रेल
संरक्षा के साथ रेलवे को हाईटेक बनाएगा इसरो
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी के देश की लाइफ लाइन रेलवे को एक ऐसा इंजन बनाने के लक्ष्य को नया
भारत के विजन के तहत भारतीय रेलवे में व्यापक बदलाव की दिशा में कई महत्वपूर्ण
निर्णय लिये गये हैं, जिसमें रेल सुरक्षा और संरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता की
दृष्टि से भारतीय रेल को हाईटेक बनाने की योजना में इसरो की मदद ली जाएगी। वहीं रेलवे
ने एक नवंबर से 700 ट्रेनों की गति सीमा बढ़ाने का भी निर्णय लिया है।
भारतीय
रेल में बदलाव को लेकर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेल भवन में गुरुवार को आयोजित एक
संवाददाता सम्मेलन में कई महत्वपूर्ण निर्णयों का ऐलान किया है। उन्होंने पीएम
मोदी के विजन ‘नया भारत’ को गति देने की दिशा में कहा कि रेलवे भारतीय यात्रियों के
लिए सुरक्षा, गति एवं सेवा के उच्च मानक सुनिश्चित करने के साथ राष्ट्र के विकास में
अहम योगदान देने के लिए भी प्रतिबद्ध है। गोयल ने कहा कि रेलवे के सफर को सुरक्षित
बनाए रखने के लिए इसरो, रेल-टेक और भारतीय रेल सभी एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने
जरूरी परिवर्तनकारी कदमों का ऐलान करते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी के जरिये बदलाव के
तहत सभी स्टेशनों एवं रेलगाडि़यों में हाई स्पीड वाई-फाई कनेक्टिविटी के साथ
आगामी एक नवंबर से भारतीय रेलवे ने संरक्षा को रेलवे समय सारिणी से जोड़ते हुए नियमित
ट्रैक अनुरक्षण हेतु स्थायी ब्लॉक देने के मकसद से करीब 700 ट्रेनों की गति बढ़ाने
और आवागमन के समय में समायोजन करने का फैसला किया है। वहीं 48 ट्रेनों को मेल एक्सप्रेस
के बजाय सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन में तब्दील करने का भी फैसला किया। उन्होंने
बताया कि अगले साल से आईसीएफ कोच के बजाय एलएचबी कोचों को इस्तेमाल में लाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इसरो के जरिये सभी रेल परिसंपत्तियों के उपग्रह आधारित मानचित्रण में
तेजी लाई जाएगी और वहीं ट्रेनों के आवागमन की जीपीएस आधारित रियल टाइम निगरानी से जुड़ी
परियोजना को भी कारगर बनाया जाएगा। इस मौके पर रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा, रेलवे
बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी आदि प्रमुख रेलवे अधिकारी भी मौजूद थे।
यात्री सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता
रेल
मंत्री पीयूष गोयल ने स्पष्ट किया कि सुरक्षा को उच्च प्राथमिकता देते हुए नई लाइनों,
आमान परिवर्तन, पटरियों के आवंटन के मुकाबले पटरी नवीकरण को प्राथमिकता देने पर
जोर रहेगा, जिनका अधिकारियों द्वारा क्षेत्रीय निरीक्षण पर विशेष बल देते हुए
रेलवे उनके रखरखाव ब्लॉकों को मंजूरी दिए जाने को उच्च प्राथमिकता देना पहला
लक्ष्य होगा। रेलवे ने मैनुअल इंटरलॉकिंग के स्थान पर इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल इंटरलॉकिंग
की संख्या बढ़ाने का भी निर्णय लिया है और शेष 5 हजार मानव रहित लेवल क्रॉंसिंग को
समयबद्ध ढंग से हटाने के काम में तेजी लाने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा
कि सुरक्षा व्यवस्था बेहतर बनाने की दिशा में ट्रैक उन्नयन के साथ ही ट्रेन प्रोटेक्शन
वार्निंग सिस्टम, मोबाइल ट्रेन रेडियो कम्युनिकेशन तथा अत्याधुनिक सिगनल प्रणाली के
माध्यम से रेल दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के अलावा हर प्रमुख रेलवे स्टेशन,
प्लेटफार्मो एवं ट्रेन के कोचों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के प्रावधान के जरिए सुरक्षा
का पूरा प्रबंध किया जाएगा। वहीं उन्होंने कहा कि रेलवे में पारदर्शिता बनाए रखने की
दिशा में आरपीएफ के जवानों और सभी टीटीई को अपनी यूनिफॉर्म में डियूटी करने के
निर्देश दिये गये हैं।
रेलवे को हाईटेक बनाने की योजना
पीयूष
गोयल ने कहा कि भारतीय रेलवे को हाईटेक बनाने की दिशा में मौजूदा सिग्नल प्रणाली
को बेहतर करने के लिए टीपीडब्ल्यूएस (रेल सुरक्षा एवं चेतावनी प्रणाली और एमटीआरसी
(मोबाइल ट्रेन रेडियो संचार) का उपयोग किया जाएगा। उपनगरीय और लम्बी दूरी की रेलगाडि़यों
में अत्याधुनिक सिग्नल प्रणाली लगाने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि
अगले चार-पांच सालों में रेलवे लाइनों के विद्युतीकरण का कार्य पूरा किया जाएगा। वहीं
रेलगाडि़यों, स्टेशनों, कार्यालय भवनों और आवासीय परिसरों में समयबद्ध ढंग से 100
फीसदी एलईडी लाइटिंग और कम ऊर्जा खपत वाले उपकरण जैसे कि पंखे, एसी इत्यादि लगाए जाएंगे।
इसी प्रकार दिसंबर 2018 तक लगभग 20 स्टेशनों का आधुनिकीकरण काफी तेजी से पूरा हो
जाएगा, जहां बेहतर बुनियादी ढांचागत एवं यात्री सुविधाएं होंगी। इसके अलावा लोको चालकों
के रनिंग रूम को वातानुकूलित किया जा रहा है।
तीन दिन में शुरू होंगी 100 नई उपनगरीय रेल सेवाएं
रेल
मंत्रालय के अनुसार रेल मंत्री पीयूष गोयल ने पश्चिमी रेलवे और मध्य रेलवे के मुंबई
में कुल उपनगरीय स्थानीय रेल सेवाएं वर्तमान 2983 सेवाओं को बढ़कर 3083 उपनगरीय सेवाओं
तक पहुंच जाएगी। इन नई 100 सेवाओं में से 32 नई सेवाएं पश्चिमी रेल में और 68 सेवाएं
मध्य रेलवे क्षेत्र में आरंभ की जाएंगी। मुंबई में कल 29 सितंबर को आयोजित एक
कार्यक्रम में इन नई रेल सेवाओं की शुरूआत की जाएगी। जबकि पश्चिमी रेलवे में 17 सेवाएं
1 अक्तूबर से ‘अप’ दिशा में और 15 सेवाएं ‘डाउन’ दिशा में आरंभ की जाएंगी। इसी
प्रकार मध्य रेलव में 14 उपनगरीय सेवाएं
2 अक्तूबर से ‘हार्बर लाइन’ पर आरंभ होंगी। जबकि ‘मेन लाइन’ पर 16 उपनगरीय सेवाएं
एक नवंबर से आरंभ होंगी। इसी प्रकार ‘हार्बर’
एवं ‘ट्रांस-हार्बर लाइन’ पर 24 उपनगरीय सेवाएं 31 जनवरी 2018 से आरंभ करने का
निर्णय लिया गया है। इन नई उपनरगीय सेवाओं के लागू होने से भीड़भाड़ में कमी आने और
तेज यातायात सेवा उपलब्ध होने से मुंबई उपनगरीय नेटवर्क पर रोजाना यात्रा करने वाले
77 लाख यात्रियों को फायदा होगा।
29Sep-2017
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