शुक्रवार, 22 सितंबर 2017

रेलवे ट्रेकों के विद्युतीकरण पर तेजी से होगा काम

डीजल इंजन के खर्च को बचाने की कवायद
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।  
देश में लगातार बेपटरी होती ट्रेनों को हादसे से बचाने की दिशा में रेल सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए रेलवे ने कई योजनाओं को शुरू करने का निर्णय लिया है। इसी दिशा में देशभर में रेलवे ट्रेकों का पूर्ण रूप से विद्युतीकरण करने के काम को तेजी शुरू करने के निर्देश दिये गये हैं।
यहां आयोजित भारतीय गुणवत्ता परिषद के 12वें राष्ट्रीय गुणवत्ता सम्मेलन के दौरान रेल मंत्री पीयूष गोयल ने देश में रेलवे के सुरक्षित और टिकाऊ परिचालन को लेकर कहा कि रेलवे के आर्थिक ढांचे में सुधार करने की दिशा में रेलवे ट्रैकों का विद्युतीकरण किया जाना जरूरी है, जिसे रेलवे को बड़े पैमाने पर धनराशि की बचत भी हो सकेगी। उन्होंने कहा कि डीजल इंजन पर रेलवे के परिचालन में रेलवे का सालाना लगभग 16 हजार करोड़ खर्च करने पड़ रहे हैं, लेकिन विद्युतीकरण के बाद इस खर्च में कम से कम 50 फीसदी की कमी की जा सकेगी और रेलवे का परिचालन में सुधार आना तय है। गोयल ने कहा कि रेलवे ट्रेकों के विद्युतीकरण की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए उनकी संबन्धित लोगों और महकमें से बातचीत चल रही है, जिसमें उपकरण और बुनियादी ढांचा की पर्याप्त उपलब्धता को देखना है। संपूर्ण रेलवे ट्रेक के विद्युतीकरण को अंतिम रूप से पूरी प्रक्रिया पर काम जारी है और जल्द ही इस बारे में निर्णय किया जाएगा।
आर्थिक बोझ तले रेलवे
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने स्वीकार किया है कि रेलवे पहले से ही घाटे में चल रहा है और अब सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों लागू होने से भारतीय रेलवे पर और भी आथिक बोझ बढ़ा है। गोयल ने कहा कि रेलवे ट्रैक के नवीनीकरण और उसके रखरखाव को लेकर 2004 और 2014 के बीच निवेश काफी कम हुआ है। इससे भारतीय रेलवे को काफी क्षति पहुंची है। उन्होंने कहा कि रेलवे के आर्थिक घाटे को पाटने के लिए भी सरकार ने कई ठोस उपाय किये है, जिसमें निवेश को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने के साथ नई तकनीकी और अन्य संसाधनों में सुधार करने की योजना पर भी विचार किया जा रहा है।

भारत पहुंचा उच्च क्षमता वाला इंजन
रेल मंत्रालय के अनुसार फ्रांस की कंपनी एल्स्टम फ्रांस ने 12 हजार हॉर्स पावर क्षमता वाले पहले इंजन की आपूर्ति कर दी है और इसके पूर्जों एवं हिस्सों को हल्दिया, कोलकाता बंदरगाह पर पहुंच चुके हैं, जिसे मधेपुरा स्थित कारखाने में एसेंबल किया जाएगा। देश में उच्च क्षमता वाला यह पहला रेल इंजन होगा और यह रेलवें में पहला प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) है। इस इंजन से उच्च क्षमता वाले लोकोमोटिव की दिशा में भारतीय रेलवे लक्ष्य हासिल करेगा। इस इंजन का इस्तेमाल मालवाहक ट्रेनों में अगले साल से किया जाएगा। इससे इन ट्रेनों की मौजूदा गति दोगुनी हो जाएगी। 
22Sep-2017

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