शुक्रवार, 8 नवंबर 2019

राज्यसभा में बहुमत के आंकड़े छूने को तैयार राजग


भाजपा के एक ओर सदस्य ने ली उच्च सदन की सदस्यता की शपथ
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
राज्यसभा में भाजपानीत राजग सरकार तेजी के साथ बहुमत की ओर बढ़ रही है, जिसमें नवनिर्वाचित भाजपा के डा. सुधांशु त्रिवेदी द्वारा शपथ लेते ही भाजपा के सदस्यों की संख्या बढ़कर 81 हो गई है। डा. सुधांशु उत्तर प्रदेश से अरुण जेटली के निधन से रिक्त हुई सीट पर उप चुनाव में निर्वाचित घोषित किये गये हैं।
राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश की रिक्त सीट पर हुए उपचुनाव में निर्वाचित हुए राज्यसभा सदस्य एवं भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी को सदन की सदस्यता और गोपनीयता की शपथ दिलाई। यूपी में यह सीट भाजपा सांसद अरुण जेटली के निधन के बाद रिक्त घोषित की गई थी, जिसके लिए उप चुनाव में भाजपा के टिकट पर डा. सुधांशु त्रिवेदी निर्वाचित घोषित किये गये हैं। जेटली का राज्यसभा में कार्यकाल दो अप्रैल 2024 तक था, जिसे डा. त्रिवेदी पूरा करेंगे। शपथ ग्रहण के दौरान इस मौके पर उच्च सदन के नेता एवं केंद्रीय मंत्री थांवरचंद गहलौत, संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल, राज्यसभा के महासचिव देश दीपक वर्मा के अलावा राज्यसभा के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। डा. सुधांशु त्रिवेदी की सदस्यता के साथ राज्यसभा में अब भाजपा के सदस्यों की संख्या बढ़कर 81 हो गई है। जबकि भाजपा के सहयोगी दलों के सदस्यों की संख्या को भी शामिल किया जाए तो राजग तेजी के साथ उच्च सदन में बहुमत के आंकड़े की तरफ बढ़ रहा है, जहां सरकार अल्पमत में हैं। राजग के सहयोगी दलों में प्रमुख रूप से राज्यसभा में अन्नाद्रमुक के 11, जदयू के 6, अकाली दल व शिवसेना के 3-3, लोजपा, एजीपी, पीएमके, आरपीआई, एनपीएफ और एसडीएफ के एक-एक सदस्य हैं, जिनको मिलाकर यह सख्यां 109 होती है। इनके अलावा चार मनोनीत, 6 निर्दलीय के साथ भाजपा के समर्थन में देखे जाने वाले दलों में दो वाईएसआर और सात बीजद सदस्य भी हैं। 245 सदस्यों वाली राज्यसभा में बहुमत के लिए सरकार को 123 सदस्यों के आंकड़े की जरूरत है। फिलहाल राज्यसभा में सदस्यों की संख्या 238 है, बाकी सात सीटें रिक्त पड़ी हुई हैं। मसलन राज्यसभा में अब सरकार के सामने विपक्ष के मुकाबले ज्यादा चुनौती नहीं रह गई है और विधायी कार्यो में समर्थन हासिल करना आसान नजर आ रहा है। जबकि उच्च सदन में फिलहाल प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के केवल 46 सदस्य रह गये हैं। इनके अलावा विपक्षी दलों में तृणमूल कांग्रेस के 13, सपा के 9, डीएमके व सीपीएम के 5-5, बसपा, राकांपा व राजद के 4-4, आप के तीन और अन्य दलों के दो से एक-एक सदस्य हैं।                      
राज्यसभा में ऐसे बढ़ रही भाजपा की ताकत
राज्यसभा में केंद्र सरकार का नेतृत्व कर रही भाजपा की ताकत लोकसभा चुनाव में दोबारा सत्ता में भाजपानीत राजग सरकार की नीतियों में आस्था जताते हुए अन्य दलों के राज्यसभा सदस्यों पाला बदलकर देना शुरू किया है। मसलन मोदी-2 सरकार के पहले संसद सत्र में ऐसा सिलसिला तेजी के साथ चला और विभिन्न महत्वपूर्ण विधेयकों में बिखरे विपक्ष के बीच तेदेपा सांसदों ने भाजपा का दामन थामा। इसके बाद सपा और कांग्रेस के राज्यसभा सदस्यों ने इस्तीफा देना शुरू किया, जिनके स्थान पर रिक्त हुई सीटों पर वही सांसद उप चुनाव में निर्वाचित होकर उच्च सदन  की सदस्यता ग्रहण कर उच्च सदन में दाखिल होते रहे। उच्च सदन में भाजपा की ताकत बढ़ाने वाले ऐसे सांसदों ने भाजपा सदस्यों की संख्या को 72 से 81 तक पहुंचाकर राजग के आंकड़े का शतक पार कर दिया। सपा से इस्तीफा देकर भाजपा के टिकट पर निर्विरोध निर्वाचित होकर उच्च सदन पहुंचे सदस्यों में नीरज शेखर, सुरेन्द्र सिंह नागर और संजय सेठ प्रमुख रूप से शामिल रहे। जबकि 17वीं लोकसभा के पहले सत्र में राज्यसभा में तेदेपा के मात्र दो सांसदों सीएम रमेश और वाईएस चौधरी ने भाजपा का दामन थामा था। इसके बाद कांग्रेस के संजय सिंह और भुवनेश्वर कलिता भी सरकार की नीतियों में आस्था जताते हुए कांग्रेस की रणनीति का विरोध कर भाजपा का दामन थाम चुके हैं। विपक्षी दलों के ऐसे सांसदों के सांसदों के इस्तीफे देकर भाजपा में शामिल होने का सिलसिला अभी जारी है। पिछले महीने ही कर्नाटक से कांग्रेस के राज्‍यसभा सांसद केसी राममूर्ति ने इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है।
08Nov-2019

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