शनिवार, 30 नवंबर 2019

संसद में चुनावी बॉण्ड और पीएसयू में विनिवेश पर हंगामा

राज्यसभा में हंगामे की भेंट चढ़ा शून्यकाल 
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
संसद के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने दोनों सदनों में चुनावी बॉण्ड के मुद्दे पर केंद्र सरकार को जमकर हंगामा किया। इस हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही के स्थगित करने से शून्यकाल नहीं हो सका। वहीं इस मुद्दे पर केंद्र सरकार पर सवाल खड़े कर हंगामा करते कांग्रेस के सदस्यों ने सदन से वाकआउट कर दिया।
राज्यसभा में नहीं हो सका शून्यकाल
राज्यसभा की गुरुवार को सुबह कार्यवाही शुरू होने पर सभापति एम. वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए, जिसके बाद उन्होंने चुनावी बॉण्ड और सार्वजनिक क्षेत्रों में विनिवेश को लेकर कांग्रेस के बीके हरिप्रसाद और वामपंथी के के रागेश सहित कई सदस्यों ने चुनावी बॉण्ड एवं सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में विनिवेश के विरोध में इन मुद्दो पर र्चा कराए जाने के लिए दिए गए नोटिस मिलने की जानकारी दी, जिन्हें खारिज कर दिया। इन नोटिसों के अस्वीकार होने से खफा इन विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा कर नारेबाजी की। नायडू ने उन्हें यह समझाने का प्रयास किया कि ये मुद्दे अभी इतने जरूरी नहीं है और इससे भी महत्वपूर्ण मुद्दों को आगे बढ़ाया जाना चाहिए, लेकिन हंगामा जारी रहने की स्थिति में नायडू ने सदन की कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।  
लोकसभा से कांग्रेस का वाकआउट
लोकसभा में गुरुवार को कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने शून्यकाल में इलेक्टॉरल बॉन्ड का मुद्दा उठाया। तिवारी ने इलेक्टॉरल बॉन्ड को सियासत में पूंजीपतियों का दखल करार दिया। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और चुनाव आयोग के विरोध के बाद भी चुनावी बॉन्ड जारी किए उससे सरकारी भ्रष्टाचार के ऊपर एक अमलीजामा चढ़ गया है। 2014 से पहले इस देश में एक मूलभूत ढांचा था। उस ढांचे के तहत जो धनपशु लोग हैं जो अमीर लोग हैं, उनका भारत की सियासत में पैसे के हस्तक्षेप पर एक नियंत्रण था। इस मुद्दे पर हंगामा कर रही कांग्रेस के सदस्यों ने आसन के करीब जाकर नारेबाजी करना शुरू कर दिया। लोकसभा अध्यक्ष ने उन्हें संसदीय मर्यादा में रहने की नसीहत देते हुए उन्हें वापस अपनी सीटों पर जाने को कहा, लेकिन कांग्रेस सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गये।
 मार्शल्स की ड्रेस पर भी टिप्पणी
राज्यसभा में गुरुवार को मार्शलों की नई ड्रेस के संबंध में कुछ सदस्यों द्वारा की गई टिप्पणी पर सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि इनकी यह वर्दी सेना की वर्दी जैसी नजर न आए इसके लिए प्रक्रिया चल रही है। दरअसल विपक्षी दलों के कुछ सदस्यों ने गुरुवार को भी उच्च सदन की कार्यवाही शुरू होने पर  मार्शलों की ड्रेस का मुद्दा उठाने का प्रयास किया, लेकिन नायडू ने तुरंत ही कहा कि उन्होंने पहले भी कहा है कि इस वर्दी में बदलाव के लिए राज्यसभा सचिवालय में समीक्षा की जा रही है और निश्चित रूप से यह वर्दी सेना जैसी नहीं दिखनी चाहिए।
22Nov-2019

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