रविवार, 3 नवंबर 2019

हरियाणा: भूपेन्द्र हुड्डा बने कांग्रेस विधायक दल के नेता


हरियाणा विधानसभा में पूर्व मुख्यंत्री होंगे नेता प्रतिपक्ष
पर्यवेक्षक की रिपोर्ट के बाद सोनिया गांधी ने की नियुक्ति
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
आखिर हरियाणा विधानसभा के विशेष सत्र से पहले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को कांग्रेस हाईकमान ने हरियाणा कांग्रेस विधायक दल नेता नियुक्त कर दिया है, जो हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी होंगे। इससे पहले विधायक दल के नेता को लेकर कांग्रेस में रस्साकशी चल रही थी, जिस पर चुनाव पर्यवेक्षक मधुसूदन मिस्त्री की रिपोर्ट के बाद कांग्रेस हाईकमान ने हुड्डा के नाम पर मुहर लगाई है।
चौदवीं हरियाणा विधानसभा का पहला और विशेष सत्र चार नवंबर को दो बजे शुरू होगा, जिसमें प्रोटेम स्पीकर नवनिर्वाचित विधायकों को सदन की सदस्यता और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। इसी सत्र में विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव भी कराया जाएगा। हरियाणा में कांग्रेस के 31 विधायक निर्वाचित हुए है, जिनके नेता को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र हुड्डा और किरण चौधरी के बीच रस्साकशी चल रही थी। इसे देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हरियाणा कांग्रेस विधायक दल का नेता चुनने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मधूसूदन मिस्त्री को पर्यवेक्षक नियुक्त किया था, जिनकी रिपोर्ट के बाद शनिवार को नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिन्दर सिंह हुड्डा को राज्य में पार्टी विधायक दल का नेता नियुक्त किया। यह जानकारी एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कांग्रेस महासचिव और हरियाणा प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने देते हुए कहा कि हरियाणा के विधायकों ने नेता का निर्णय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर छोड़ा था। दरअसल शुक्रवार को चंडीगढ़ में प्रभारी महासचिव गुलाम नबी आजाद और पर्यवेक्षक मधुसूदन मिस्त्री की मौजूदगी में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा की अध्यक्षता में हरियाणा के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक हुई थी, जिसमें कांग्रेस विधायक दल का नया नेता चुनने के लिए भूपेन्द्र हुड्डा के पक्ष में 25 और किरण चौधरी के पक्ष में छह विधायक मुखर हुए। इसके बाद पर्यवेक्षक मधुसूदन मिस्त्री ने यह रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया को दी, जिसमें विधायक दल के नेता के रूप में भूपेन्द्र हुड्डा के नाम पर मुहर लगाई गई।
सीएलपी बैठक में उलझा था पेंच
कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद ने कहा कि चंडीगढ़ में सीएलपी की बैठक में 31 में से 30 विधायक शामिल हुए। इस बैठक में विधायक दल के नेता पर सहमति न बनने पर भूपेन्द्र हुड्डा ने प्रस्ताव किया कि विधायक दल के नेता की नियुक्ति करने का निर्णय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर छोड़ा जाए जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया। आजाद ने बताया कि इसके बाद एक और बैठक हुई जिसमें सभी निर्वाचित विधायक और पराजित उम्मीदवार शामिल हुए, जिसमें पहली बैठक में प्रस्ताव पर सहमति बनाई गई। कांग्रेस नेता ने कहा कि हरियाणा विधानसभा में सदस्यों की संख्या के मुताबिक दस विधायको वाला विपक्षी दल सदन में विपक्षी नेता बनता है और कांग्रेस के पास 31 विधायक हैं, इसलिए विधायक दल के नेता भूपेन्द्र हुड्डा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी होंगे।
कांग्रेस ने किया बेहतर प्रदर्शन
कांग्रेस महासचिव गुलामनबी आजाद ने हरियाणा चुनाव में प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र हुड्डा जैसे अनुभवी नेताओं के नेतृत्व में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया है। उनका मानना था कि कांग्रेस 6-7 सीटें और जीत सकती थी, जहां कांग्रेस प्रत्याशी हजार या 1200 मतों से ही हारे हैं। यदि इन सीटों पर दोबारा गिनती कराई जाती तो ये सीटे भी कांग्रेस के खाते में आ जाती। आजाद ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ सीटों पर जहां कांग्रेस जीत रही थी, वहां सत्ताधारी दल ने दोबारा गिनती कराके वे सीटे अपने खाते में डाल ली हैं। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं हो रहा इससे पहले भी अपनी आदत के अनुसार भाजपा कई राज्यों में ऐसा करती रही है, जिसके लिए कांग्रेस चुनाव आयोग को कार्यवाही करने के लिए लिखता भी रहा है, लेकिन चुनाव आयोग ने नतीजे घोषित होने के बाद कोई कार्रवाई नहीं की। इसका मतलब यह माना जाए कि जो भारतीय जनता पार्टी की हरियाणा में जो 40 सीटें हैं, इन 40 सीटों में असलियत में 30-32 सीटों से ज्यादा वो नहीं जीते हैं, बाकी सब तोड़-फोड़, जोड़ करके उन्होंने 7-8 सीटें बढ़ाई हैं, लेकिन उसके बाद भी उन्हें 3 बैसाखियों की जरुरत पड़ी। एक तो चौटाला की, तीसरी विरोधी दल, जो इंडिपेंडेड चुनकर आए थे, उनके बलबूते पर उन्होंने सरकार बनाई है।
03Nov-2019

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