सोमवार, 11 सितंबर 2017

दिल्ली-आगरा हाइवे जल्द होगा सिग्नल फ्री!

इस माह पूरी हो जाएंगी तीन हजार करोड़ की परियोजनाएं
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
यमुना एक्सप्रेस-वे के अलावा पहले से मौजूद दिल्ली-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग के सफर का आसान बनाने के लिए केंद्र सरकार की तीन हजार करोड़ की सड़क परियोजना सितंबर में पूरी हो जाएगी और इस नेशनल हाइवे पर सफर रफ्तार तेज और सिग्नल फ्री हो जाएगा।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार करीब 180 किमी लंबे दिल्ली-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर केंद्र सरकार ने तीन हजार करोड़ रुपये की परियोजना तैयार करके भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सौंपी थी, जिसका मकसद इस हाइवे को सिग्नल फ्री करके उसका चौड़ीकरण करके दिल्ली से आगरा के सफर को आसान बनाना था। मंत्रालय के अनुसार इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य जून 2017 था, लेकिन अब इसका काम अंतिम चरणों में है और इसी माह यह परियोजना पूरी हो जाएगी। एनएचएआई के प्रवक्ता ने बताया कि सभी कार्य पूरा कर लिया गया है और केवल बल्लभगढ़ क्रासिंग पर फ्लाईओवर तथा मेवला महाराजपुर क्रॉसिंग पर अंडरपास के का निर्माण कार्य 30 सितंबर से पहले पूरा हो जाएगा। एनएचएआर्ई का दावा है कि अगले माह यानि अक्टूबर के पहले सप्ताह में इन दोनों परियोजनाओं को जनता को समर्पित कर दिया जाएगा। दरअसल बल्लभगढ़ क्रॉसिंग पर बन रहा फ्लाईओवर इस हाइवे पर सबसे लंबा यानि 750 मीटर का ओवरब्रिज होगा। प्राधिकरण ने कहा कि इसी माह इस ओवर ब्रिज का निर्माण कर रही कंपनी को काम को 30 सितंबर तक पूरा करने के निर्देश दे दिये गये हैं। एनएचएआई का कहना है कि बल्लभगढ़ में यातायात की अधिकता के कारण छह लेन की इस परियोजना और मेट्रो परियोजना का एक साथ काम होने के कारण विलंब हुआ है।
इको फ्रैंडली होगा हाइवे
इस परियोजना के बारे में केद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पहले ही दावा करते रहे हैं कि दिल्ली-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण और सिग्नल फ्री बनाने वाली इस परियोजना के पूरा होते ही यमुना एक्सप्रेस-वे के बजाए लोग इस हाइवे से ज्यादा आना जाना पसंद करेंगे। छह लेन का दिल्ली-आगरा नेशनल हाईवे वाहनों को तेज गति देने के साथ पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भी तैयार किया गया है। वहीं एनएचएआई प्रोजेक्ट डायरेक्टर मोहम्मद सफी का कहना है कि इस परियोजना में वर्षा जल संचयन के जरिए भूमिगत जलस्तर को रिचार्ज करने की योजना भी शामिल की है, जिसके तहत भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण आगरा शहर में 15 रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी बनाए हैं। खासबात यह है कि आगरा-दिल्ली छह लेन परियोजना के निर्माण कार्य की गुणवत्ता और कामकाज की गति पर सैटेलाइट के जरिए सीधे आसमान से नजर रखी गई है, जिसके लिए पहले ही एचएचआई ने इसरों से करार कर लिया था। सड़क परियोजनाओं के कार्यान्वयन में सरकार का निगाहबंदी की यह एक पहली पायलट परियोजना थी।

क्या है परियोजना
मंत्रालय के अनुसार इस नेशनल हाईवे पर फरीदाबाद की सीमा में छह फ्लाईओवर बनाए गए हैं, जिनमें बल्लभगढ़ में बन रहा यह फ्लाईओवर सबसे लंबा है। इससे पहले जो पांच फ्लाईओवर जनता को समर्पित किए जा चुके हैं उनमें बाटा चौक, ओल्ड फरीदाबाद, अजरौंदा चौक, एनएचपीसी चौक और बडखल चौक फ्लाईओवर शामिल हैं, जहां चालू आवागमन में अब यातायात जाम जैसी समस्या पूरी तरह खत्म हो चुकी है। और बाकी बची दो योजनाओं के इसी माह पूरा होते ही इस हाइवे पर बिना रूके आवागमन किया जा सकेगा। इसके अलावा इस परियोजना के तहत आगरा में भी तीन फ्लाईओवर (सुल्तानगंज की पुलिया, खंदारी और वॉटरवर्क्स बनाए गये हैं। 
11Sep-2017

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें