मंगलवार, 10 जनवरी 2017

नया मोटर एक्ट लागू करने में जुटी सरकार!

सरकार को जेपीसी की रिपोर्ट का इंतजार
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
देश में परिवहन व्यवस्था को दुरस्त करने की दिशा में केंद्र सरकार खासकर यातायात नियमों में सख्त प्रावधान वाले नए मोटर वाहन(संशोधन) विधेयक को संसद के बजट सत्र में पारित कराने का प्रयास करेगी। सरकार का इस विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट का इंतजार है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार देश में परिवहन व्यवस्था को बेहतर ढंग से बदलने की कवायद में केंद्र सरकार द्वारा सख्त प्रावधान वाले नए मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक को कई प्रयासों के बावजूद अंजाम तक नहीं पहुंचा सकी है।
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने संसद के पिछले मानसून सत्र के दौरान इस विधेयक को लोकसभा में पेश कर दिया था,लेकिन विपक्षी दलों की मांग पर इसे संसद की संयुक्त समिति यानि जेपीसी में भेज दिया गया था। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माने के प्रावधान वाले मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक को संसद के आगामी बजट सत्र में पेश करके इसे पारित कराने के प्रयास किये जाएंगे। केंद्र सरकार को इस विधेयक का अध्ययन कर रही संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट पेश होने का इंतजार है, जिसके समिति द्वारा बजट सत्र के दौरान संसद में प्रस्तुत करने की उम्मीद है।
सड़क हादसों पर अंकुश
देश में दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले भारत में हो रही सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने की दिशा में इस विधेयक में सख्त नियमों का प्रावधान किया गया है। सोमवार को एक समारोह में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी ने कहा कि इस मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक संसद की संयुक्त संसदीय समिति के पास है। उन्होंने कहा कि इस मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक में यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर कड़े जुर्माने और सजा का प्रावधान किया गया है। केंद्र सरकार ने सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं में हो रही असामयिक मौतों पर अंकुश लगाने की दिशा में यातायात नियमों और मोटर वाहन कानून में सख्त बदलाव किये है, जिसमें सरकार ने वर्ष 2020 तक देश में हो रहे सड़क हादसों का 50 फीसदी कम करने का लक्ष्य तय किया गया है।
विधेयक में सख्त प्रावधान
विधेयक में शराब पीकर गाड़ी चलाने पर 10 हजार और और हिट-एण्ड-रन मामले में दो लाख रुपए तक का मुआवजा देने का प्रावधान किया गया है। मसलन सड़क दुर्घटना में मौत होने की स्थिति में इस विधेयक में 10 लाख रुपए तक मुआवजा देने का प्रावधान किया गया है। जबकि तेज गति से गाड़ी चलाने पर एक से चार हजार रुपये तक का जुर्माना तय किया गया है। इसी प्रकार बिना बीमा कराए के गाड़ी चलाने के मामले में दो हजार रुपये का जुमार्ना और तीन माह की सजा का प्रावधान भी किया गया है। वहींबिना हेलमेट दोपहिया वाहन चलाने पर भी दो हजार रुपये तक का जुर्माना और तीन माह के लिए लाइसेंस निलंबित करने का सख्त प्रावधान किया गया है। विधेयक में किशोर अथवा नाबालिग द्वारा वाहन चलाने से अपराध होने पर उसके अभिभावक को भी शामिलकरने का प्रावधान किया गया है। ऐसी स्थिति में वाहन का पंजीकरण भी निरस्त किया जा सकता है।
सड़क सुरक्षा सप्ताह शुरू
संसद के 31 जनवरी को शुरू हो रहे बजट सत्र में सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देने से पहले सोमवार को सड़क सुरक्षा सप्ताह की शुरूआत के लिए यहां इंडिया गेट पर आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने देश में लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों औरउनमें हो रही मौतों के आंकड़े को चिंताजनक बताया। उन्होंने कहा कि देश में हर साल पांच लाख सड़क हादसे होते हैं, जिनमें करीब डेढ़ लाख लोग आकस्मिक मौत के मुहं में समा जाते हैं। हर एक मिनट एक दुर्घटना होती है और प्रत्येक 4 मिनट में एक मौत हो जाती है। इसलिए उन्होंने सड़क सप्ताह के दौरान लोगों को सुरक्षित यातायात के लिए जागरूकता पर बल दिया। गडकरी ने कहा कि आने वाले दिनों में ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर ड्राइविंग स्कूल खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार देशभर में कुशल यातायात प्रणाली लाने की योजना बना रही है। इस मौके पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू, गृह राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर भी मौजूद थे।
10Jan-2017

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