सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने उठाए कई मुद्दे
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
संसद के शीतकालीन सत्र से पहले रविवार को बुलाई
गई सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने कई मुद्दे उठाते हुए उन पर चर्चा कराने की मांग
उठाई, जिस पर खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विपक्षी दलों का भरोसा दिया कि सभी
मुद्दों पर चर्चा कराने को तैयार है। वहीं विपक्षी दलों ने एक स्वर में जेल में बंद
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम को सदन की कार्यवाही में हिस्सा
लेने की अनुमति देने और हिरासत में लिए गये फारुख अब्दुला की रिहाई की मांग भी जोर
शोर से उठाई है।
संसद भवन के पुस्कालय स्थित सभागार में रविवार
को हुई सर्वदलीय बैठक की जानकारी देते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी
ने बताया कि इस बैठक में 27 दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया और सभी ने
अपने विचार रखे, जिसमें सरकार की और से विपक्षी दलों द्वारा उठाए
गये मुद्दों पर सरकार ने सकारात्मक जवाब दिया और विपक्ष से संसद की कार्यवाही को सुचारू
रुप से चलाने और सरकार के साथ सहयोग करने की अपील की गई। उन्होंने बताया कि इस बैठक
में प्रमुख रूप से सरकार की ओर से खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह,
केंद्रीय
मंत्री थावरचंद गहलोत, अर्जुन राम मेघवाल, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी
प्रमुख रूप से शामिल हुए। जबकि विपक्षी दलों में कांग्रेस के गुलामनबी आजाद, अधीर रंजन
चौधरी, बसपा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और सुदीप
बंद्योपाध्याय, लोजपा के चिराग
पासवान आदि शामिल हुए। इसके अलावा शनिवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और रविवार को
राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने भी अपने अपने सदनों के सर्वदलीय
नेताओं की बैठक बुलाकर संसद सत्र को सुचारू रूप से चलवाने में अपने सकारात्मक सहयोग
की अपील की है।
26 नवंबर को विशेष कार्यक्रम
संसद सत्र में विपक्षी दलों 26 नवंबर
को संविधान दिवस का 70 साल पूरे हो रहे
है। इस मौके पर संसद के संयुक्त सत्र में इस दिन सुबह 11 बजे एक
विशेष कार्यक्रम होगा, जिसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया
नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मौजूद रहेंगे। इसके लिए
सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी ने सभी दलों के सांसदों से भारतीय संविधान की ब्रांडिंग
करने पर बल दिया। वहीं राज्यसभा के 250वें सत्र की शुरूआत होने
पर भी पीएम मोदी ने कहा कि संसद का यह सत्र एक विशेष अवसर है, क्योंकि राज्य सभा का यह 250वां सत्र होगा। उन्होंने इस मौके पर विशेष कार्यक्रम
और गतिवधियां आयोजित करने की योजना की भी जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर
दिया कि उच्च सदन का 250वां सत्र भारतीय संसद और भारतीय संविधान की अनोखी ताकत को उजागर
करने के लिए एक विशेष अवसर प्रदान करता है जो भारत जैसे विविधता से भरे देश में शासन
करने वाले संस्थानों को एक अति महत्वपूर्ण रूपरेखा प्रदान करता है। यह सत्र उस पृष्ठभूमि
में हो रहा है जब भारत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती बना रहा है जिससे
यह सत्र अनोखा और विशेष अवसर बन जाएगा।
चिदंबरम व फारुख को सत्र
का हिस्सा बनाने की मांग
संसद के शीतकालीन सत्र से एक दिन पहले केंद्र
सकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों के नेताओं ने एक स्वर में केंद्र
सरकार से नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारुक अब्दुल्ला को संसद सत्र में हिस्सा लेने के लिए
उनकी रिहाई की मांग की है। वहीं विपक्षी दलों ने आईएनएक्स मामले में तिहाड़ जेल में
बंद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम को संसद के शीतकालीन सत्र में हिस्सा
लेने की अनुमति देने के लिए सरकार से कार्यवाही करने की मांग की है। हालांकि सरकार
की ओर से इन दोनों नेताओं ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। यह जानकारी बैठक के बाद कांग्रेस
नेता गुलाम नबी आजाद ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान देते हुए कहा कि बैठक में इन
नेताओं के संसद सत्र में हिस्सेदारी करने के अलावा विपक्ष ने देश में आर्थिक सुस्ती
और रोजगार से जुड़े मुद्दे भी उठाए।
शिवसेना को विपक्ष में सीट
अलाट
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी
ने बताया कि राजग की बैठक में शिवसेना द्वारा हिस्सा न लेने के बाद लोकसभा और राज्यसभा
में शिवसेना के सांसदों की सीटे विपक्षी दलों के साथ तय कर दी गई हैं।
18Nov-2019
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