गुरुवार, 12 जनवरी 2017

वैकल्पिक पटरी पर मुलायम व अखिलेश गुट!

नहीं सुलझ रहा सपा का दंगल
समाजवादी के अस्तित्व पर खतरे के आसार
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ सपा की अंतर्कलह सड़क से चुनाव आयोग तक पहुंच चुकी है, जहां मुलायम और उनके बेटे अखिलेश गुट ने सपा व चुनाव चिन्ह साइकिल पर दावा ठोक रखा है। इस मामले की 13 जनवरी को होने वाली सुनवाई में यदि सपा के चुनाव चिन्ह साइकिल को जब्त कर लिया गया, तो दोनों गुटों को वैकल्पिक चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ना पड़ सकता है।
सपा के दो गुटों के बीच पार्टी के चुनाव निशान 'साइकिल' पर दावेदारी का मसला चुनाव आयोग को सुलझाना है। पिछले शुक्रवार को दोनों पक्षों को सुनने के बाद 13 जनवरी को चुनाव आयोग इस मसले पर अहम बैठक करने जा रहा है। मौजूदा हालातों में सुलह होने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं और अब इस विवाद का पटाक्षेप चुनाव आयोग के फैसले के बाद ही होगा। माना यह भी जा रहा है कि यदि अंतिम निर्णय आने तक आयोग मौजूदा सपा का चुनाव चिन्ह साइकिल को जब्त कर देता है, तो ऐसी स्ाििति में दोनों पक्षों को अलग-अलग वैकल्पि चुनाव चिन्ह पर ही चुनावी मैदान में उतरना पड़ सकता है।
क्या हो सकता है विकल्प
सपा के चुनाव चिन्ह को लेकर दोनों पक्षों के दावों पर चुनाव आयोग 13 जनवरी को फैसला लेगा और अगर मुलायम के हाथ से साइकिल चली गई तो फिर उनका सहारा लोकदल का ‘हल जोतता किसान’ बन सकता है। सूत्रों के अनुसार मुलायम सिंह यादव की लोकदल के नेता सुनील सिंह से इसे लेकर कई दौर की बातचीत हो चुकी है और अगर आयोग ने साइकिल चुनाव चिन्ह को जब्त कर लिया तो मुलायम सिंह यादव गुट लोकदल के चुनाव चिन्ह पर चुनाव मैदान में उतरेंगे। वहीं अखिलेश गुट अपनी नई पार्टी का चुनाव चिन्ह मोटरसाइकिल आवंटित करने की मांग चुनाव आयोग से कर चुका है। मसलन अखिलेश खेमे की यह तैयारी पहले से ही हो चुकी है। यानी कि यदि उनको ‘साइकिल‘ चुनाव चिन्ह नहीं मिलता है तो अखिलेश यादव आयोग से 'मोटरसाइकिल' चुनाव निशान देने की गुजारिश कर सकते हैं। सपा के विवाद मामला चुनाव आयोग में है, जिसमें दोनों ही खेमों ने पार्टी और चुनाव चिन्हा पर दावा किया है। चुनाव आयोग इस मामले को देख रहा है। राजनीतिकाकरों का मानना है कि यदि निर्णय जल्दी नहीं आया तो चुनाव चिन्ह जब्त हो सकता है।
भाजपा के इशारे पर फूट: मुलायम
समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश गुट की पैरवी करने वाले प्रो. रामगोपाल यादव पर निशाना साधते हुए दावा किया है कि भाजपा के इशारे पर सपा को तोड़ने में लगे प्रो. रामगोपाल ने चुनाव आयोग को लिखकर दिया है कि उन्हें नया नाम और ‘मोटर साइकिल’ चुनाव चिन्ह चाहिए। उनकी नई पार्टी का नाम अखिल भारतीय समाजवादी पार्टी रखने की मांग की है। मुलायम ने कहा कि उन्होंने इस विवाद में न पड़ने के लिए उनसे कई बार कहा कि हम पार्टी में एकता चाहते हैं। हमने अखिलेश गुट को पार्टी की एकता के लिए पूरा समय दिया है। उन्होंने कहा कि बड़े संघर्षों के साथ उन्होंने पार्टी को खड़ा किया है और वह नहीं चाहते हैं कि पार्टी टूट जाए। सपा प्रमुख ने कहा कि उनके पास जो कुछ था हमने दे दिया और अब उनके पास बचा ही क्या है? वह बस इतना ही कह सकते हैं कि न तो पार्टी का नाम बदलेगा और न ही चुनाव चिन्ह।
नहीं बनेगी नई पार्टी
सपा के जारी घमासान के बीच बुधवार को बड़े बयान सामने आए है, जिसमें कहा गया है कि मुलायम गुट कोई नई पार्टी नहीं बना रहे हैं, उनकी पार्टी सपा है और चुनाव चिन्ह साइकिल, बल्कि रामगोपाल पार्टी तोड़कर नई पार्टी बनाकर मोटरसाइकिल चुनाव चिन्ह मांग रहे हैं। यह बयान बुधवार को दोनों गुटों में सुलह न होने के बाद मुलायम सिंह की तरफ से उस समय आया है, जब वह शिवपाल यादव के साथ लखनऊ में पार्टी कार्यालय पहुंचकर अपने समर्थकों को संबोधित कर रहे थे।
12Jan-2017

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