भाजपा व आप सांसद में नोकझोंक व तीखी झड़पे
विपक्ष ने फिर उठाया चुनावी बॉण्ड व जेएनयू फीस का मामला
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
राष्ट्रीय
राजधानी दिल्ली में पानी की गुणवत्ता को लेकर केंद्र व दिल्ली सरकार के बीच चल रहे
तकरार की आचं राज्यसभा में भी नजर आई। मसलन पानी की गुणवत्ता को लेकर भाजपा विजय
गोयल और आप सांसद संजय सिंह के बीच तीखी झड़पे हुई तथा एक दूसरे पर आरोप लगाते हुए
दोनों सांसद भिड़ते दिखे। वहीं कांग्रेस और विपक्षी दलों चुनावी बॉण्ड के मुद्दे
पर चर्चा कराने की मांग की और जेएनयू में फीस बढ़ोतरी का मामला भी उठाया।

चुनावी बॉण्ड पर तकरार
राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस और अन्य
विपक्षी दलों के चुनावी बॉण्ड का मुद्दा उठाते हुए इस पर चर्चा कराने की मांग की
तो सभापति एम वेंकैया नायडू ने जानकारी दी कि चर्चा
के लिए उन्हें नियम 267 के तहत नोटिस मिले
हैं और
कहा कि इस नियम के तहत सदन का पूर्व निधारित कामकाम स्थगित कर उस खास
और महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा की जाती है, इसलिए उन्हें स्वीकार नहीं किया
गया। इस पर कांग्रेस के आनंद शर्मा ने इसे गंभीर
विषय बताते हुए इस मुद्दे पर सदन में चर्चा की मांग की, जिसमें सरकार पूरा
खुलासा करे। नोटिस खारिज होने से नारज सदस्यों को नायडू ने कहा कि वे अन्य नियम के तहत चर्चा के लिए नोटिस दें।
जेएनयू छात्रों पर पुलिस कार्यवाही का विरोध
शून्यकाल के दौरान कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने जेएनयू में फीस बढ़ोत्तरी का मुद्दा उठाते हुए उच्च सदन में विरोध
प्रदर्शन करते छात्रों पर कथित पुलिस कार्रवाई का विरोध किया।
माकपा सदस्य के.के. रागेश ने जेएनयू में फीस बढ़ोतरी का यह मुद्दा उठाते
इस मामले की सरकार से फीस बढ़ोतरी के फैसले
की समीक्षा कराने की मांग की। अन्य विपक्षी दलों ने भी रागेश की इस मांग और
सुझाव का समर्थन किया।
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बालियान को मांगनी पड़ी माफी
राज्यसभा की शुक्रवार को शुरू
हुई कार्यवाही के दौरान सभापति एम. वेंकैया नायडू जब आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल
पर रखवा रहे थे और उन्होंने मत्स्य पालन, पशुपालन
और डेयरी राज्य मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी का नाम पुकारा तो उनके स्थान पर
इसी मंत्रालय के दूसरे केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान दस्तावेज सदन के पटल में
रखने के लिए खड़े हो गये। इस पर सभापति ने उन्हें टोकते हुए कहा कि बिना आसन की
अनुमति के वे दस्तावेज पटल पर कैसे रख
सकते हैं। इस पर संजीव बालियान ने क्षमा मांगते हुए अपनी स्थिति स्पष्ट करनी पड़ी।
23Nov-2019
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