चुनाव आयोग ने झारखंड
विधानसभा के आगामी चुनावों के लिए बी. मुरली को विशेष व्यय पर्यवेक्षक के रूप में
नियुक्त किया है, जो झारखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से परामर्श करके, विशेष पर्यवेक्षक निर्वाचन तंत्र द्वारा किए
जा रहे कार्यों का पर्यवेक्षण और निगरानी करेंगे। केंद्रीय चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने रविवार को यह जानकारी देते
हुए बताया कि भारतीय वित्त सेवा के 1983 बैच के सेवानिवृत्त अधिकारी बी. मुरली कुमार की विशेष व्यय पर्यवेक्षक के रूप में यह नियुक्ति चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने पर्यवेक्षकों की बैठक के बाद की है। कुमार को इन विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के चुनाव ख़र्च की सीमा पर निगरानी के अलावा निर्वाचन प्रक्रिया
का पालन सुनिश्चित करने की भी निगरानी की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। झारखंड
विधानसभा चुनाव के लिए व्यय संबन्धी गतिविधियों की निगरानी सुनिश्चित करने के लिए
वह राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के साथ परामर्श भी करते रहेंगे, ताकि खुफिया सूत्रों तथा सी-विजिल,
वोटर
हैल्पलाइन 1950 के माध्यम से
मिली सूचना के आधार पर नकद राशि,
शराब
और मुफ्त उपहार आदि द्वारा मतदाताओं को लुभाने की कोशिश में जुटे सभी व्यक्तियों या दलों
के विरुद्ध सख्त और कारगर कार्रवाई हो सके। गौरतलब
है कि आयकर विभाग के अनुवेषण स्कंद में उनके पिछले अनुभव को देखते हुए
बी. मुरली कुमार को तमिलनाडु के वेल्लोर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र
तथा हाल में संपन्न महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए भी विशेष व्यय पर्यवेक्षक
के रूप में नियुक्त किया गया था।
राज्य का दौरा करेगा आयोग का दल
चुनाव आयोग के अनुसार इससे पहले यहां नई दिल्ली स्थित निर्वाचन सदन में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोडा ने झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए पर्यवेक्षकों
की एक बैठक करके उसमें पर्यवेक्षकों की
भूमिका और कार्यप्रणाली पर चर्चा की। बैठक में तय
किया गया कि आयोग के अधिकारी अगले सप्ताह राज्य का दौरा कर स्थिति की
समीक्षा करेंगे। इस दौरान भी पर्यवेक्षकों के साथ बैठक होगी। आयोग ने झारखंड में निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के लिए आयोग करीब तीन सौ आईएएस, आईपीएस और राजस्व सेवा के अधिकारियों को तैनात
करने का
फैसला भी लिया है, जो पर्यवेक्षकों के रूप में राज्य में सुचारु और निष्पक्ष
चुनाव संपन्न कराने की जिम्मेदारी निभाएंगे। वहीं चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने पर्यवेक्षकों के रूप में अधिकारियों को अपने कर्तव्यों के निर्वहन में तटस्थ और निष्पक्ष रहने
का आग्रह कया। इसलिए उन्हें धन बल से लेकर कानून व्यवस्था और शस्त्र
लाइसेंस जैसे मामलों में सख्ती के साथ नियमों को लागू कराना होगा। बैठक के दौरान पहली
बार वृद्धों और दिव्यांगों को मिल रही पोस्टल बैलेट की सुविधा पर जरूरी दिशा-निर्देश
जारी किये गए। बैठक में चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारी उमेश सिन्हा, संदीप सक्सेना, चंद्र भूषण, धीरेंद्र ओझा और दिलीप शर्मा भी मौजूद रहे।
04Nov-2019
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें