाजवादी पार्टी के कुनबे में पिछले कई माह से वर्चस्व की खातिर चल रहे महासंग्रमाम का आखिर चुनाव में नामांकन प्रक्रिया से एक दिन पहले पटाक्षेप हो ही गया। सपा के इस दंगल की इंताह यहां तक पहुंची, कि सपा और उसके चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ के हक के लिए मुलायम और अखिलेश गुट दोनों ही केंद्रीय चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर हुए। दोनों गुटों ने अपने अपने दावों के साथ आयोग में दस्तावेज सौंपे थे, जिसमें मुलायम गुट से ज्यादा समर्थन में अखिलेश गुट के समर्थन वालों के हलफनामे दाखिल हुए। चुनाव आयोग ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को दोनों गुटों की मौजूदगी में तर्को के साथ सुनवाई की और फैसला सुरक्षित रख लिया था।सोमवार शाम को चुनाव आयोग के अवर सचिव एनटी भूटिया की ओर से जारी 42 पृष्ठीय आदेश में कहा गया है कि सुनवाई के बाद बहुमत अखिलेश गुट के पक्ष में पुख्ता हुआ, जिसके तहत आयोग का फैसला अखिलेश के पक्ष में आया, जिसके अनुसार अब अखिलेश को पार्टी का नाम ‘समाजवादी पार्टी’ व चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ दोनों मिल गये हैं। अब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ही होंगे। गौरतलब है कि प्रो. रामगोपाल यादव द्वारा बुलाया गया अधिवेशन में अखिलेश को पार्टी का राष्टÑीय अध्यक्ष और मुलायम को संरक्षण घोषित किया गया था, जिस पर चुनाव आयोग ने भी मुहर लगा दी है। चुनाव आयोग का यह फैसला मुलायम सिंह यादव को भी मान्य होगा, ऐसा उन्होंने सुनवाई के बाद ही यह कहना शुरू कर दिया था कि जो भी फैसला आएगा वह उन्हें स्वीकार होगा।
अखिलेश के समर्थन में जश्न
चुनाव आयोग का फैसला आते ही यूपी के विभिन्न शहरों में अखिलेश समर्थकों ने सड़कों पर आकर जश्न मनाना शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि जब मुलायम ने अखिलेश व रामगोपाल को पार्टी से निष्कासित किया था तो इसके विरोध में भी अखिलेश समर्थक सड़को पर आ गये थे।
17Jan-2017

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