शनिवार, 30 नवंबर 2019

संविधान दिवस पर मौलिक अधिकारों व कर्तव्यों में संतुलन पर बल


संविधान निर्माताओं की बदौलत सभी नागरिक सुरक्षित: राष्ट्रपति
देशवासियों के लिए हमारा संविधान सबसे पवित्र ग्रंथ: मोदी
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
भारतीय संविधान की 70वीं वर्षगांठ मनाने के लिए संसद के संयुक्त सत्र में आयोजित विशेष समारोह में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष ने देशवासियों का अधिकारों के साथ कर्तव्यों के पालन करने पर बल दिया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अधिकारों और कर्तव्यों को एक सिक्के के दो पहलू करार देते हुए कहा कि आज संविधान निर्माताओं की दूरदर्शिता की बदौलत ही देश में सभी नागरिक सुरक्षित हैं और उन्हें संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मूल अधिकार भी है। इसलिए अधिकारों व कर्तव्यों के बीच संतुलन बनाए रखने की जरुरत है।
संसद के शीतकालीन सत्र के बीच मंगलवार को केंद्रीय कक्ष में संविधान की 70वीं वर्षगांठ के मौके पर संयुक्त सत्र आयोजित किया गया, जिसमें दोनों सदनों के सांसदों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत का संविधान विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का आधार-ग्रंथ के रूप में हमारे देश की लोकतांत्रिक संरचना का सर्वोच्च कानून भी है। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था का उद्गम भी है और आदर्श भी। राष्ट्रपित ने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं ने दूरदर्शी और परिश्रम के द्वारा कालजयी प्रति का निर्माण किया, जिसकी बदौलत हम सभी नागरिक सुरक्षित हैं। उन्होंने संविधान निर्माताओं और महापुरुषों का जिक्र करते हुए संविधान में मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों को एक सिक्के के दो पहलू बताते हुए कहा कि हमारी संसद ने मूल कर्तव्यों के प्रावधानों को संविधान में शामिल करके यह स्पष्ट किया है कि नागरिकों को अपने अधिकारों के बारे में सचेत रहने के साथ कर्तव्यों के प्रति भी जागरूक रहना है। राष्ट्रपति का कहना था कि संविधान की मूल प्रस्तावना, मूल अधिकारों, निदेशक तत्वों और मूल कर्तव्यों में संविधान की अंतरात्मा विद्यमान है। इसलिए हमें अपने कर्तव्यों का पालन करना भी जरूरी है।
राष्ट्रपति कोविंद ने वैचारिक मतभेदों से ऊपर उठकर, संविधान-सम्मत प्रक्रियाओं का पालन करने को संवैधानिक नैतिकता का सार-तत्व करार देते हुए कहा कि देश में हर प्रकार की परिस्थिति का सामने करने के लिए संविधान सम्मत रास्ते उपलब्ध हैं और इसलिए संविधान की मर्यादा, गरिमा और नैतिकता के अनुरूप काम करें। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में हम सभी को संवैधानिक मूल्यों, ईमानदारी को अपनाते हुए भय, प्रलोभन, पक्षपात, राग द्वेष एवं भेदभाव से मुक्त रहकर काम करने की आवश्यकता है। ऐसे में संविधान निर्माताओं की भावना को शुद्ध अंत:करण से अपनाना चाहिए।
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देशवासियों के लिए हमारा संविधान सबसे पवित्र ग्रंथ: मोदी
संसद की संयुक्त बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहा कि भारतीय संविधान को देशवासियों के लिए बड़ा और पवित्र ग्रंथ बताते हुए कहा कि संविधान ने दो मंत्रों भारतीयों के लिए गरिमाऔर भारत की एकताको साकार किया है। उन्होंने देशवासियों से आव्हान किया है कि हम सब देश के नव नागरिक और नेक नागरिक बनें। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे संविधान की मजबूती के कारण ही हम एक भारत-श्रेष्ठ भारतकी तरफ आगे बढ़ पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि संविधान अधिकारों के प्रति सजग एवं कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहते हुए सभी से नागरिक के तौर पर अधिकारों एवं कर्तव्यों में संतुलन बनाने की अपील की है।
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संवैधानिक मूल्यों से ही विकास संभव: नायडू
इस मौके पर उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भारतीय संसदीय लोकतंत्र में राज्यसभा की भूमिकानामक पुस्तक को जारी करते हुए कहा देश के नागरिकों का आह्वान किया कि यदि वे प्रतिबद्धता के साथ अपने दायित्वों को निभायें तथा राष्ट्रीय उद्देश्यों एवं संवैधानिक मूल्यों के प्रति संकल्पबद्ध रहें तो देश का तेजी से विकास हो सकता है और यह अधिक परिपक्व लोकतंत्र बन सकता है। नायडू नेदेशवासियों से संविधान की मान्यताओं और मर्यादाओं के संरक्षण और संवर्धन के प्रति पुन: संकल्पबद्ध होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यदि हम प्रतिबद्धता के साथ अपने दायित्वों को निभायें तथा राष्ट्रीय उद्देश्यों एवं संवैधानिक मूल्यों के प्रति संकल्पबद्ध रहें, तो देश का तेजी से विकास हो सकता है और यह अधिक परिपक्व लोकतंत्र बन सकता है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि विद्यालयों को बच्चों को उनके कर्तव्यों के बारे में अवगत कराना चाहिए। हमारा लक्ष्य 'रिफॉर्म','परफॉर्म' और 'ट्रांसफॉर्म' होना चाहिए। हमें देश की अखंडता और एकता के लिए मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि अंतिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति का उत्थान सबसे पहले होना चाहिए। साथ ही हमें अपने मातृभाषा की इज्जत करनी चाहिए और इसका प्रसार करना चाहिए।
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कर्तव्यों के बिना असंतुलन
इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अनुशासनको मौलिक अधिकारों द्वारा प्रदान की गई स्वतंत्रता और शक्तियों के प्रयोग की एक जरूरी शर्त बताते हुए कहा कि कर्तव्यों से विमुख होकर सिर्फ अधिकारों की बात करने से एक प्रकार का असंतुलन पैदा होगा। उन्होंने कहा संविधान में जहां एक तरफ मौलिक अधिकारों के रूप में हमें पर्याप्त स्वतंत्रता और शक्तियां दी गई हैं, वहीं दूसरी तरफ संतुलन बनाते हुए मौलिक कर्तव्यों का निर्देश करके हमें अनुशासित भी किया है।
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स्मारक सिक्के और डाक टिकट का विमोचन
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संविधान दिवस के अवसर पर 250 रुपये के स्मारक सिक्के और एक विशेष डाक टिकट और लोकसभा का 2020 का कलैंडर भी जारी जारी किया। वहीं उन्होंने रिमोट का बटन दबाकर राष्ट्रीय युवा संसद योजना के पोर्टल की शुरुआत की और संसद भवन के पुस्तकालय में आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। प्रदर्शनी में संविधान के निर्माण से लेकर उसके 70 साल की यात्रा की जानकारी को दर्शाया गया है। केंद्रीय कक्ष में संविधान लागू होने के 70 साल पूरे होने के मौके पर उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भारतीय संसदीय लोकतंत्र में राज्यसभा की भूमिकानामक पुस्तक को जारी करते हुए उसकी एक प्रति राष्ट्रपति कोविंद को भेंट की। इस मौके पर राज्यसभा के महासचिव देशदीपक वर्मा ने कहा कि राज्यसभा के 250वें सत्र के दौरान 250 रुपये का स्मारक सिक्का जारी किया जा रहा है। यह सिक्का 40 ग्राम वजनी और 44 मिलीमीटर परिधि का है। इसमें अशोक स्तंभ और संसद भवन के चित्रों के साथ ही गांधीजी की तस्वीर है और सत्यमेव जयते लिखा है। यहां जारी किये गये वृत्ताकार डाक टिकट पर संसद के स्थापत्य की जालीनुमा आकृतियों और संसद भवन का चित्र है।
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विपक्ष ने किया संविधान दिवस पर संयुक सत्र का बहिष्कार
संसद के केंद्रीय कक्ष में मंगलवार को संविधान दिवस पर आयोजित सयुंक्त बैठक का कांग्रेस की अगुवाई में तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कई अन्य विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया और संसद परिसर में संविधान निर्माता डा. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष धरना देकर प्रदर्शन किया। 'संकट में संविधानऔर संविधान की हत्या बंद करोलिखे बैनर लेकर किये गये इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महाराष्ट्र के मुद्दे पर मोदी सरकार पर हमले बोले। इस विरोध प्रदर्शन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कई अन्य विपक्षी दलों के सांसद प्रमुख रूप से शामिल हुए।
27Nov-2019 

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