रविवार, 3 नवंबर 2019

ईपीएफओ की सामाजिक सुरक्षा के दायरे में आए करोड़ो श्रमिक

स्व-प्रमाणपत्र पर अपने फंड से निकाल सकेंगे पैसे
संगठन के 67वें स्थापना दिवस पर बोले केंद्रीय मंत्री गंगवार   
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में संगठित क्षेत्र के करोड़ो की संख्या में श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा देने वाले कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानि ईपीएफओ ने अपना 67वां स्थापना दिवस मनाया। इस मौके पर केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने विभिन्न कार्यलयों में बेहतर कामकाज के निपटान के साथ स्वच्छता और समयबद्धता के लिए दो नए पुरस्कार भी वितरित किये।
ईपीएफओ के 67वें स्थापना दिवस पर शुक्रवार को यहां नई दिल्ली में प्रवासी भारतीय भवन में आयोजित समारोह में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि संगठित क्षेत्र में सामाजिक सुरक्षा देने के उद्देश्य से ईपीएएफ एमपी एक्ट-1952 के तहत ईपीएफओ ने अपनी स्थापना के बाद अब तक  करीब 5 करोड़ अंशधारकों को जोड़ चुकी है और करीब 22 करोड़ श्रमिकों के खातों को संचालित कर रहा है। उन्होंने कहा कि ईपीएफओ ऐसा दुनिया का सबसे बड़ा सामाजिक सुरक्षा संगठन है, जिसके करीब 12.8 लाख करोड़ का कोष है तथा जो अपने सदस्यों को हर वर्ष उनकी पूंजी पर बेहतर ब्याज दर भी देता है। उन्होंने सरकार द्वारा हाल ही में 8.65 फीसदी ब्याजदर लागू करने का जिक्र करते हुए कहा कि इस स्कीम से सरकार ने अंशधारकों के अलावा 65 लाख पेंशनधारकों को भी लाभान्वित किया है। गंगवार ने कहा कि केंद्र सरकार ने श्रमिक क्षेत्र में ईपीएफओ के जरिए करोड़ो श्रमिकों के हित में नई सूचना तकनीक के साथ सभी प्रक्रियाओं को सरल किया है। इस मौके पर श्रम एवं रोजगार मंत्रालय में सचिव हीरालाल सामरिया ने कहा कि मंत्रालय ने श्रमिक कानूनों को समायोजित करके जिस प्रकार से श्रमिकों के हितों को प्राथमिकता देने के लिए कदम बढ़ाया है, उसमें सामाजिक सुरक्षा संहिता बनाते समय इन कानूनों को समाहित करना जरूरी होगा। इसका मकसद और व्यापक सामाजिक सुरक्षा के तंत्र को स्थापित करना है, ताकि ज्यादा से ज्यादा श्रमिककों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाया जा सके।
तीन एप की शुरूआत
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने ईपीएफओ से संबंधित कागजों के बेहतर रख-रखाव के लिए डीजिलॉकर की सुविधा की भी शुरूआत की है। वहीं यूएएन रजिस्ट्रेशन और ई-इंसपेक्शन एप भी शुरू किया गया। ईपीएफओ के लांच किये गये तीनों एप ही अत्याधिक महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे, जिनके जरिए श्रमिकों के हित सभी कार्य सुचारू रूप से आगे बढ़ेंगे। ईपीएफओ के सीपीएफसी सुनील बर्थवाल ने एप के बारे में बताया कि श्रमिकों के अलावा संस्थानों को भी ईपीएफओ के तहत रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए ऑनलाइन  सुविधा उपलब्ध होगी, वहीं सभी की सुविधा के लिए प्रशासनिक शुल्क को 0.85 फीसदी से घटाकर 0.50 फीसदी कर दिया गया है। ईपीएफ से से पैसा निकालना अब पहले की तरह एक समस्या नहीं रही है तथा सिर्फ स्व-प्रमाणपत्र के आधार पर आप अपने फंड से पैंसा निकाल सकते हैं
02Nov-2019

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