सोमवार, 23 जनवरी 2017

केंद्रीय बजट में सड़क क्षेत्र को बड़ी उम्मीदें

सड़क संपर्क के विस्तार पर गडकरी का फोकस
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
आगामी एक फरवरी को प्रस्तावित केंद्रीय बजट में देश के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में बढ़ रही मोदी सरकार के विकास एजेंडे के तहत सड़क क्षेत्र में बजटीय आवंटन में बढ़ोतरी की उम्मीद है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय देश में सड़क संपर्क के विस्तार पर ज्यादा फोकस करके बुनियादी ढांचे को और ज्यादा मजबूत करने की योजना बना रहा है।
मोदी सरकार के सत्ता संभालने के बाद देश में सड़क परियोजनाओं खासकर राष्ट्रीय राजमार्गो के विस्तार के लक्ष्य को तेजी से हासिल किया है। मसलन देश में 96 हजार किमी लंबे राष्टÑीय राजमार्ग के विस्तार की योजना में इसे दो लाख किमी तक का निर्माण पूरा किया जा चुका है, जिसके कारण संपर्क मार्ग आसान होने लगा है। केंद्र सरकार और भी बेहतर तरीके से सडक संपर्क के विस्तार करने पर बल दे रही हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने दावा किया है कि इस दिशा में उनका मंत्रालय देश में साढ़े चार लाख करोड़ की परियोजनाएं पूरी कर चुका है और बहुत सी प्रगति पर हैं तो अनेक योजनाएं पाइप लाइन में हैं। सड़क क्षेत्र में बजटीय प्रावधान के आलवा निजी निवेश भी बुनियादी ढांचे को दुरस्त करने में अहम भूमिका निभा रहा है।
पीपीपी मॉडल का फायदा
मंत्रालय के अनुसार देश में ज्यादातर सड़क परियोजनाएं पीपीपी मॉडल पर पूरी की जा रही है, जिसका विभाग को ज्यादा फायदा मिल रहा है। इस प्रक्रिया में जहां परियोजना तेजी से कार्यान्वयन हो रही है, वहीं इस साल विभाग का मुनाफा भी सात हजार करोड़ पहुंच गया है। सड़क परियोजनाओं में तेजी लाने के इरादे से इस साल देश में 40 किमी लंबी सड़के प्रतिदिन बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। इस दिशा में मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को बजटीय आवंटन बढ़ाने के साथ अतिरिक्त धनराशि की मांग का प्रस्ताव दिया है। हालांकि मंत्रालय के पास अतिरिक्त धनराशि जुटाने के कई विकल्प मौजूद हैं, जिससे परियोजनाओं को तेजी से पूरा किया जाएगा। मंत्रालय के अनुसार नेशनल हाइवे फंडिंग पर ज्यादा काम के लिए वित्त मंत्रालय से लंबित मंजूरी का इंतजार है, ताकि काम थी, जो अभी तक लंबित है और अभी तक मंत्रालय को इस बात के लिए नहीं मनवा पाए है।
परिवहन में क्रांतिकारी बदलाव
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार तेजी से विकसित होते देश में एक्सपोर्ट वृद्धि के लिए सस्ता लॉजिस्टिक जरूरी है। सरकार देश के साथ पडोसी देशों के बीच आवागमन को आसान बनाने के लिए सड़क परियोजना पर काम कर रहा है, ताकि परिवहन क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाया जा सके। इसलिए बुनियादी ढांचों को प्राथमिकता देते हुए देश में सड़को का जाल बिछाया जा रहा है। सरकार की योजना में पड़ोसी देशों के बीच आवाजाही को आसान बनाने की है जिसके लिए अब भूटान, बांग्लादेश और भारत में सड़क का जाल बिछाने की योजना पाइप लाइन में है। इस योजना में सड़क संपर्क से देश की अर्थव्यवस्था में मजबूती आएगी। बांग्लादेश से एक मालवाहक ट्रक सड़क मार्ग से दिल्ली लाया भी जा चुका है।
सड़क सुरक्षा प्राथमिकता
देश में चलाई जा रही सड़क परियोजनाओं में सुरक्षा के मानदंडों को अनिवार्य किया गया है, ताकि देश में सड़क हादसों में हो रही दुनियाभर में सबसे ज्यादा मौतों को कम किया जा सके। सरकार का 2020 तक देश में सड़क हादसों को आधा करने का लक्ष्य है। हालांकि इस दिशा में सरकार का सड़क सुरक्षा विधेयक संसद में लंबित है, जिसके पारित होते ही सख्त यातायात नियमों के कारण सड़क सुरक्षा के लिहाज से सकारात्मक परिणाम मिलने लगेंगे। इस विधेयक में यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर शिकंजा कसने का प्रावधान है।
हाइवे का सुहाना सफर
मंत्रालय ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के हवाले से जानकारी दी है कि देश में खासकार नेशलन हाइवे पर टोल नाकों पर बर्बाद होने वाले समय को बचाने के लिए फास्टैग सिस्टम शुरू कर दिया गया है, अभी तक नोटबंदी के बाद दो हजार टैग बिक चुके हैं। वाहनों पर फास्टैग लगा होने की स्थिति में उसे टोल नाकों पर रूकने की जरूरत नहीं पड़ेगी ओर स्वत: ही टोलटैक्स का ई-टोल संग्रह प्रणाली के तहत भुगतान हो जाएगा।
23Jan-2017

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