देश में
82 रेलवे स्टेशन पर चलेगा ‘ऑपरेशन मुस्कान’
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में
लापता हो रहे बच्चों को तलाशने के लिए गृहमंत्रालय के ‘ऑपरेशन मुस्कान’ के तहत
रेलवे सुरक्षा बल के चलाए जा रहे बाल सुरक्षा अभियान को अब देश के बड़े रेलवे स्टेशनों
समेत 82 रेलवे स्टेशन पर चलाने का निर्णय लिया है।
रेल
मंत्रालय ने रेलवे सुरक्षा बल के पिछले तीन साल से 35 रेलवे स्टेशनों पर चलाए जा
रहे बाल सुरक्षा अभियान की सफलता को देखते हुए अब 47 अतिरिक्त रेलवे स्टशनों को भी
अभियान में शामिल कर लिया है ,जिसमें देश के ए-1 श्रेणी के 75 बड़े रेलवे स्टेशन
भी शामिल हैं। रेल मंत्रालय के अनुसार रेलवे सुरक्षा बल ने इस अभियान के तहत पिछले
तीन सालों में 21 हजार बच्चों को तलाशकर उनका बचाव किया है। इसके लिए गृह मंत्रालय
ने रेलवे सुरक्षा बल को पुरस्कृत भी किया है। इस अभियान को विस्तार देने का निर्णय
लेते हुए रेल मंत्रालय ने यह कदम उठाया है। रेल मंत्रालय के अनुसार ‘ऑपरेशन मुस्कान’ लापता बच्चों के बचाव और पुनर्वास
के लिए गृह मंत्रालय द्वारा चलाई गई एक प्रमुख पहल है, जिसमें पुलिस संगठन गुमशुदा
बच्चों की खोज और बचाव के लिए विभिन्न कार्य योजनाओं को अंजाम देते हुए ऐसे बच्चों
को उनके परिवार से मिलाते हैं। इसमें रेलवे पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल भी शामिल है
जो रेल गाडि़यों और रेलवे परिसरों में ऐसे गुमशुदा बच्चों की सहायता करती है जिन्हें
संरक्षा और सहायता की जरूरत होती है। रेलवे के अनुसार रेलवे सुरक्षा बल प्रतिदिन रेलों
और रेल परिसरों से 20-25 ऐसे बच्चों को उनके माता-पिता, रिश्तेदारों अथवा स्वयंसेवी
संगठनों के सुरक्षित हाथों में सौंप रही है। ये बच्चे कानून द्वारा स्थापित बाल कल्याण
समितियों और कानूनी पुनर्वास संस्थानों को भी सौंपे जाते हैं। यह कल्याणकारी कार्य
करके प्रति वर्ष रेलवे सुरक्षा बल के कर्मियों ने हजारों दुखी और हताश माता-पिता और
रिश्तेदारों के चेहरे पर मुस्कान वापस दी है।
रेलवे स्टेशनों पर विशेष बूथ
मंत्रालय
के अनुसर इस अभियान के तहत चिन्हित किये गये रेलवे स्टेशनों पर विशेष बूथ और बाल सहायता
स्थल बनाए गये हैं। इन बूथों पर रेलवे सुरक्षा बल के कर्मचारियों की 24 घंटे तैनाती
के अलावा अलावा महिला व बाल विकास मंत्रालय द्वारा नामांकित स्वयंसेवी संगठन और बाल
सहायता से संबद्ध कर्मचारी की भी तैनाती की गई है। पिछले तीन सालों में बचाए गये
करीब 21 हजार बच्चों में मानव तस्करी के शिकार 1,317 बच्चे भी शामिल रहे, जिनमें 944
लड़के और 373 लड़कियां शामिल थीं। इस साल के पहले आठ माह में रेलवे सुरक्षा बल ने 7,126
बच्चों को मुक्त कराया है, जिनमें 61 लड़कियों समेत 185 ऐसे बच्चे मानव तस्करी के
जाल में फंसे हुए थे।
‘ऑपरेशन मुस्कान’ का मकसद
रेलवे के
अनुसार देश में बड़ी संख्या में घर से भागे हुए, माता-पिता से बिछुड़े हुए और मानव
तस्करी में शामिल बच्चे देश के विभिन्न भागों में यात्रा करते पाए जाते हैं। रेलवे
ऐसे बच्चों की सहायता करती है और कई रेलवे परिसरों में ही उनको शरण देती है और उनके
जीवन-यापन करती है। ये बच्चे हिंसा, शोषण और उपेक्षा के शिकार होते हैं। रेलवे सुरक्षा
बल का लक्ष्य ऐसे लाखों बच्चों की सुरक्षा करना है जो अपना रास्ता भटक कर माता-पिता
से बिछुड़ गए हैं। यह बल ऐसे बच्चों की तस्करी रोकने के लिए समर्पित है और समय पर
उपर्युक्त कार्रवाई करके बच्चों का बचाव करती है।
26Sep-2017
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