हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र
सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों को प्रभावी बनाने की दिशा में विभिन्न
विभागों के चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु 65 साल करने का निर्णय लिया है।
केंद्रीय कैबिनेट ने इस प्रस्ताव की मंजूरी देने के साथ कई अन्य महत्वपूर्ण फैसले
भी लिये हैं।
प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के फैसलों की
जानकारी केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक संवाददाता सम्मेलन में देते हुए कहा
कि कैबिनेट ने चिकित्सा सेवा के चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाकर 65 वर्ष
करने वाले एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके दायरे में उच्चत्तर शिक्षा विभाग के तहत
केंद्रीय विश्वविद्यालयों और आईआईटी जैसे स्वायत्त निकायों में कार्यरत चिकित्सकों
के अलावा जहाजरानी मंत्रालय के तहत प्रमुख पत्तन न्यासों, आयुष चिकित्सक, सशस्त्र
बल चिकित्सा सेवा महानिदेशक के अधीन सिविलियन चिकित्सक, रक्षा उत्पादन विभाग में
भारतीय आयुध कारखानों की चिकित्सा सेवा के चिकित्सा अधिकारी, स्वास्थ्य परिवार कल्याण
विभाग के अधीन दंत चिकित्सक, रेल मंत्रालय के अधीन दंत चिकित्सक तथा तकनीकी संस्थानों
में कार्यरत चिकित्सक के प्रशासनिक नियंत्रणाधीन चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाकर
65 वर्ष कर दी गई है। इस प्रस्ताव में वे
केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा के चिकित्सक शामिल नहीं है, जिनकी सेवा निवृत्ति की आयु
पहले ही 31 मई, 2016 को 60 से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी गई थी।
अब छावनियों में भी लगेंगे मोबाइल टावर
केंद्रीय सूचना
प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने यह जानकारी दी है कि देश की सभी सैन्य छावनियों
में टावरों को लगाने के एक प्रस्ताव को केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंजूरी दी गई है। यह
मंजूरी साझा संचार टावरों और संबद्ध बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए संचार ऑपरेटरों
को रक्षा भूमि उपलब्ध कराने के लिए लागू नीति के क्रियान्यवन के अनुभव और दूरसंचार
विभाग (डीओटी) द्वारा मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए दी गई है। प्रसाद का कहना है कि दूरसंचार कंपनियां लंबे समय
से शिकायत करती रही हैं कि सैन्य छावनियों के आस-पास में उनके पास टावर लगाने के लिए
पर्याप्त स्थान नहीं है जिसकी वजह से मोबाइल सिग्नल कमजोर होते हैं और इससे कॉल ड्रॉप
की समस्या बढ़ती है। इससे पहले सरकार ने सरकारी इमारतों में मोबाइल टावर लगाने की अनुमति
दी थी ताकि कनेक्टिविटी को बढ़ाया जा सके।
हवाई अड्डों से जुडेंगे आस-पास के गांव
मंत्रिमंडल
ने राजमुंद्री हवाई अड्डे के इर्द-गिर्द के पड़ोसी गांवों के लिए सम्पर्कता मुहैया कराने
हेतु सड़क निर्माण के लिए एएआई की 10.25 एकड़ भूमि की आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान
की गई समतुल्य भूमि के साथ अदला-बदली करने से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी। यह प्रस्ताव
राजमुंद्री हवाई अड्डे के आसपास के गांवों के लिए सड़क संपर्कता मुहैया कराने के लिए
है, ताकि क्षेत्र की आम जनता के लिए आवागमन की सुविधा प्रदान की जा सके। इसके
अलावा कैबिनेट में लखनऊ मेट्रो रेल को
चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे लखनऊ पर 1899 वर्गमीटर भूमि के स्थायी हस्तांतरण
के लिए अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है।
भारत और बेलारूस के बीच समझौतों को मंजूरी
प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने भारत और बेलारूस के बीच निवेश संबंधी
द्विपक्षीय निवेश संधि पर हस्ताक्षर एवं पुष्टि को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। इस
संधि के फलस्वरूप दोनों देशों के बीच निवेश के प्रवाह में वृद्धि होने की संभावना है।
वहीं दोनों देशों के बीच तेल और गैस क्षेत्र में भारत और बेलारूस के बीच हस्ताक्षरित
समझौता ज्ञापन (एमओयू) को भी मंजूरी प्रदान कर दी है। इस समझौते पर बेलारूस के राष्ट्रपति
के भारत दौरे के दौरान 12 सितंबर 2017 को हस्ताक्षर हुए थे। इस एमओयू से भारत और बेलारूस
के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा मिलेगा और आशा की जाती है कि तेल और प्राकृतिक
गैस क्षेत्र में दोनों देशों के बीच आर्थिक और वाणिज्यिक सहयोग बढ़ेंगे। इसके अलावा
कैबिनेट ने भारत और इथोपिया के बीच सूचना, संचार और मीडिया के क्षेत्र में सहयोग पर
करार पर हस्ताक्षर को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। इस करार से रेडियो, प्रिंट मीडिया,
टेलीविजन, सोशल मीडिया जैसे जन संचार माध्यमों आदि में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा और
दोनों देशों के बीच जनता के प्रति जवाबदेही के अवसर भी मुहैया हो सकेंगे।
28Sep-2017
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